कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडी गठबंधन के सहयोगी डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म करने वाले बयान के खिलाफ एफआईआर करने वाले वकील को धमकियां दी गई हैं। वकील डॉ कौशलेंद्र नारायण पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। उन्होंने इस मामले में पुलिस में शिकायत की है।
वकील कौशलेंद्र ने बताया कि गुरुवार को उनके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आई। इसमें सामने से वकील साहब को एफआईआर वापस लेने को कहा जाता है। इस पर जब वकील साहब सामने वाले व्यक्ति से उसकी पहचान पूछते हैं तो वो उन्हें धमकाते हुए कहता है कि चुपचाप से एफआईआर वापस ले लो वरना गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
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शिकायतकर्ता कौशलेंद्र नारायण ने बताया, “हमने पटना के कोतवाली थाने में एक लिखित आवेदन दिया है और उस फोन नंबर के बारे में विवरण दिया है, जिसका इस्तेमाल धमकी भरे कॉल करने के लिए किया गया था। मैंने इसकी सूचना पटना आईजी, डीएम और एसएसपी कार्यालय को भी दी है। फोन करने वाले ने मुझसे कहा कि तू सनातन धर्म का ठेकेदार बनता है। फोन करने वाले ने मुझे डराने की कोशिश की होगी लेकिन मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो ऐसी किसी कॉल से डरूंगा।”
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि पिछले साल चेन्नई में सनातन उन्मूलन सभा के एक कार्यक्रम में डीएमके नेता और मंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी। डीएमके नेता ने बदजुबानी करते हुए कहा था कि इस तरह की बीमारियों को रोका नहीं जा सकता इन्हें खत्म किया जा सकता है। सनातन धर्म को खत्म करना होगा।
उदयनिधि स्टालिन के इसी बयान के मामले में पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 15 जनवरी को नोटिस जारी करते हुए उन्हें 13 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित होने का बयान दिया है।
पटना की एमपी-एमएलए अदालत ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से करने पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को 15 जनवरी के लिए समन जारी किया। 13 फ़रवरी.
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