नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को दिनभर विपक्ष के संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर हंगामा करने के चलते बाधित रही। इस दौरान विपक्ष के 14 सदस्यों को उनके अनुचित आचरण के चलते शीतकालीन सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित कर दिया गया।
लोकसभा की कार्यवाही पहले 2 बजे फिर 3 बजे और उसके बाद दिनभर के लिए स्थगित की गई। दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस के पांच सांसदों टीएन प्रतापन, हिबी हिडन, जोथिमनी, राम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस को सदन की कार्यवाही से निलंबित किया गया। इसके बाद भी हंगामा जारी रहा। कार्यवाही स्थगन के बाद दोबारा 3 बजे शुरू होने पर सदस्य वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, पीआर नटराजन, कनिमोझी, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन और मनिकम टैगोर को भी कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने बयान दिया। उन्होंने संसद सदस्यों को दर्शक दीर्घा के लिए पास जारी करते समय अधिक सावधानी बरतने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक की घटना की सभी सदस्यों को एक स्वर में निंदा करनी चाहिए। इस पर सदन में अराजकता फैलाने का कोई औचित्य नहीं है। घटना के बाद अध्यक्ष की ओर से स्वयं जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच के बाद सुरक्षा उपाय किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि इसी संसद में ऐसा हुआ है। पिछली संसद में भी इस तरह की घटनाएं हम देख चुके हैं।
लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे पुनः शुरू होने पर सरकार की ओर से केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चूक के विषय पर पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष को एक होकर बयान देना चाहिए और मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी जरूरी आवश्यक कार्रवाई की गई। सुरक्षा उपायों पर विचार हो रहा है। कुछ को लागू कर दिया गया है और कुछ को जल्द ही लागू किया जाएगा।
अपने बयान में संसदीय कार्यमंत्री ने पिछली संसद में हुई कुछ घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे तुलना नहीं कर रहे हैं लेकिन बता रहे हैं कि ऐसी घटनाओं से सीखा जा सकता है। लोकसभा अध्यक्ष संसद परिसर के कर्ता-धर्ता हैं। उन्होंने इस पर जांच के लिए पत्र लिखा है और मामले की सरकार जांच करा रही है। सरकार संवेदनशील है और चाहती है कि सदन का कामकाज प्रभावित नहीं होना चाहिए।
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