आए राम धरा हुई धाम
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आए राम धरा हुई धाम

22 जनवरी, 2024 को पूरा हुआ। भगवान राघव अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए। 5 अगस्त, 2020 को 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का शिलान्यास किया था और 22 जनवरी, 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई।

by लखनऊ ब्यूरो
Jan 29, 2024, 10:59 am IST
in भारत, धर्म-संस्कृति
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सात दिवसीय अनुष्ठान और मंत्रोच्चार के बीच भव्य मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर अयोध्या के मंदिरों, छोटी गलियों से लेकर मुख्य मार्गों, सभी सरकारी, धार्मिक भवनों को आकर्षक तरीके से सजाया गया था

सपना वह नहीं होता, जो नींद में देखा जाता है। सपना वह होता है, जो खुली आंख से देखा जाता है। करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों ने अपने आराध्य भगवान श्रीराम की जन्म भूमि पर उनका भव्य मंदिर बनाने का सपना खुली आंखों से देखा था। न्याय के पर्याय भगवान राम के भव्य मंदिर का सपना न्यायपूर्ण तरीके से 22 जनवरी, 2024 को पूरा हुआ। भगवान राघव अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए। 5 अगस्त, 2020 को 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का शिलान्यास किया था और 22 जनवरी, 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई।

22 जनवरी को दिन में बारह बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथ में पारंपरिक वस्त्रों के साथ श्रीरामलला का छत्र और लाल वस्त्र लेकर मंदिर परिसर पहुंचे, समूचा वातावरण ‘जय सिया राम’ के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा।

प्रतीक्षा का समय कितना भी लंबा क्यों न हो, जैसे-तैसे कट जाता है, लेकिन जब कार्य पूर्ण होने की घड़ी निकट आ जाती है तो उत्सुकता बढ़ ही जाती है। भूमि पूजन के बाद से पूरे देश को प्रतिदिन मंदिर के बनने का इंतजार था। उत्सुकता बढ़ती ही जा रही थी। ठीक उसी तरह जब त्रेतायुग में भगवान राम आने वाले थे, तभी कौवे को माता कौशल्या ने कांव-कांव करते हुए सुना तो कहा-‘दूध भात की दोनों दैहों, सोने चोंच मढ़ैहौं।’ भगवान राम के अयोध्या लौटने पर त्रेता युग में जो हर्ष और उल्लास का वातावरण था, वही उत्सवी-उल्लास पूरे देश और दुनिया के कई देशों में दिखा। पूरे देश में दीपावली मनाई गई। हर घर पर दीप प्रज्ज्वलित हुए। हर जगह भंडारे का आयोजन किया गया।

अयोध्या समेत पूरा हिंदुस्थान और दुनिया के कई देश राम भक्ति से सराबोर हो उठे। इस अवसर पर पूरी अवधपुरी को सजाया गया था। अयोध्या के मंदिरों, छोटी गलियों से लेकर मुख्य मार्गों, सभी सरकारी, धार्मिक भवनों पर आकर्षक सजावट की गई थी। प्रतिदिन की भांति सरयू मैया की आरती की गई। इस दौरान वहां एक अलग ही उत्साह देखने को मिला। अनेक साधु-संतों के साथ विशिष्ट लोगों ने घाट पर आरती की। प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत सात बजे तक राम की पैड़ी पर प्रोजेक्शन शो का आयोजन किया गया। इसके बाद लेजर शो का आयोजन हुआ। इको फ्रेंडली आतिशबाजी भी की गई।

अद्भुत रहा सात दिवसीय अनुष्ठान

प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पांचवें दिन वास्तु पूजा हुई

प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सात दिन तक चला। इस दौरान राम जन्मभूमि परिसर में साढ़े पांच लाख मंत्रों का जाप किया गया। इसके लिए वाराणसी और देश के अन्य हिस्सों से 121 वैदिक कर्मकांडी ब्राह्मणों को बुलाया गया था। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले विग्रह का द्वादश अधिवास किया। 16 जनवरी को प्रायश्चित और कर्मकूटि पूजन हुआ।17 जनवरी को रामलला के विग्रह का मंदिर परिसर में प्रवेश करवाया गया। 18 जनवरी की शाम को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास,19 जनवरी को प्रात: औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास हुआ जबकि शाम को धान्याधिवास किया गया। 20 जनवरी को प्रात: शर्कराधिवास, फलाधिवास तथा शाम को रामलला की प्रतिमा का पुष्पाधिवास किया गया। 21 जनवरी को प्रात: मध्याधिवास और शाम को शय्याधिवास अनुष्ठान सम्पन्न हुआ। पहली बार ऐसे किसी आयोजन में पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों ने एक स्थान पर प्रतिभाग किया गया। शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क , माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामिनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराओं के प्रतिनिधि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए।

