सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा सत्र में अशोका बिल्कन लिमिटेड के डीजीएम के अनिल कुमार सिम्पी ने बताया कि उन लोगों ने नमूने के रूप में एक सड़क योजना का काम लिया जिसकी लंबाई 110 किलोमीटर की है। वहां प्रतिवर्ष करीब 1000 सड़क दुर्घटना होती है। इसमें हमने ऐसी व्यवस्था की जिससे सड़क दुर्घटना में लगभग 85 प्रतिशत की कमी आयी। इसमें 48 प्रतिशत मौतें कम हुईं।
2019 में 29.5 लाख वाहन पंजीकृत हुए। दुनिया में भारत दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है जो 63.73 लाख किलोमीटर का है। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग 1.44 लाख किलोमीटर, राष्ट्रीय राजमार्ग 1.4 लाख किलोमीटर एवं अन्य सड़क 59 लाख किलोमीटर है। अभी पिछले 10 साल में आधारभूत ढांचे में 47.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर हमारे देश में पंजीकृत सड़क दुर्घटना से 17 मौत प्रति घंटा होता है। जब हमने पश्चिम बंगाल में सड़क योजना ली थी तो उसमें बहुत सारी समस्या थी।
इसमें समाधान के लिए सबसे पहले जरूरी है रोड इंजीनियरिंग। हमने उस पर ध्यान दिया। इसमें हमने 29 अंडरपास के लिए काम किया। रोड मार्किंग, रोड फर्नीचर एवं शिक्षा पर काम किया। सड़क तैयार होने के बाद लोगों को हाईवे के बारे में जानकारी होना चाहिए कि कहां मोड़ है, कहां जंक्शन है इत्यादि। बच्चों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी क्योंकि उस तरफ 45 स्कूल थे। हर ढाबे एवं पेट्रोल पंप के सामने गैर कानूनी ढंग से दुकानें खोल देना सड़क के लिए बहुत खतरनाक होता है।
आपातकाल के लिए नाइट लाइट विजिबिलिटी, स्थानीय एंबुलेंस, अस्पताल इत्यादि का व्यवस्था की गयी। जहां-जहां दुर्घटना ज्यादा होती थीं, वहां हमने सोलर ब्रिंकल लगाये। इस योजना में हम सड़क दुर्घटना को अधिक से अधिक कम करने की व्यवस्था कर रहे हैं।
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