पुंछ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को जम्मू संभाग के पुंछ जिले की मेंढर तहसील में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के आवासीय परिसरों सहित पांच स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक डेटा और सामग्री वाले कई डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त किया गया है। हाल ही में राजौरी जिले के ढांगरी गांव में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने हमला किया था।
पुंछ जिले की मेंढर तहसील के गुरसाई गांव में एनआईए की टीमों ने उन स्थानों पर व्यापक तलाशी ली, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के आवासीय परिसर थे। यहां छापेमारी के दौरान एनआईए ने आपत्तिजनक डेटा और सामग्री वाले जिन डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त किया है, साजिश का पर्दाफाश करने के लिए उनकी जांच की जा रही है।
निसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन को एनआईए ने 31 अगस्त, 2023 को इस मामले में गिरफ्तार किया था और वर्तमान में दोनों सेंट्रल जेल कोट भलवाल, जम्मू में बंद हैं। एनआईए द्वारा जुटाए गए इनपुट के साथ-साथ इन दोनों व्यक्तियों द्वारा किए गए खुलासे के कारण आज की छापेमारी हुई।
निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन ने आतंकियों को दी थी पनाह
एनआईए की जांच में पता चला है कि गिरफ्तार दोनों आरोपितों ने जानलेवा हमला करने वाले आतंकियों को पनाह दी थी। उन्होंने दो महीने से अधिक समय तक आतंकियों को रसद सहायता प्रदान की थी और उन्हें अपने द्वारा बनाए गए ठिकाने में आश्रय दिया था। जांच के अनुसार दोनों पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं सैफुल्ला उर्फ साजिद जट्ट, अबू काताल उर्फ काताल सिंधी और मोहम्मद कासिम के निर्देश पर काम कर रहे थे।
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