ईरान की जेल में बंद मानवाधिकारकर्मी नरगिस मोहम्‍मदी को नोबुल शांति पुरस्कार
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

ईरान की जेल में बंद मानवाधिकारकर्मी नरगिस मोहम्‍मदी को नोबुल शांति पुरस्कार

नरगिस ने ईरान में महिलाओं पर हो रहे दमन के विरुद्ध लंबी लड़ाई लड़ी। मानवाधिकारों की बात की। वे अभी तक 13 बार गिरफ्तार की जा चुकी हैं। अभी तक वे 31 साल जेल में बिता चुकी हैं

by WEB DESK
Oct 6, 2023, 04:50 pm IST
in विश्व
नरगिस मोहम्‍मदी

नरगिस मोहम्‍मदी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

शिया बहुल ईरान की जानी—मानी मानवाधिकारकर्मी नरगिस मोहम्‍मदी को 2023 का नोबुल शांति पुरस्‍कार दिया गया है। मोहम्मदी ईरान में महिलाओं के अधिकारों के लिए सत्ता से टकराव लेती रही हैं और इस वक्त भी जेल में रहते हुए महिला अधिकारों की मांग उठा रही हैं। वे अभी तक 31 साल जेल में बिता चुकी हैं। उन्होंने सजा के तौर पर पींठ पर चाबुक की मार भी स​ही है।

न‍रगिस मोहम्‍मदी ईरान में न सिर्फ महिलाओं के बल्कि हर एक के मानवाधिकार के लिए आवाज बुलंद करती रही हैं। उन्होंने सबकी स्‍वतंत्रता की वकालत की है। नोबुल पुरस्कार समिति का कहना है कि नरगिस को हर एक की लड़ाई लड़ते हुए अपनी तरफ से भारी कीमत चुकानी पड़ी है और वे अब भी जेल में बंद हैं।

नार्वे स्थित नोबुल पुरस्कार समिति की तरफ से ईरान की इस मानवाधिकारकर्मी को शांति का नोबुल पुरस्कार मिलने की घोषणा ने एक तरह से सबकी आजादी के पैरोकारों को बल दिया है। नरगिस ने अपने मूल देश ईरान में महिलाओं पर हो रहे दमन के विरुद्ध लंबी लड़ाई लड़ी। उस कट्टर शिया देश में मानवाधिकारों की बात की। इसी वजह से वे अभी तक 13 बार गिरफ्तार की जा चुकी हैं। इन 13 बार में से 5 बार तो उन्हें अपराधी ठहरा गया है। वे 31 साल जेल में बिता चुकी हैं। चाबुक के 154 वार भी सजा के तौर पर सह चुकी हैं।

नरगिस ‘डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट सेंटर’ की उपाध्यक्ष हैं। इस गैर सरकारी संगठन को उन शिरिन एबादी ने गठित किया था, जिन्हें 2003 का नोबुल शांति पुरस्‍कार मिला था। नरगिस भी उनकी ही तरह, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों और उनके प्रति होने वाले भेदभावपूर्ण बर्ताव के विरुद्ध भी मुखर रही हैं।

उल्लेखनीय है कि आज ​नरगिस मोहम्‍मदी को शांति का नोबुल पुरस्‍कार देने की घोषणा हुई है और आज वे जेल में हैं। 2022 में ईरान में 22 साल की कुर्द लड़की महसा अमीनी की हिजाब न पहनने पर पुलिस द्वारा दी गई यातना से वह जान गंवा बैठी थी। उसकी मौत के बाद से पूरे ईरान में शुरू हुए जबरदस्त ​प्रदर्शन हालांकि आज मद्धम भले पड़े हों, पर खत्म नहीं हुए हैं। नरगिस ने तब महिलाओं की आजादी की आवाज बुलंद की थी।

नरगिस ईरान की सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों पर किए गए अत्‍यचारों के बीच भी अपने आंदोलन से नहीं भटकीं। इस आंदोलन में मारे जाने वाले आम नागरिकों की संख्या 500 कोे पार कर चुकी है। घायलों की संख्या भी हजारों में है। ईरान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां तक चलाईं। हिजाब विरोधी इन प्रदर्शनों को बंद कराने के लिए पुलिस अभी तक 20 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। हिजाब विरोध और महिलाओं के अधिकारों की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने मोहम्‍मदी की इस लड़ाई को आगे बढ़कर अपना समर्थन दिया।

इतना ही नहीं, पुलिस ने नरगिस मोहम्‍मदी पर बहुत से अन्य आरोप भी मढ़े हैं। उन पर सरकार विरोधी दुष्‍प्रचार फैलाने का आरोप है। नरगिस ‘डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट सेंटर’ की उपाध्यक्ष हैं। इस गैर सरकारी संगठन को उन शिरिन एबादी ने गठित किया था, जिन्हें 2003 का नोबुल शांति पुरस्‍कार मिला था। नरगिस भी उनकी ही तरह, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों और उनके प्रति होने वाले भेदभावपूर्ण बर्ताव के विरुद्ध भी मुखर रही हैं।

Topics: norwayfreedomshiamahsaamini#muslimmohammadi#hijabpeaceहिजाबnargesईराननोबुलwomenनरगिस मोहम्‍मदीfightnobelhumanrightsprizeIran
Share8TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

ईरान से निकाले गए अफगान शरणा​र्थी   (फाइल चित्र)

‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के परखच्चे उड़ा रहे Iran-Pakistan, अफगानियों को देश छोड़ने का फरमान, परेशानी में ​Taliban

झांगुर बाबा जाति के आधार पर लड़कियों को बनाता था निशाना, इस्लामिक कन्वर्जन के लिए देता था मोटी रकम

आरोपी लड़का इस पूरे मामले को अपने मोबाइल से रिकार्ड करता रहा

‘The Kerala Story’ : हिन्दू लड़की को अगवा किया, छुड़ाने गए पुलिस अफसरों को ही धमकाता रहा SDPI का मजहबी उन्मादी

Iran hanged 21 amid Israel war

ईरान-इजरायल युद्ध: 12 दिन में 21 को फांसी, सुनवाई मात्र 10 मिनट

हिंदू छात्रों से पढ़वाया गया कलमा

कोटा: स्कूल में हिंदू छात्रों से कलमा पढ़वाने का वीडियो वायरल, जांच शुरू

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies