केरल में हिन्दुओं का कन्वर्जन आम बात है, लेकिन वक्त के साथ कन्वर्जन कर ईसाई या फिर मुस्लिम बने लोगों को अपनी भूलों का आभास हो रहा है और वो सनातन धर्म में दोबारा से घर वापसी कर रहे हैं। इसी क्रम में केरल के इडुक्की और अलप्पुझा में एक साथ 92 लोगों ने सनातन धर्म अपना लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी ने हिन्दू संगठनों के घर वापसी अभियान के तहत रविवार को मंदिर में जाकर सनातन धर्म अपना लिया। इनमें से इडुक्की से 37 परिवारों के 65 लोगों ने एलप्पारा के एक मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सनातन धर्म में घर वापसी की। वहीं अलप्पुझा के कायमकुलम में पांच ईसाइयों ने भी घर वापसी की। हिन्दू संगठन के सूत्रों के मुताबिक, इस इलाके में 300 ऐसे परिवार हैं जो कि ईसाई हैं और वो सभी सनातन धर्म को अपनाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: घर वापसी: नसीमा से मीनाक्षी बनी युवती ने घर वापसी की बताई वजह, कहा- मुगलों के कारण पूर्वजों ने छोड़ा था सनातन धर्म
इस मामले को लेकर हिन्दू संगठन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि सनातन धर्म में घर वापसी करने वाले सभी लोग चेट्टीकुलंगरा, कन्नमंगलम और कायमकुलम से हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग सनातन धर्म से जुड़े कार्यक्रमों को सुनने आए थे और जब इन्हें लगा कि इन्हें घर वापसी करनी चाहिए तो इन्होंने हमारे लोगों से संपर्क कर अपनी इच्छा व्यक्त की। इसके बाद हमने पुजारी और सभी तरह से सामान की व्यवस्था की और सभी ने स्वेच्छा से घर वापसी कर ली। हिन्दू संगठन ने कहा है कि आने वाले वक्त में इस तरह के कार्यक्रम होते रहेंगे।
पुलिस का बयान
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने इडुक्की के पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा कि रविवार को घर वापसी कराने वाले करीब 100 लोग कार्यक्रम में थे। घर वापसी का ये कार्यक्रम इडुक्की के एलप्पारा में कीझेपेरुन्थारा मंदिर मैदान में आयोजित किया गया था। घर वापसी करने वाले भी अधिकांश लोग यहीं के थे। जिन लोगों ने घर वापसी की उन सभी को गिफ्ट के तौर पर हिन्दू संगठनों में गीता की एक प्रति दी। वहीं इस मामले को लेकर जिले के डीएसपी वीएन साजी ने कहा है कि प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को घर वापसी के लिए मजबूर नहीं किया गया।
इसे भी पढ़ें: घर वापसी: 5 लोगों ने की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म, जानिये ईसाई मिशनरियों ने दिया था क्या लालच
पुलिस अधिकारी ने कहा कि घर वापसी कार्यक्रम को शुरू करने से पहले स्टेज से बकायदा ऐलान किया गया था कि जो भी लोग धर्म परिवर्तन के लिए मंदिर आए हैं वो अपना निर्णय बदलने और अपने मौजूदा पंथ के साथ बने रहने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।
टिप्पणियाँ