RSS स्थापना दिवस: देश को तोड़ने वाली और हिंसा भड़काने वाली टूल किट से रहें सावधान, सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने की अपील
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

RSS स्थापना दिवस: देश को तोड़ने वाली और हिंसा भड़काने वाली टूल किट से रहें सावधान, सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने की अपील

सरसंघचालक ने कहा कि देश की एकात्मता, अखंडता, अस्मिता तथा विकास के मुद्दों पर विचार करते हुए अपना मत दें ।

by Sudhir Kumar Pandey
Oct 24, 2023, 07:58 pm IST
in भारत, महाराष्ट्र
डॉ मोहन भागवत, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

डॉ मोहन भागवत, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 98 वें स्थापना दिवस के अवसर पर नागपुर के रेशिम बाग मैदान में समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कई विषयों पर अपनी बात रखी। उन्होंने समाज की समरसता पर बात की। कहा कि समाज की स्थायी एकता अपनेपन से निकलती है, स्वार्थ के सौदों से नहीं। डॉ भागवत ने हिंसा भड़काने वाली टूलकिट्स से भी सचेत रहने को कहा।

मुख्य उद्बोधन में सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने कहा कि हमारा समाज बहुत बड़ा है । बहुत विविधताओं से भरा है । कालक्रम में कुछ विदेश की कुछ आक्रामक परंपराएँ भी हमारे देश में प्रवेश कर गईं, फिर भी हमारा समाज इन्हीं तीन बातों के आधार पर एक समाज बनकर रहा । इसलिए हम जब एकता की चर्चा करते हैं, तब हमें यह ध्यान रखना होगा कि यह एकता किसी लेन-देन के कारण नहीं बनेगी । जबरदस्ती बनाई तो बार बार बिगड़ेगी । आज के वातावरण में समाज में कलह फैलाने के चले हुए प्रयासों को देखकर बहुत लोग स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं, मिलते रहते हैं । अपने आपको हिंदू कहलाने वाले सज्जन भी मिलते हैं, जिनको उनकी पूजा के कारण मुसलमान, ईसाई कहा जाता है, ऐसे भी लोग मिलते हैं । उनकी मान्यता है कि फितना, फसाद व कितान को छोड़कर सुलह, सलामती व अमन पर चलना ही श्रेष्ठता है । इन चर्चाओं में ध्यान रखने की पहली बात यही है कि, संयोग से एक भूमि में एकत्र आए विभिन्न समुदायों के एक होने की बात नहीं है । हम समान पूर्वजों के वंशज, एक मातृभूमि की संताने, एक संस्कृति के विरासतदार, परस्पर एकता को भूल गए । हमारे उस मूल एकत्व को समझकर उसी के आधार पर हमें फिर जुड़ जाना है ।

अपनेपन की दृष्टि अपनाकर व्यवहार प्रारंभ करें

क्या हमारी आपस में कोई समस्या नहीं है ? क्या हमारी अपने विकास के लिए कोई आवश्यकता, अपेक्षा नहीं है ? क्या पाने विकास के लिए हमारी आपस में स्पर्धा नहीं चलती है ? क्या हममें से सब लोग मन, वचन, कर्म से इन एकात्मता के सूत्रों को मानकर व्यवहार करते हैं ? सब जानते हैं कि सबका ऐसा नहीं है । परंतु ऐसा हो यह इच्छा रखनेवालों को यह कहकर नहीं चलेगा, कि पहले समस्याएँ समाप्त हों, पहले प्रश्नों के समाधान हों, फिर हम एकता की बातों का ध्यान करेंगे । हम सभी को यह समझना पड़ेगा कि हम अपनेपन की दृष्टि अपनाकर व्यवहार प्रारंभ करें तो उसी में से समस्याओं के समाधान भी निकलेंगे । इधर उधर घटनेवाली घटनाओं से विचलित न होते हुए, शांति व संयम से काम लेना पड़ेगा । समस्याएं वास्तविक हैं परन्तु वह केवल एक जाति, वर्ग के लिए ही नहीं हैं । उनको सुलझाने के प्रयासों के साथ-साथ आत्मीयता व एकता की मानसिकता भी बनानी पड़ेगी । विक्टिमहुड की मानसिकता, एक दूसरे को अविश्वास के दृष्टि से ही देखना अथवा राजनीतिक वर्चस्व के दांवपेचों से अलग होकर चलना पड़ेगा । ऐसे कार्यों में राजनीति बाधक ही बनती है । यह कोई शरणागति या मजबूरी नहीं है । युद्धरत दो पक्षों का सीज फायर भी नहीं है । भारत की सभी विविधताओं में परस्पर एकता के जो सूत्र विद्यमान हैं, उन सूत्रों के अपनेपन की यह पुकार है ।

भारत के संविधान का भी 75 वा वर्ष चल रहा है

उन्होंने कहा कि अपने स्वतन्त्र भारत के संविधान का भी 75 वा वर्ष चल रहा है । वह संविधान हमको यही दिशा दिखाता है। पूज्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के द्वारा संविधान प्रदत्त करते समय संविधान सभा में जो दो भाषण दिए गए उनका ध्यान करेंगे तो यही सार समझ में आता है। यह यकायक होनेवाला काम नहीं है । पुराने संघर्षों की कटु स्मृतियाँ अभी भी सामूहिक मन में हैं । विभाजन की दारुण विभीषिका का घाव बहुत गहरा है । उसकी क्रिया प्रतिक्रिया के चलते जो क्षोभ मन में पैदा होता है उसकी रंजिश वाणी व व्यवहार में प्रकट होती है । एक दूसरे की बस्तियों में घर न मिल पाने से लेकर तो एक दूसरे के बारे में ऊँच नीच का, तिरस्कार का व्यवहार होने तक के कटु अनुभव हैं । हिंसा, दंगे, प्रताड़ना आदि की घटनाओं का दोष एक दूसरे पर मढ़ा जाने के प्रसंग भी घटते हैं । कुछ लोगों का करना पूरे समाज का करना है, ऐसे मानकर वाणी और विचार छोड़े जाते हैं । आह्वान, प्रति आह्वान दिए जाते हैं, जो उकसावे का काम करते हैं ।

