इजरायल हमास युद्ध के करीब 90 दिन हो चुके हैं। पूरा गाजा इजरायल के हमलों से धूल और मिट्टी का ढेर बन चुका है, लेकिन अब तक इजरायल को वो सफलता नहीं मिली है, जो वो चाहता है। युद्ध लंबा खिंचने का असर ये देखन को मिल रहा है कि फिलिस्तीन के प्रति दुनिया के कई देशों में संवेदनाएं बढ़ती जा रही हैं। जबकि अमेरिका पर इजरायल हमास युद्ध को रोकने का दबाव भी बढ़ रहा है। इसी क्रम में बीते तीन माह के अंदर चौथी बार मिडिल ईस्ट के दौरे पर पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को इजरायल से फिलिस्तीन राज्य बनाने की राह को आसान करने और अपने अधिक पड़ोसियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए “कठिन विकल्प” अपनाने का आग्रह किया।
ब्लिंकन ने इजरायल से इजरायलियों के साथ शांति से रहने के इच्छुक फिलिस्तीनी नेताओं का समर्थन करने का आग्रह किया। एक दिन के अपने तेल अवीव के दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री एक बार फिर से दोहराया कि ये बहुत ही अहम है कि इजरायल हमास से खतरे को कम करने के लिए जल्द से जल्द अपने उद्येश्यों को हासिल करे। खास बात ये है कि जब एंटनी ब्लिंकन तेल अवीव में गाजा-इजरायल युद्ध पर भाषण दे रहे तो उसी दौरान गाजा के दक्षिण और मध्य भागों में तीव्र लड़ाई चल रही थी।
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इजरायल पर युद्ध रोकने का बढ़ रहा दबाव
गौरतलब है कि गाजा में जब से इजरायली सेना ने विध्वंसक हमले शुरू किए हैं, तभी से दुनियाभर में गाजा के लिए संवेदनाएं बढ़ती जा रही है। गाजा के घनी आबादी वाले इलाके पर इजरायली हमले में भारी संख्या में फिलिस्तीनी लोगों की मौत और सैकड़ों हजारों लोगों के प्रभावित होने वाले मानवीय संकट पर अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल में सीमा पार से हमास के हमले के बाद इजरायली हवाई और जमीनी हमले में अब तक 23,210 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। उत्तर से दक्षिण तक बड़े क्षेत्रों को नष्ट कर दिया गया है।
इस कारण से अमेरिका पर दबाव बढ़ रहा है कि वो इजरायल को युद्ध रोकने के लिए मजबूर करे। क्योंकि अमेरिका इजरायल का बड़ा सहयोगी है वही उसे हथियार मुहैया करा रहा है। उधर लेबनान सीमा पर हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच भी गोलीबारी हो रही है।
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