फिलिस्तीन समर्थकों द्वारा गाजा में ‘मानवाधिकार हनन’ के इस्राएल पर भले कितने ही आरोप लगाएं, तथ्यों के आधार पर असलियत यही है कि हमास के जिहादी अस्पतालों और शरणार्थी शिविरों में महिलाओं और बच्चों की आड़ में अपने हथियार छुपाए दुबके बैठे हैं। उन्हें यही लगता है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और इस्लामी देशों के दुष्प्रचार व दबाव की वजह से इस्राएली सीधे इन जगहों पर बम नहीं गिराएंगे, न ही इन जगहों पर सैनिक धावा बोलेंगे।
अस्पतालों में उनके द्वारा बनाई गई सुरंगों और उनमें छिपाए गए हथियारों का सोशल मीडिया पर अनेक वीडियो के माध्यम से खुलासा हो चुका है। यहां तक कि अस्पतालों के एमआरआई कक्षों और कार्डियोलॉजी कक्षों तक में हथियारों के जखीरे मिले हैं। यानी हमास ने अस्पतालों को आपातकालीन युद्ध अड्डा बना रखा है।
इन सभी तथ्यों को इस्राइल डिफेंस फोर्स ने दुनिया के सामने कई मौकों पर रखा है। गाजा का अल शिफा अस्पताल सबसे बड़ा बताया गया है। यहां एक लंबी सुरंग होने के सचित्र प्रमाण दिए जा चुके हैं। इस्राएल के सैन्य अधिकारियों के अनुसार, अस्पताल में दाखिल होने के रास्ते के शुरू होते ही जमीन के 10 मीटर नीचे एक 55 मीटर लंबाई वाला सुरंग को जाता गलियारा साफ दिखाई दिया है जिसके वीडियो भी जारी किए गए हैं।
इतना ही नहीं, जिहादी हमास ने अल शिफा अस्पताल के कार्डियोलॉजी कक्ष में भी विस्फोटकों तथा हथियारों के भंडार जमा किए हुए हैं। एमआरआई कक्ष में भी इस्लामी जिहादियों ने दीवारों के अंदर भारी मात्रा में विस्फोटक छुपाए हुए थे। और फिजियोथेरेपी वाले कक्ष में भी हथियार मिले हैं। दन सबकी वीडियोग्राफी करते हुए इस्राइल डिफेंस फोर्स ने हमास द्वारा अल शिफा अस्पताल को किस तरह एक जिहादी अड्डे में परिवर्तित कर दिया था, उसके तमाम सबूत सामने रख दिए हैं। अस्पताल के अनेक वार्डों ने नीचे से सुरंगें बनाई हुई हैं। उनमें भी आधुनिक हथियार और संचार के उपकरण पकड़ में आए हैं। अस्पताल तो अस्पताल, आसपास के भवनों और स्कूलों तक को इन जिहादियों द्वारा अपने अड्डों में बदला जा चुका था। यहीं से वे अपनी जिहादी हरकतों को अंजाम देते आ रहे थे।
इस्राइल डिफेंस फोर्स ने अस्पताल परिसर में कई जगहों से खोदकर आईडीएफ यंत्र भी बरामद किए हैं। जिहादी हमास ने गाजा पट्टी के लगभग 28 अस्पतालों, स्कूलों और शरणार्थी शिविरों को अपने जिहादी कामों में इस्तेमाल करने का खतरनाक षड्यंत्र रचा हुआ था। वे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की आड़ लेकर जिस तरह शैतानी हरकतों को अंजाम देते आ रहे थे, उसके कारण इन सब आमजन की जान खतरे में ही थी। अब जो फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी, मीडिया समूह इस प्रकार से ‘मानवाधिकारों’ को लेकर हायतौबा मचा रहे हैं, उसके पीछे एक बड़ा कट्टर और इस्लामवादी अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र दिखाई देता है।
हमास समर्थित प्रतीत होते इस पूरे विमर्श को जिन मीडिया समूहों द्वारा ‘सकारात्मक’ और भावुक पुट देकर प्रसारित किया जा रहा है उनमें दोहा का अल जजीरा चैनल भी भूमिका निभा रहा है। इसके समाचारों में एंकर के पीछे बच्चों की कफन ढकी लाशों और विलाप करते फिलिस्तीनियों की छवि स्थायी तौर पर दिखाई जा रही है। अस्पताल में जिहादियों के हथियार मिलने के वीडियो सबूतों को ‘अविश्वसनीय’ और बेबुनियाद बताया जा रहा है। इस चैनल पर बुलाए जाने वाले मेहमान विशेषज्ञ भी अधिकांशत: इस्लामवादी और एकपक्षीय ही होते हैं। समाचारों में घूम—फिरकर ‘महिलाओं और बच्चों की बदहाली’ को लेकर ‘अफसोस’ जता—जताकर आम लोगों की संवेदनाएं भड़काने की कोशिशें की जा रही हैं।
आईडीएफ़ ने न सिर्फ अल शिफा अस्पताल में मौजूद लंबी सुरंग को ध्वस्त कर दिया है, बल्कि आसपास के इलाकों से भी हमास की सुरंगें उघाड़कर तोड़ी जा रही हैं। एक प्रकार से गाजा का पूरा क्षेत्र हमास की ऐसी सुरंगों से पटा पड़ा है। लेकिन इस्राएल की पुख्ता कार्रवाई अब हमास के सभी गुप्त अड्डों तक पहुंचने का इरादा रखती है। इस्राएल ने जिहादी संगठन के विरुद्ध एक लंबी व निर्णायक लड़ाई लड़ने की कसमें खाई हुई हैं।
क्या यह कोई छोटी—मोटी बात है कि अस्पताल में जमीन के नीचे—नीचे से सुरंग अगल—बगल की बिल्डिंगों तक जाए। हमास ने बहुत सोच—समझकर ऐसे अनेक गुप्त मार्ग बनाए हुए हैं। इस्राएल की फौज ने अल शिफा अस्पताल से निकलती सुरंग के साथ ही उससे जुड़तीं सभी सुरंगों को कब्जे में कर लिया है। ये सभी सुरंगें इतनी चाकचौबंद हैं कि किसी आपात हमले की सूरत में सुरंग के भीतर किसी को आंच नहीं आती। सुरंग के दरवाजे गोली और बम रोधी हैं। बड़े धमाके भी इन्हें नष्ट नहीं कर पाते।
हैवानियत की मिसाल देखिए कि हमास के जिहादियों ने सुरंगों में ही नहीं, जच्चा—बच्चा वार्ड में भी हथियारों का भंडार जमा किया हुआ था। अन्य कई वार्डों में भी हथियार ऐसे छिपाए गए थे जो सीधे देखने पर नजर नहीं आते थे। पूरे अस्पताल में जगह—जगह दीवारों को खोदकर बंदूकें और अन्य हथियारा चिने हुए थे।
दिलचस्प बात है कि अल जजीरा का कैमरा भी अस्पताल के गलियारों में घुमाया गया लेकिन उसके फ्रेम में बस ‘रोते बच्चे और महिलाएं’ ही आईं, डाक्टरों की ‘बेबसी’ और आम नागरिकों की ‘बदहवासी’ ही आते रहे हैं। इस अस्पताल को गाजा के हजारों लोगों ने अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा है।
इस्राएल के इन वीडियो मय सबूतों को झुठलाने में कट्टरपंथी मुस्लिम और इस्लामी मीडिया वाले एकदम से और एकसाथ झुठलाने के लिए तैयार दिखे। ‘विशेषज्ञ’ आंखों से दिखते सबूतों को ‘शक के दायरे में’ ठहराते दिखे।
आईडीएफ़ ने न सिर्फ अल शिफा अस्पताल में मौजूद लंबी सुरंग को ध्वस्त कर दिया है, बल्कि आसपास के इलाकों से भी हमास की सुरंगें उघाड़कर तोड़ी जा रही हैं। एक प्रकार से गाजा का पूरा क्षेत्र हमास की ऐसी सुरंगों से पटा पड़ा है। लेकिन इस्राएल की पुख्ता कार्रवाई अब हमास के सभी गुप्त अड्डों तक पहुंचने का इरादा रखती है। इस्राएल ने जिहादी संगठन के विरुद्ध एक लंबी व निर्णायक लड़ाई लड़ने की कसमें खाई हुई हैं।
टिप्पणियाँ