सोशल मीडिया पर पोस्ट किए अपने वीडियो को लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को निशाना बनाया गया। विपक्ष ने उन्हें रीढ़विहीन तक करार दे दिया। कहा गया कि और कितना गिरेंगे, अब बस यही दिन देखना रह गया था। उप राष्ट्रपति ने अपने वीडियो विपक्षी पार्टियों के इस रवैये पर अपना दुख व्यक्त किया है। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि झुकना औऱ नमस्कार करना मेरी आदत है। ये मेरे संस्कार हैं। मैं ये नहीं देखता कि सामने कौन है। कई बार बड़ी पीड़ा होती है। गिरावट की कोई सीमा होती है। बड़ा बुरा लगता है।
उन्होंने ये भी कहा, “संस्कारों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। सांस्कृतिक विरासत है झुकना औऱ नमस्कार करना। पद की गरिमा तभी रहती है, जब आदमी ज्यादा से ज्यादा झुके। यह पीड़ा मुझे उन लोगों ने दी है, जिनकी मैं बहुत ही इज्जत करता हूं।”
इसे भी पढ़ें: चुनौती बड़ी, सजगता बढ़ी
उपराष्ट्रपति अपनी व्यथा को व्यक्त कर ही रहे थे कि किसी मेंबर ने कुछ कहा, इस पर उन्होंने कहा कि यह मैं आप लोगों की बुद्धिमत्ता पर छोड़ता हूं। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने कहा कि वो बेहद विनम्र व्यक्ति हैं और घमंड उनके जीवन का भाग कभी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसी संस्था, जिसका देश में और देश की राजनीति में बहुत बड़ा स्थान है। आधिकारिक तौर पर ऐसा करते हैं। ऐसे में मैं अपनी पीड़ा और नाराजगी ही व्यक्त कर सकता हूं।
उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल मुझे ये भी देखना पड़ रहा है कितना झुकूं, किसके सामने झुकूं, फोटोग्राफर किस एंगल से फोटो ले रहा है, कौन इंस्टाग्राम पर डाल देगा, कौन ट्विटर पर डाल देगा, कौन मेरी रीढ़ की हड्डियों को तय करेगा। उपराष्ट्रपति के इस बयान के बाद पूरे सदन में सन्नाटा छा गया। विपक्षी पार्टियों को इस बात का तनिक भी अंदाजा नहीं था कि उपराष्ट्रपति विपक्ष के हमलों से खिन्न होकर सदन में अपने दर्द को जाहिर कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: CDS Bipin Rawat: ‘मैं एक सिपाही हूं, मैं जीतता हूं जहां मैं लड़ता हूं’, जनरल रावत की दहाड़ सुन जब डर गया था पाकिस्तान
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दूसरे को हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं। विपक्ष प्रमुख रूप से कांग्रेस इस वीडियो पर कमेंट करती है कि गिरने की कोई सीमा होती है। एक उपराष्ट्रपति और कितना नीचे गिरेगा। कांग्रेस नेताओं को सामान्य शिष्टाचार की भाषा भी नहीं समझ आई।
टिप्पणियाँ