कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो के बारे में दुनिया भर के मीडिया में कयासों का बजार गर्म है कि वे कुर्सी से हटाए ही जाने वाले हैं, कि उनके पद पर अब गिनती के दिन रह गए हैं, कि वे एक के बाद एक गलत फैसले ले रहे हैं, कि वे खालिस्तानी तत्वों के हाथों में खेल रहे हैं। गत दिनों भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाकर घिर चुके त्रूदो ने अब एक और ऐसा काम किया है जिसकी वजह से उन्हें अपनी संसद में नीचा देखना पड़ रहा है। उन्होंने न उस नाजी लड़ाके का कनाडा की संसद में सम्मान किया है जिसने बड़ी संख्या में यहूदियों की हत्या की थी।
त्रूदो के इस फैसले को लेकर नेता प्रतिपक्ष उन पर हमलावर हैं। उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि ऐसे कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को जवाब देना होगा। प्रतिपक्ष के नेता पियरे पोइलिवरे ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री त्रूदो की भर्त्सना करते हुए कहा कि आखिर जस्टिन त्रूदो ‘एसएस’ (एक नाजी डिवीजन) के पूर्व ‘लड़ाके’ से कैसे मिल सकते हैं और उसे सम्मानित कर सकते हैं। पियरे ने त्रूदो से इस कृत्य के लिए माफी मांगने को कहा है।
दरअसल अभी हाल में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की त्रूदो के बुलावे पर कनाडा गए थे। वहां की संसद में इस मौके पर यूक्रेन के एक 98 साल के आप्रवासी यारोस्लाव हुंका का कनाडा की संसद के अध्यक्ष एंथनी रोटा ने ‘दूसरे विश्व युद्ध के यूक्रेनी—कनाडाई युद्ध के महान लड़ाके के तौर पर परिचय कराया था। वे, जिन्होंने रूसियों के विरुद्ध यूक्रेन की आजादी की लड़ाई लड़ी।’ हुंका को एक ‘यूक्रेन और कनाडा का नायक’ बताया गया था। इस कार्यक्रम में इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया गया कि उस हुंका ने उस एसएस की नाजी डिविजन 14वें वाफेन ग्रेनेडियर डिवीजन में लड़ाके के नाते सेवाएं दी थीं जिसने यहूदी नरसंहार रचाया था। इस घटना को ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ का एक लंबा इतिहास है।
नेता प्रतिपक्ष पोइलिवरे ने इस पूरे कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘लिबरलों (प्रधानमंत्री त्रूदो की पार्टी) ने इस हफ्ते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के कनाडा दौरे में हाउस ऑफ कॉमन्स में ‘महान’ नाजी को मान्यता दी गई थी’। यह त्रूदो की एक बड़ी भूल थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ही इस तरह के आयोजन का जिम्मेदार है। इसलिए त्रूदो को माफी मांगनी होगी।
नेता प्रतिपक्ष पोइलिवरे ने इस पूरे कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘लिबरलों (प्रधानमंत्री त्रूदो की पार्टी) ने इस हफ्ते यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के कनाडा दौरे में हाउस ऑफ कॉमन्स में ‘महान’ नाजी को मान्यता दी गई थी’। यह त्रूदो की एक बड़ी भूल थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ही इस तरह के आयोजन का जिम्मेदार है। इसलिए त्रूदो को माफी मांगनी होगी।
प्रतिपक्ष के नेता पियरे पोइलिवरे ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री त्रूदो की भर्त्सना करते हुए कहा कि आखिर जस्टिन त्रूदो ‘एसएस’ (एक नाजी डिवीजन) के पूर्व ‘लड़ाके’ से कैसे मिल सकते हैं और उसे सम्मानित कर सकते हैं। पियरे ने त्रूदो से इस कृत्य के लिए माफी मांगने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि पोइलिवरे का यह ट्वीट मानवाधिकार संगठन ‘फ्रेंड्स ऑफ साइमन वीसेंथल सेंटर’ के जवाब आया था। इस संगठन ने पहले ट्वीट किया था कि, “फ्रेंड्स ऑफ साइमन वीसेंथल सेंटर सडब्ल्यूसी हैरान है कि कनाडा की संसद ने दूसरे विश्व युद्ध में यहूदियों तथा अन्यों की सामूहिक हत्या के अपराधी ‘नाजी सैन्य इकाई’ में सेवाएं देने वाले यूक्रेनी व्यक्ति का खड़े होकर स्वागत किया।”
बहरहाल, इस मामले को तीखा होते देखकर कनाडा की संसद के अध्यक्ष एंथनी रोटा ने अपनी ओर से माफी मांग ली है। उनका कहना है कि यह उनका अपना निजी निर्णय था। एंथनी ने कहा है, “मुझे उस इंसान के बारे में कोई बहुत ज्यादा नहीं पता था, मुझे बाद में जब पूरी बात पता चली तो अपने फैसले पर मलाल हुआ। एंथनी ने यह कहते हुए यहूदियों से भी माफी मांगी है।
कनाडा के नेता प्रतिपक्ष पियरे वही हैं जिन्होंने त्रूदो से भारत के विरुद्ध खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के संदर्भ में लगाए आरोपों पर सबूत मांगा था। पियरे ने कहा था कि ‘प्रधानमंत्री त्रूदो को तथ्य सामने रखने चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो दुनिया भर में उनकी हंसी उड़ेगी’। लेकिन आज तक त्रूदो कोई ठोस सबूत सामने नहीं रख पाएंगे। वे सिर्फ बयानबाजी करके अपने खालिस्तानी समर्थकों को ‘संतुष्ट’ करने को आतुर दिखते हैं। लेकिन आज वे वैश्विक बिरादरी में अलग—थलग नजर आ रहे हैं। इस वजह से उनके भारत विरोधी सुर भी नरम पड़ गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि हमें सभी संभावित सबूतों को जानना होगा जिससे कि कनाडा के नागरिक इस बारे में किसी नतीजे पर पहुंच सकें। पीएम त्रूदो ने बस एक बयान दिया है। हम चाहते हैं वे इससे आगे की जानकारी के साथ सामने आएं।
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