हिंसा भड़काने वाली “टूल किट्स” सक्रिय हो जाती हैं

हमको लड़ाकर देश को तोड़ना चाहनेवाली ताकतें भी इसका पूरा लाभ उठाती हैं । देखते-देखते छोटी सी घटना को बड़ा रूप देकर प्रचारित किया जाता है । देश विदेश से चिंता व्यक्त करनेवाले और चेतावनी देनेवाले वक्तव्य करवाए जाते हैं। हिंसा भड़काने वाली “टूल किट्स” सक्रिय हो जाती हैं और परस्पर अविश्वास और द्वेष को और बढ़ाया जाता है । समाज में सामरस्य चाहनेवाले सभी को इन घातक खेलों की माया से बचना पड़ेगा। इन सभी समस्याओं का निदान धीरे धीरे ही निकलेगा । उसके लिए देश में विश्वास का तथा सौहार्द का वातावरण बनना यह पूर्वशर्त है । अपने मन को स्थिर रखकर विश्वास रखते हुए परस्पर संवाद बढ़े, परस्पर समझदारी बढ़े, परस्पर श्रद्धाओं का सम्मान उत्पन्न हो, और सबका मेलजोल बढ़ता चले, इस प्रकार अपने मन, वचन, कर्म रखकर चलना पड़ेगा । प्रचार अथवा धारणाओं से नहीं, वस्तु स्थिति से काम लेना पड़ेगा। धैर्यपूर्वक, संयम और सहनशीलता के साथ, अपने वाणी की तथा कृति की अतिवादिता, क्रोध तथा भय को छोड़कर दृढ़ता पूर्वक, संकल्पबद्ध होकर, लंबे समय तक सतत प्रयास करते रहने की अनिवार्यता है । शुद्ध मन से किए हुए सत् संकल्प तभी पूर्ण होते हैं ।

कानून सुव्यवस्था तथा संविधान का पालन करें

हर हालत में, कितना भी उकसावा हो, कानून सुव्यवस्था, नागरिक अनुशासन तथा संविधान का पालन करके ही चलना अनिवार्य है । स्वतंत्र देश में यही व्यवहार देशभक्ति की अभिव्यक्ति माना जाता है । माध्यमों का उपयोग करके किए जानेवाले भड़काऊ अप-प्रचार में तथा उसके फलस्वरूप पैदा होने वाली आरोप प्रत्यारोप की प्रतिस्पर्धा में न फसें, माध्यमों का उपयोग समाज में, सत्य व आत्मीयता का प्रसार करने के लिए हो । हिंसा व गुंडागर्दी का सही उपाय संगठित बल सम्पन्न समाज का कानून व सुव्यवस्था की रक्षा में पहल करते हुए शासन-प्रशासन को उचित सहयोग देना यही है ।

आने वाले वर्ष 2024 के प्रारंभिक दिनों में लोकसभा के चुनाव हैं । चुनावी दाँव पेचों में भावनाओं को भड़काकर मतों की फसल काटने के प्रयास अपेक्षित नहीं हैं, परंतु होते रहते हैं । समाज को विभाजित करनेवाली इन बातों से हम बचें । मतदान करना हर नागरिक का कर्तव्य है । उसका अवश्य पालन करें । देश की एकात्मता, अखंडता, अस्मिता तथा विकास के मुद्दों पर विचार करते हुए अपना मत दें ।

Topics: सरसंघचालक मोहन भागवतSarsanghchalak Mohan Bhagwatआरएसएस स्थापना दिवसटूल किट से सावधानRSS Foundation DayBeware of Violenceराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघTool KitRashtriya Swayamsevak SanghहिंसानागपुरNagpur
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मौत के बाद भी कई जिंदगियों को जीवन दे गई कुसुम

मणिपुर में सम्पन्न हुआ संघ शिक्षा वर्ग 2025 : 7 जिलों के 71 स्वयंसेवकों ने 15 दिनों तक लिया राष्ट्र सेवा का प्रशिक्षण

पुस्तक का लोकार्पण करते श्री मोहनराव भागवत। साथ में हैं (बाएं से) स्वामी विज्ञानानंद, प्रो. योगेश सिंह और स्वामी कृष्णशाह विद्यार्थी

‘आध्यात्मिक चेतना का सजीव रूप है धर्म’

मुसलमानों का एक वर्ग वक्फ संशोधन कानून के समर्थन में

वक्फ संशोधन विधेयक : रसातल में कांग्रेस!

अभियान के दौरान पौधारोपण करते कार्यकर्ता

किशनगंज में पर्यावरण रक्षा अभियान

अभाविप कार्यालय का उद्घाटन करते श्री मोहनराव भागवत

अभाविप के कार्यालय ‘यशवंत परिसर’ का उद्घाटन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies