लोक गीतों से जगाई अलख

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यू कियांग नोंगबा

जन्म : जोवाई (मेघालय)
बलिदान : 30 दिसंबर, 1862

वर्ष 1835 में अंग्रेजों ने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाते हुए मेघालय के जयंतियापुर को पहाड़ी और मैदानी भागों में बांट दिया। भयवश राज्य के शासक ने इस विभाजन को मान लिया, लेकिन जनता और मंत्रिमंडल ने नकार दिया।

इसके बाद युवा यू कियांग नोंगबा जनजाति वीरों की सेना बनाने में जुट गए। वे लोक गीतों के माध्यम से जनजाति समाज को तीर-तलवार उठाने के लिए प्रेरित करते थे।

उनके प्रयासों से जनजाति वीरों ने अंग्रेजों के सात सैनिक स्थानों पर हमला बोल दिया। लगभग 20 महीने तक लड़ाई चलती रही। घायल होने के बाद भी वे लड़ते रहे। अंतत: उनके ही एक गद्दार साथी के सहयोग से अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया।

30 दिसंबर, 1862 को जोवाई शहर में सार्वजनिक रूप से उनकी हत्या कर दी गई।

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