बीते 10 जुलाई को दो अलग-अलग जगहों पर ऐसी घटनाएं हुईं, जो प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। पहली घटना धनबाद के टुंडी क्षेत्र से आई है, जहां 10 जुलाई की देर रात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं दूसरी घटना बोकारो की है, जहाँ 10 जुलाई को इस्कॉन मंदिर में भीषण आग लगी। मंदिर की कई प्रतिमाएं नष्ट हो गईं, लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग इस अग्निकांड के पीछे साजिश की आशंका जता रहे हैं।
सबसे पहले धनबाद की बात करते हैं जहां जिले के पूर्वी टुंडी थाना क्षेत्र के दूमा गांव के रहने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता और ग्राम रक्षा दल के सदस्य शंकर प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शंकर प्रसाद को अपराधियों ने 6 गोलियां मारीं, जिसकी वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की रात वह अपने घर से शहरपुरा के लिए निकले हुए थे। इसी दौरान दुमा कब्रिस्तान के पास अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सुबह होने के बाद लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। शंकर प्रसाद के भतीजे के अनुसार वह एक समाजसेवी थे। इस वजह से कई लोगों के साथ उनका अच्छा संबंध था। कई लोग उनसे नाखुश भी थे। शंकर के परिजनों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर मामले में शिथिलता बरती गई तो वे सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन भी करेंगे। शंकर प्रसाद पिछले तीन दशक से संघ कार्य से जुड़े हुए थे। वे धनबाद जिला के वनवासी कल्याण केंद्र के जिला कार्य प्रमुख भी रह चुके थे।
इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और अपराध चरम पर है। हिंदू संस्थानों और नेताओं पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। उन्होंने झारखंड की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। उन्होंने हेमंत सोरेन से कहा है कि उनकी चुप्पी और अकर्मण्यता का खामियाजा पूरे राज्य को भुगतना पड़ रहा है, कम से कम कानून-व्यवस्था के विषय पर तो अपना राजधर्म निभाएं।
बोकारो के इस्कॉन मंदिर में लगी भीषण आग, साजिश की आशंका!
वहीं दूसरी ओर बोकारो के सेक्टर 11 स्थित हंस मंडप और इस्कॉन मंदिर में भी 10 जुलाई की सुबह अचानक भीषण आग लग गई, और देखते ही देखते पूरा परिसर धू-धू कर जलने लगा। इस घटना में मंदिर में कई प्रतिमाएं नष्ट हो गईं। मंदिर प्रबंधन ने इस अग्निकांड के पीछे बहुत बड़ी साजिश की आशंका जताई है। प्रबंधकों के अनुसार मंदिर की सुरक्षा के लिए उपायुक्त को पहले भी पत्र लिखा जा चुका था। इस पत्र में बताया गया था कि मंदिर को असामाजिक तत्वों से खतरा हो सकता है।
आपको बता दें कि हंस मंडप का इस्तेमाल मांगलिक के एवं धार्मिक कार्यक्रमों के लिए किया जाता था । इसके साथ ही मंडप के एक हिस्से में इस्कॉन मंदिर स्थित था जहां पर राधा-कृष्ण, निमाई-निताई और प्रभुपाल की मूर्तियां स्थापित थीं। मंदिर संचालक जगन्नाथ दास के अनुसार इतनी बड़ी आग बिना साजिश के कभी नहीं लग सकती।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के अनुसार हेमंत सरकार में हिंदू और हिंदू मंदिरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने हेमंत सरकार से चुटकी लेते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति से अगर समय मिले तो इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें।
झारखंड में कट्टरपंथी उन्हें निशाना बना रहे हैं, जिनका संबंध हिंदू गतिविधि या हिंदू आस्था से जुड़ा हुआ है। इस पूरे मामले पर हिंदू संगठन और भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी रोष देखने को मिल रहा है। अब देखना यह है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से इस मामले को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
टिप्पणियाँ