झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म करने वाले बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, “कई मुगल राजाओं ने सनातन धर्म को नष्ट करने की कोशिश की और हिन्दुओं को मार डाला। मुझे यह सोचना हास्यास्पद लगता है कि जो सनातन ऐसे प्रयासों से बच गया, उसे उदयनिधि के द्वारा मिटा दिया जाएगा।”
राज्यपाल तमिलनाडु के सलेम के दौरे पर आए थे। यहां उन्होंने पेरिया मरियम्मन मंदिर में जाकर दर्शन किया। इसी दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। इसके साथ ही गवर्नर ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव जीतने और मुख्यमंत्री बनने से किसी को कुछ भी कहने या करने का अधिकार नहीं मिल जाता है। राधाकृष्णन ने कहा, “सिर्फ इसलिए कि एक मुख्यमंत्री चुनाव जीत गया, संविधान उसे कुछ भी कहने या करने के लिए मान्यता नहीं देता है।”
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इसके साथ ही झारखंड के राज्यपाल ने संविधान की रक्षा करने और इसके विपरीत विधेयकों को रोकने के राज्यपाल के कर्तव्य पर प्रकाश डाला। राज्यपाल की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में राधाकृष्णन ने कहा, “यह राज्यपाल का कर्तव्य है कि वह किसी भी विधेयक को रोक दे जो संविधान के विपरीत है।”
क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने
गौरतलब है कि सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में बोलते हुए बीते दिनों तमिलनाडु के मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि विवादित बयान दिया था। उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से करते हुए कहा था कि जैसे इन बीमारियों को खत्म कर देना चाहिए, वैसे ही सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए।
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डीएमके नेता के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जो रावण के अहंकार, कंस की हुंकार, बाबर और औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा उस सनातन धर्म को कोई क्या मिटा पाएगा। गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने भी उदयनिधि पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म को न तो कोई मिटा पाया है औऱ न ही कोई मिटा पाएगा।
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