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राष्ट्रहित की चौखट के अंतर्गत किसान हित की हमारी नीति को कमजोरी न समझें – भारतीय किसान संघ

भारतीय किसान संघ का कहना है कि लागत आधार पर लाभकारी मूल्य किसानों को मिले, कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त हो

by WEB DESK
Feb 24, 2024, 07:28 pm IST
in राजस्थान
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किशनगढ़/अजमेर। भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दूसरे दिन श्रीअन्न की विपणन व्यवस्था एवं किसान आंदोलन में राजनीतिक चुनावी पैंतरेबाजी पर प्रस्ताव पारित किए गए। किसान आन्दोलन के प्रस्ताव पर चर्चा में किसान प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। किसानों ने कहा कि हमारे संगठन की नीति है कि राष्ट्रहित की चौखट के अंतर्गत किसान हित होता है। इसलिए हम हिंसक आंदोलन का समर्थन नहीं करते, लेकिन सरकारें हमारे अनुशासन, राष्ट्रहित व संवाद की प्राथमिकता को कमजोरी न समझें।

भारतीय किसान संघ के प्रस्ताव में देशभर के किसानों की राय को रखते हुए महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि जब देश के किसान संगठन अनुशासन व शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली आकर किसानों की समस्याएं रखते हैं तो उनसे वार्तालाप करना सरकार मुनासिब नहीं समझती। सरकार का रवैया कहीं न कहीं खेद पूर्ण है, जिससे हिंसक आंदोलन की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलने की संभावना बढ़ती है। मोहिनी मोहन ने कहा कि किसान के नाम पर राजनीतिक चुनावी पैंतरेबाजी के कारण नुकसान सिर्फ किसानों का हो रहा है, जिसमें किसान पिस भी रहा है और मर भी रहा है, यह दुःखद है। आज देश में हिंसक आंदोलन द्वारा किसान आंदोलन के प्रति समाज में नकारात्मक भाव पैदा किया जा रहा है। प्रतिनिधि सभा में प्रस्तुत प्रस्ताव के माध्यम से किसान संघ ने मांग रखी कि हिंसक आंदोलन को प्रोत्साहन, समर्थन और सहायता नहीं मिलनी चाहिए। शासन, प्रशासन व समाज को भी हिंसक तरीकों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए।

किसान संघ ने किसानों की बेहतरी के लिए रखे सुझाव

किसान संघ के महामंत्री ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिनिधि सभा में कहा कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसानों को मिलना चाहिए। कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त की जाए। किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढ़ोतरी की जाए। जहर नहीं, जैविक को प्राथमिकता देकर जीएम बीज को अनुमति नहीं दी जाए। बीज किसानों का अधिकार है, मंडी व बाजार में किसानों का शोषण रोकने की व्यवस्था करें।

प्रतिनिधि सभा में श्री अन्न के संबंध में आए प्रस्ताव में कहा गया कि दुनिया को स्वास्थ्यवर्धक भोजन देने की दिशा में भारत का दिशा दर्शन भविष्य में वरदान साबित होगा। भारत सरकार द्वारा भी श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए अच्छा कार्य किया जा रहा है। देश के सुरक्षा सैन्य संस्थानों में कार्यरत सैन्य कर्मियों को पोषण आहार देने की मंशा से भोजन में सरकार ने पच्चीस प्रतिशत की भागीदारी की है। यह स्वागत योग्य कदम है। प्रस्ताव के माध्यम से किसान संघ ने सुझाव दिए कि श्री अन्न के पारंपरिक बीज के साथ कोई छेड़खानी न हो और इसके पर्याप्त उत्पादन व उचित मूल्य में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रस्ताव में किसान संघ ने श्री अन्न के विपणन के लिए व्यापक नीति बनाने की मांग भी रखी।

भारतीय किसान संघ का देशभर में सदस्यता अभियान चल रहा है, देश भर में एक लाख ग्राम समितियों का गठन कर एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसे लेकर प्रांत महामंत्रियों ने अपने प्रांत की सदस्यता का वृत्त व कार्ययोजना को प्रतिनिधि सभा में रखा।

Topics: Statement of Indian Farmers Unionभारतीय किसान संघकिसानfarmersकिसान आंदोलनअखिल भारतीय प्रतिनिधि सभाAll India Representative AssemblyFarmers Movementभारतीय किसान संघ का बयानIndian Farmers Union
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