राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तमिलनाडु में बैन कट्टर इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए अवैध गतिविधियों से संबंधित एक मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट फाइल की है। जांच एजेंसी के मुताबिक, तीनों आरोपी अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद यूसुफ और खिजर पीएफआई के मेंबर हैं अब स्पपेशल एनआईए कोर्ट में इनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किए जाएंगे।
इससे पहले ने देश विरोधी गितिविधियों में शामिल होने के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई के नेताओं, सदस्यों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक मामले में 17 मार्च को 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एक अधिकारी ने कहा कि वे चेन्नई के पुरसावक्कम स्थित अपने राज्य मुख्यालय के साथ-साथ तमिलनाडु के विभिन्न जिला कार्यालयों के माध्यम से काम करते थे और उनके प्रमुख संगठन उनकी सहायता कर रहे थे।
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एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक, जांच के दौरान आरोपी रज्जाक, यूसुफ और खिजर के घरों पर छापेमारी की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों को 9 मई को चेन्नई की विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया था।
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क्या है पूरा मामला
एनआईए का आरोप है कि पीएफआई ने संगठन में नए कैडरों की भर्ती की साजिश रची थी। इस भर्ती का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों को ट्रेंड किया जाना था। गौरतलब है कि पीएफआई एक इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन है, जो कि भारत सरकार के खिलाफ साजिश रच रहा है। कुछ महीनों पहले बिहार में पीएफआई के खिलाफ छापेमारी की गई थी।
जिसमें, पीएफआई की साजिश का खुलासा हुआ था कि कट्टरपंथी संगठन 2045 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के एजेंडे पर काम कर रहा है। इसी के बाद भारत सरकार अलर्ट हो गई। देश में पीएफआई के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया।
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