22 जनवरी को दिन में बारह बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथ में पारंपरिक वस्त्रों के साथ श्रीरामलला का छत्र और लाल वस्त्र लेकर मंदिर परिसर पहुंचे, समूचा वातावरण ‘जय सिया राम’ के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। प्रधानमंत्री ने कमल के फूल से पूजा-अर्चना की और फिर गर्भगृह में भगवान राम के बाल स्वरूप के दर्शन किए। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया गया। वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन में अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं को मुख्य आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित ने संपन्न कराया। इसके बाद उन्होंने श्रीरामलला के विग्रह की दिव्य आरती भी उतारी। इस दौरान गर्भ गृह में उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने महंत नृत्य गोपाल दास के पैर छू कर उनका आशीर्वाद लिया।

आरती के समय परिसर में उपस्थित सभी अतिथियों ने घंटी बजाई। आरती के समय जब सेना के हेलीकॉप्टर से मंदिर परिसर में मौजूद अतिथियों के साथ-साथ पूरी अयोध्या में पुष्प वर्षा की गई, तो लोग भाव-विभोर हो उठे। इस दौरान परिसर में 30 कलाकारों ने अलग-अलग भारतीय वाद्यों का वादन किया। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिन का विशेष अनुष्ठान व्रत किया था।

स्वामी गोविंद गिरि जी महाराज ने चरणामृत पिला कर उनका व्रत खुलवाया। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी कुबेर टीला पहुंचे, जहां उन्होंने शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। कुबेर टीले पर स्थित शिवलिंग अत्यंत प्राचीन है। श्री राम मंदिर निर्माण के समय शिवलिंग को संरक्षित किया गया था। पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों से मुलाकात की और अपने हाथों से सभी श्रमिकों पर पुष्प वर्षा की।

अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो रहे थे, तो दूसरी ओर रामनगरी, समूचे भारत की सांस्कृतिक गतिविधियों से सराबोर थी। 22 जनवरी को ‘सांस्कृतिक अयोध्या’ का दिव्य रूप लोगों ने देखा। 100 से अधिक मंचों पर सांस्कृतिक आयोजन किए गए। डमरू वादन, शंख वादन से अतिथि देवो भव की परंपरा का साक्षात्कार हुआ। धोबिया लोकनृत्य, फरुआही नृत्य से माटी की खुशबू बिखरी। उधर, गोरखपुर का वनटांग्यिा जनजातीय लोक नृत्य भी लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

अवधी व उत्तरांचल के नृत्य से अतिथियों का स्वागत किया गया। अवध में मयूर लोक नृत्य के माध्यम से ब्रज की झलक देखने को मिली। धर्मपथ से लेकर राम पथ, जन्मभूमि पथ, हवाईअड्डा, लता चौक सहित अन्य कई स्थानों पर नृत्य, वादन व गायन से पूरा वातावरण राममय हो उठा था। उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों के लोक नृत्यों के कलाकारों के साथ ही हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों के कलाकारों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

प्राण-प्रतिष्ठा के ठीक अगले दिन तड़के तीन बजे से ही भक्तों की लंबी कतार मंदिर में रामलला के दर्शन को आतुर थी। भक्तों की भीड़ इतनी थी कि लखनऊ से प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद एवं विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार को मंदिर परिसर पहुंचना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने अयोध्या का हवाई सर्वेक्षण किया और स्वयं मंदिर परिसर पहुंच कर भीड़ प्रबंधन को लेकर दिशा-निर्देश दिए।

भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए अयोध्या जाने वाली परिवहन विभाग की सभी बसों को रोकना पड़ा। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि भक्तगण अभी कुछ दिन रुक कर मंदिर में दर्शन करने जाएं। दरअसल, लोग प्रभु के दर्शन के लिए आतुर हैं। पूरे देश में जश्न और खुशी का माहौल है। बरसों के इंतजार के बाद रामलला टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। उनके उस स्वरूप के दर्शन की उत्सुकता हर सनातनी के मन में है।

Topics: Prime Minister Narendra Modiमोहनराव भागवतMohanrao BhagwatDarshan of Ramlalaरामलला के दर्शनRSSश्रीराम जन्म भूमि मंदिर का शिलान्यासत्रेतायुग में भगवान रामFoundation stone of Shri Ram Janmabhoomi templeLord Ram in Tretayugप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

विश्व में भारत का गौरव

कमला प्रसाद बिसेसर को सरयू का पवित्र जल सौंपते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो साभार: द हिन्दू)

राम मंदिर प्रतिकृति, गंगा और सरयू का पवित्र जल: पीएम मोदी का त्रिनिदाद की पीएम को उपहार

’21 हजार लगाओ, प्रतिदिन 1.25 लाख कमाओ’, क्या पीएम मोदी कर रहे निवेश योजना का प्रचार, जानें क्या है पूरा सच

RSS Suni Ambekar debunked Fake news

RSS को लेकर मीडिया फैला रहा मनगढ़ंत खबरें, ‘धर्मनिरपेक्ष-सामाजवादी बहस’ पर चल रहीं फेक न्यूज, जानिये क्या है सच्चाई

परिषद् के मंच पर श्री इंद्रेश कुमार के साथ अन्य अतिथि

‘सद‌्कर्म से निकलेगा समाधान’

पुरी रथ यात्रा में स्वयंसेवकों ने पेश की सेवा की मिसाल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies