CAA का विरोध करने वालों को नहीं दिखती पाकिस्तानी हिन्दू लड़कियों की पीड़ा..!
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

CAA का विरोध करने वालों को नहीं दिखती पाकिस्तानी हिन्दू लड़कियों की पीड़ा..!

पाकिस्तान में अनुसूचित जाति के हिन्दुओं का जीवन सबसे अधिक भेदभाव का शिकार होता है क्योंकि एक तो वह धार्मिक अल्पसंख्यक हैं और दूसरा वे अनुसूचित जाति के हैं।

by सोनाली मिश्रा
Mar 12, 2024, 07:19 pm IST
in भारत, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत में अंतत: नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हो गया है और इसी के साथ एक बार फिर से कुछ घिसे पिटे स्वर उभरने वाले हैं कि जो प्रताड़ित होकर आएँगे उनमें मुसलमान क्यों नहीं है? यह अधिनियम पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों की नागरिकता को लेकर है जिनके साथ इन देशों में धर्म के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

मगर चूंकि भारत में एक बड़े वर्ग के लिए अल्पसंख्यक का अर्थ केवल और केवल मुसलमानों से है तो उन्हें ऐसा लग रहा है कि इन प्रताड़ित होते समुदायों में मुस्लिम सम्मिलित क्यों नहीं हैं? मगर एक प्रश्न का उत्तर वे लोग भी देने में समर्थ नहीं हैं कि आखिर मुस्लिम बहुल देशों में धर्म के आधार पर मुस्लिमों के साथ कैसा और क्या उत्पीडन हो सकता है?

यदि धार्मिक उत्पीड़न इन देशों में हो रहा है वह है गैर मुस्लिम समुदाय का और पाकिस्तान के विषय में तो कई रिपोर्ट्स इन अत्याचारों को प्रमाणिकता से स्थापित करती हैं। वहां पर हिन्दू समाज की लड़कियों को आए दिन उठा लिया जाता है और आए दिन इंटरनेट पर ऐसी खबरें सुर्खियाँ बनती रहती हैं, मगर भेदभाव वहां पर अत्यंत व्यापक रूप से दिखता है। इन्डियन इंस्टीट्युट ऑफ दलित स्टडीज ने वर्ष 2008 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें वंचित वर्ग के हिन्दुओं के साथ होने वाले व्यवहार के विषय में विस्तार से लिखा गया था।

इसमें लिखा है कि पाकिस्तान ने हमेशा ही यह कहा है कि सभी मुस्लिम एक देश है, माने पाकिस्तान। अभी भी पाकिस्तान में दो-राष्ट्र वाला सिद्धांत पढ़ाया जाता है कि पाकिस्तान को इस्लाम के नाम पर बनाया गया था क्योंकि भारत में दो मुख्य समुदाय थे और वह थे हिन्दू और मुसलमान! इसलिए मुस्लिमों ने अंग्रेजों से कहा कि चूंकि उनका मजहब, तहजीब और जीवनशैली एकदम अलग है तो उन्हें एक अलग देश दिया जाए।

इसी रिपोर्ट में लिखा है कि अनुसूचित जाति के हिन्दुओं का जीवन सबसे अधिक भेदभाव का शिकार होता है क्योंकि एक तो वह धार्मिक अल्पसंख्यक हैं और दूसरा वे अनुसूचित जाति के हैं।  जिन प्रान्तों में अनुसूचित जाति के हिन्दू निवास करते हैं, वहां की शिक्षा दर भी बहुत कम है। उस समय इस रिपोर्ट के अनुसार जिन चार जिलों में सर्वे किया गया था, उनमें सबसे कम साक्षरता दर थी। थापरकर में केवल 18 प्रतिशत साक्षरता दर थी तो वहीं सर्वे ने बताया था कि दक्षिणी पंजाब एवं सिंध में दो तिहाई अनुसूचित जाति की आबादी निरक्षर थी। आंकड़ों के अनुसार उमरकोट, थापरकर, रहीमयार खान और बहावलपुर की लगभग 74% अनुसूचित जाति की आबादी निरक्षर थी। जो 26% साक्षर होने का दावा कर रहे थे उनमें 15% ने प्राथमिक शिक्षा, 4 प्रतिशत ने माध्यमिक शिक्षा, और 4% ने उच्चतर माध्यमिक शिक्षा हासिल की थी, अनसूचित जाति के केवल 1 प्रतिशत लोग स्नातक थे और बहुत ही हम भाग्यशाली लोग परास्नातक की पढ़ाई कर सके थे।

ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या ऐसे लोगों को एक सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार नहीं है? क्या इन लोगों कि ऐसे ही हाल में छोड़ा जा सकता है? यदि नहीं तो फिर जब उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए भारत में नागरिकता क़ानून में संशोधन किया गया और लागू किया गया तो दलितों की बात करने का दावा करने वाले राजनीतिक दल क्यों विरोध में आ गए हैं?

पकिस्तान में निर्माण के साथ ही गैर मुस्लिमों के साथ भेदभाव आरम्भ हो गया था। पाकिस्तान सोशल साइंसेस रिव्यु की ओर से प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में भी यही कहा गया है कि जिन्ना की मौत के बाद जब लियाकत अली खान ने गद्दी सम्हाली थी तो यह कहा गया था कि पाकिस्तान के निर्माण से केवल आधा काम हुआ है, आधा काम शेष है और वह आधा काम था इसे “इस्लाम की प्रयोगशाला” बनाना! पाकिस्तान के पहले क़ानून मंत्री जोगंदर नाथ मंडल ने वर्ष 1950 में एक पत्रकार से कहा था कि हिन्दू पाकिस्तान में एक सुरक्षित भविष्य नहीं देखते हैं। उन्होंने यह कहा था कि वह भी कुछ सप्ताह हालात देखने के बाद भारत चले जाएंगे।

इस रिसर्च पेपर में लिखा है कि देश के जो तीनों संविधान बने अर्थात 1956,1962 और 1973, वे पूरी तरह से अल्पसंख्यक विरोधी थे। इन्होनें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जैसे पदों पर अल्पसंख्यकों के चुने जाने पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया।

ये तो कानूनी प्रावधान रहे, परन्तु कई रिपोर्ट्स ऐसी भी हैं जो यह बताती हैं कि कैसे गैर-मुस्लिम समुदाय को लगातार सामाजिक भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। यदि लड़कियों के अपहरण की बात की जाए तो विश्व सिन्धी कांग्रेस ने वार्स 2021 में एक रिपोर्ट में पाकिस्तान में हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों पर बात की थी।

पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों को अगवा करना और जबरन निकाह एक आम बात है। वर्ष 2012 में सिंध पाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहनलाल ने कहा था कि मार्च 2008 से लेकर 20 नवम्बर 2011 तक कुल 116 हिन्दू और 27 ईसाई लोगों को अगवा किया गया था और इनमें से 57 महिलाएं थीं। वर्ष 2019 में दैनिक जागरण में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें लिखा गया था कि पाकिस्तान में हर वर्ष लगभग 1000 हिन्दू लड़कियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन किया जाता है।

इसी रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान की मूवमेंट फॉर पीस एंड सोलिडिरिटी नाम की एक एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट कहा कि हर वर्ष 1000 अल्पसंख्यक धर्म की लड़कियों का अपहरण व जबरन शादी की जा रही है। पाकिस्तान की मीडिया ने ही यह खुलासा किया कि उमरकोट स्थित सरहंदी और मीरपुरखास की बारचुंदी शरीफ नाम के धार्मिक स्थल से ही दूसरे धर्म की लड़कियों को जबरन मुस्लिम बनाने का काम होता है।

वर्ष 2022 में जब भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर राजनीति की जा रही थी उसी समय कराची में एक 18 वर्षीय हिन्दू लड़की को इसलिए गोली मार दी गई थी क्योंकि उसने अपने अपहरण को विफल कर दिया था और जब अपहरणकर्ता अपने मकसद में नाकामयाब रहे तो उन्होंने उसे गोली मार दी थी।

जब भारत में इस बात का विरोध किया जा रहा था कि आखिर केवल पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों को नागरिकता संशोधन में नागरिकता दी जा सकती है, उसी समय कराची से ही दिसंबर 2022 में रोमिला का अपहरण कर लिया गया था।

ऐसी एक नहीं कई लड़कियां हैं जो अपने धार्मिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। लड़कियों को रिक्शावाला अगवा कर लेता है, या ट्यूटर अगवा कर लेता है और फिर उसे जबरन इस्लाम में मतांतरित कर लिया जाता है। बीबीसी भी अपनी एक रिपोर्ट में लिखता है कि “सिंध के दूर दराज़ के इलाकों में धार्मिक संस्थाएं दावा करती हैं कि उन्होंने सैकड़ों हिंदू महिलाओं को इस्लाम कबूल करवाया है। इनमें से ज़्यादातर लड़कियां भील, मेघवार और कोहली जैसी छोटी जातियों से आती हैं। अल्पसंख्यकों के अधिकार के लिए काम करने वाले संगठन और हिंदू समुदाय का दावा है कि धर्म परिवर्तन जबरन किया जा रहा है या उन लड़कियों का किया जाता है तो मुस्लिम युवकों के साथ चली जाती हैं।”

तमाम रिपोर्ट्स और आंकड़े पाकिस्तान में गैर मुस्लिम लड़कियों के साथ होने वाले अत्याचारों की बात करते हैं, और उनपर यह अत्याचार उनकी धार्मिक पहचान के कारण हो रहा है और उसी धार्मिक पहचान के कारण उन्हें भारत में नागरिकता का प्रावधान है तो फिर ऐसे में प्रश्न उन लोगों से है जो इस धार्मिक पहचान के आधार पर पाकिस्तान में उनपर हो रहे अत्याचारों का विरोध नहीं करते हैं और भारत में उन्हें इसी पहचान के साथ आने नहीं देते हैं, कि वे लोग क्यों दलित और महिलाओं के साथ खड़े नहीं हो रहे हैं, जो इस्लामी मुल्कों में अपनी लैंगिक एवं धार्मिक पहचान के कारण अत्याचारों का शिकार हो रही हैं?

Topics: suffering of Pakistani Hindu girlsPakistani Hindusanalysis of CAACitizenship Amendment Actपाकिस्तानी हिंदूनागरिकता संशोधन अधिनियमCAA का विरोधपाकिस्तानी हिंदू लड़कियों की पीड़ाCAA का विश्लेषणCAA protest
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Court Found Sharjeel Imam guilty

शरजील इमाम जामिया दंगे का मास्टरमाइंड, उसका भाषण जहरीला और भड़काऊ, साकेत कोर्ट ने तय किए गंभीर आरोप

पड़ोसी देशों में हिंदुओं के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन पर वैश्विक चुप्पी चिंताजनक : उपराष्ट्रपति धनखड़

फ्रांस में चुनाव परिणाम आने के बाद आगजनी करते वामपंथी और जिहादी

लोकतंत्र को ललकारती ‘उम्मत’

Pakistan hindu minor kidnapped raped and converted to islam

पाकिस्तान: हिन्दू लड़की नूरी का किया अपहरण, रेप; इस्लामिक कन्वर्जन और दो मुस्लिमों के साथ जबरन निकाह भी

शरणार्थी को भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट देते अधिकारी

CAA के तहत पहली बार 300 शरणार्थियों को मिली भारत की नागरिकता, दिए गए सर्टिफिकेट

CAA किसी भी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित नहीं करता : उपराष्ट्रपति

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies