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अयोध्या दीपोत्सव :‘अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय’

त्रेतायुग में जिस तरह 14 वर्ष के वनवास और लंका विजय के पश्चात् भगवान राम के माता सीता एवं लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आने पर उनका भव्य स्वागत हुआ था, इस दीपावली पर अयोध्या नगरी वैसी ही जगमगाई

by लखनऊ ब्यूरो
Nov 17, 2023, 11:55 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश, धर्म-संस्कृति
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दीपोत्सव पर सरयू नदी के घाट पर 22.23 लाख दीये जलाए गए। राम की पैड़ी पर भी नया रिकॉर्ड बना। कई राज्यों और शहरों से आए श्रद्धालु इस भव्य आयोजन

इस बार अयोध्या में 7वां दीपोत्सव शानदार अंदाज में मनाया गया। दीपोत्सव पर सरयू नदी के घाट पर 22.23 लाख दीये जलाए गए। राम की पैड़ी पर भी नया रिकॉर्ड बना। कई राज्यों और शहरों से आए श्रद्धालु इस भव्य आयोजन के गवाह बने। कार्यक्रम के आखिर में सरयू पुल पर ग्रीन पटाखों से आतिशबाजी की गई, जिस पर लगभग 80 लाख रुपये खर्च हुए। इस भव्य आयोजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय! लाखों दीयों से जगमग अयोध्या नगरी के भव्य दीपोत्सव से सारा देश प्रकाशमान हो रहा है। इससे निकली ऊर्जा संपूर्ण भारतवर्ष में नई उमंग और नए उत्साह का संचार कर रही है। मेरी कामना है कि भगवान श्रीराम समस्त देशवासियों का कल्याण करें और मेरे सभी परिवारजनों की प्रेरणाशक्ति बनें। जय सियाराम!’’

रामनगरी के लिए यह दीपावली बहुत खास रही, क्योंकि 22 जनवरी, 2024 को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इसलिए दीप पर्व को यादगार बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। पूरी अयोध्या को नव वधु की तरह सजाया गया था। जिस तरह त्रेतायुग में 14 वर्ष के वनवास और लंका विजय के पश्चात् अयोध्या वापस आने पर भगवान राम का भव्य स्वागत किया गया था, वैसी ही तैयारियां की गई थीं। श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जब पुष्पक विमान रूपी हेलिकॉप्टर से रामकथा पार्क में उतरे, तब हेलिकॉप्टर से पूरी नगरी में पुष्पवर्षा की गई। यह दृश्य भाव-विभोर करने वाला था। 9 से 11 नवंबर तक चले दीपोत्सव में 24 राज्यों के करीब 2500 कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति से लोगों के मन को मोहा।

इस दौरान भरत कुंड, गुप्तार घाट, बिरला धर्मशाला, रामघाट और रामकथा पार्क में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दीपावली के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिस रथ पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण सवार थे, उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खींच रहे थे।

‘समूचे हिन्दुस्थान का सौभाग्य है अयोध्या’

-जयवीर सिंह, संस्कृति मंत्री

जयवीर सिंह, संस्कृति मंत्री

अयोध्या की जिस धरती से प्रकाश पर्व शुरू हुआ था, उस अयोध्या के गौरव और दीपोत्सव को आज पूरा विश्व देख रहा है। पाञ्चजन्य के लखनऊ ब्यूरो प्रभारी सुनील राय ने उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह से बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसी वार्त्ता के अंश-

प्रकाश पर्व अयोध्या की धरती से शुरू हुआ, लेकिन वहीं यह उपेक्षित रहा। आज पूरे विश्व में दीपोत्सव का संदेश जा रहा है। इस पर आप क्या कहेंगे?
इस दीपोत्सव की महत्वपूर्ण बात यह थी कि इसमें 54 महत्वपूर्ण देशों के राजनयिक भी मौजूद रहे। यह दीपोत्सव सभी को त्रेता युग की याद दिलाता है, जब भगवान श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस लौटे थे। अयोध्यावासियों ने उनका जिस प्रकार से तब स्वागत-सत्कार किया था, वैसा ही स्वागत अब देखने को मिला। यह अयोध्या, पूरे हिन्दुस्थान का सौभाग्य है। भारतीय सनातन संस्कृति की ओर से यह संदेश पूरे विश्व पटल पर पहुंच चुका है। पहले विपक्ष के लोग व्यंग्य करते हुए मंदिर बनने की तारीख पूछते थे। हमने मंदिर की तारीख भी बता दी और मंदिर भी बना दिया है।

अयोध्या को विश्व स्तरीय शहर बनाने के संकल्प पर कितना आगे बढ़ पाए हैं?
आने वाले दिनों में अयोध्या विकास की धुरी बनेगी। अयोध्यावासियों के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के शुरू होने के बाद श्रद्धालु सीधे अयोध्या पहुंचेंगे। पर्यटन, परिवहन एवं होटल आदि के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। होटल क्षेत्र में बड़े-बड़े समूह निवेश करना चाहते हैं। सरकार इस बात की भी चिंता करेगी कि अत्यंत साधारण व्यक्ति को भी श्रीरामलला के दर्शन में कोई असुविधा न होने पाए।

आज अयोध्या में इतनी संभावनाएं हैं, फिर यह इतने वर्षों तक उपेक्षित क्यों रही?
पिछली सरकारों के नेता अयोध्या का नाम लेने से डरते थे। उन्हें डर था कि अयोध्या का नाम लेंगे, तो मुसलमान नाराज हो जाएंगे। इसी डर से वे लोग कभी अयोध्या नहीं गए। उन्होंने अयोध्या का विकास नहीं किया। आज केंद्र और प्रदेश की सरकार अयोध्या को विश्व पटल पर लेकर जा रही हैं। श्रीलंका, दक्षिण कोरिया, जापान सहित विश्व के कई देशों में हमारे देवी-देवताओं की पूजा होती है। जापान यात्रा के दौरान मैंने देखा कि वहां पूजे जाने वाले सात देवताओं में से चार देवता सनातन धर्म के हैं। इससे स्पष्ट है कि सनातन धर्म विश्वव्यापी है।

 ‘‘अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय! लाखों दीयों से जगमग अयोध्या नगरी के भव्य दीपोत्सव से सारा देश प्रकाशमान हो रहा है। इससे निकली ऊर्जा संपूर्ण भारतवर्ष में नई उमंग और नए उत्साह का संचार कर रही है। मेरी कामना है कि भगवान श्रीराम समस्त देशवासियों का कल्याण करें और मेरे सभी परिवारजनों की प्रेरणाशक्ति बनें। जय सियाराम!’’ -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं, ‘‘मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि अयोध्या की धरती पर दीपावली पर कोई विशेष आयोजन नहीं होता। इसलिए 2017 में दीपोत्सव के आयोजन का लक्ष्य तय किया गया। तब से अयोध्या में दीपोत्सव का लगातार भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसे पूरी दुनिया देख रही है। प्रत्येक वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं। आज से छह वर्ष पहले क्या कोई सोचता था कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन पाएगा। यह एक सपना था, लेकिन आज राम मंदिर निर्माण के साथ रामलला के विराजमान होने की तिथि भी तय हो गई है। हमारा दायित्व है कि हम 22 जनवरी के एक सप्ताह पहले से ही राम नाम के संकीर्तन और अखंड रामायण पाठ के साथ अपने-अपने घरों से जुड़ें। भगवान श्रीरामलला के विराजमान होने के 500 वर्षों की प्रतीक्षा को याद कर अपने-अपने घरों पर पांच-पांच दीपक प्रज्वलित करें। श्रीरामलला के विराजमान होने का वह क्षण अद्भुत होगा। यह दुनिया को यह बताने का अवसर होगा कि हम शांति से भी और क्रांति से भी अपना हक लेने का सामर्थ्य रखते हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन इसका उदाहरण है। आज भव्य मंदिर का सपना साकार हो रहा है।’’

अयोध्या में 30,500 करोड़ रुपये की 178 विकास परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। अगर निजी क्षेत्र की भी भागीदारी जोड़ लें, तो आने वाले समय में यहां 50 हजार करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेती दिखेंगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या भगवान श्रीराम की प्रिय नगरी है और इसे दुनिया की सबसे सुंदर नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। आज अयोध्या में जितने श्रद्धालु आ रहे हैं, उससे 10 गुना अधिक श्रद्धालु आगामी मकर संक्रांति और 22 जनवरी, 2024 को भव्य राम मंदिर के उद्घाटन के बाद आने लगेंगे। इसलिए अयोध्यावासी अभी से ‘अतिथि देवो भव’ के संकल्प के साथ जुड़ जाएं। हम सब नई अयोध्या को बनते हुए देख रहे हैं। अयोध्या में 30,500 करोड़ रुपये की 178 विकास परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। अगर निजी क्षेत्र की भी भागीदारी जोड़ लें, तो आने वाले समय में यहां 50 हजार करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेती दिखेंगी। इससे लाखों की संख्या में रोजगार का सृजन होगा। यह वही उत्तर प्रदेश है, जहां कभी अराजकता फैली रहती थी।’’

जैसे-जैसे अयोध्या का विकास हो रहा है, यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। अयोध्या को चार व छह मार्ग की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। विश्वस्तरीय हवाईअड्डा और रेलवे स्टेशन बन रहे हैं। रामनगरी को सोलर सिटी बनाया जा रहा है, जहां सब कुछ सौर ऊर्जा से संचालित होगा।

Topics: Saryu river on DeepotsavJai Siyaram‘अतिथि देवो भव’अयोध्या नगरीAyodhya citymanasभव्य राम मंदिरदीपोत्सव पर सरयू नदीजय सियारामAtithi Devo Bhavagrand Ram temple
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