कट्टर शिया देश ईरान में अब महिलाओं को उस फुटबाल के खेल को स्टेडियम में बैठकर देखना नसीब होने जा रहा है जो उस देश का सबसे पसंदीदा खेल है। वहां की फुटबाल फेडरेशन ने इसकी अनुमति दे दी है। फेडरेशन के अध्यक्ष मेहदी ताज ने इस बाबत घोषणा भी कर दी है। उन्होंने बताया कि ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति यानी एसएनएससी ने महिलाओं की उस इच्छा को मान लिया है कि उन्हें फुटबाल मैच स्टेडियम में देखने दिया जाए।
ताज ने बताया है कि देश के गृह मंत्रालय की एजेंसियां इस नई व्यवस्था को लागू कराने के तरीकों पर विचार कर रही हैं। दरअसल इस्लामी देश ईरान में बहुत पहले से ही महिलाओं को उतने अधिकार नहीं हैं। उस देश में फुटबाल के प्रति दीवानगी सिर चढ़कर बोलती है, लेकिन महिलाओं को मैच देखने के लिए स्टेडियम में जाने की इजाजत नहीं थी। हालांकि पहले भी इस तरह की मांग गाहे—बगाहे उठती रही है। लेकिन उस पर कभी गौर नहीं किया गया था।
ईरान में इस ‘बदलाव’ को लेकर कुछ लोगों के दिमाग में कुछ सवाल भी उठे हैं। यानी ये वही ईरान है जहां पिछले कई महीने से हिजाब विरोधी आंदोलन जलजला लाए हुए है। सिर पर हिजाब रखने की पारंपरिक बाध्यता से वहां की नई सोच की महिलाएं छुटकारा पाना चाहती हैं, लेकिन इस आंदोलन को रूढ़िवादी सरकार ने पूरी निर्ममता से कुचला है।
ईरान में इस ‘बदलाव’ को लेकर कुछ लोगों के दिमाग में कुछ सवाल भी उठे हैं। यानी ये वही ईरान है जहां पिछले कई महीने से हिजाब विरोधी आंदोलन जलजला लाए हुए है। सिर पर हिजाब रखने की पारंपरिक बाध्यता से वहां की नई सोच की महिलाएं छुटकारा पाना चाहती हैं, लेकिन इस आंदोलन को रूढ़िवादी सरकार ने पूरी निर्ममता से कुचला है। लोगों के मन में सवाल इसलिए है क्योंकि परंपरा से महिलाओं का स्टेडियम जाकर फुटबाल देखना भी मना है, तो सरकार आखिर इतना ‘बड़ा’ दिल क्यों दिखा रही है।
ईरान जैसे देश में महिलाओं का सार्वजनिक जगहों पर आना वैसे ही कम होता है। लेकिन फुटबाल देखने जाना तो दूर दूर तक ख्यालों में भी नहीं आता होगा। लेकिन अब फुटबाल फेडरेशन के अध्यक्ष की इस घोषणा से महिलाओं को बहुत खुशी हुई है। अब वे आगे होने वाले फुटबाल लीग मैच स्टेडियम में बैठकर देख पाएंगी।
ईरान फुटबाल फेडरेशन के अध्यक्ष मेहदी ताज ने कहा कि देश की शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एसएनएससी) ने स्टेडियम में महिलाओं को मैच देखने की छूट देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि समिति के फैसले के बाद महिलाएं अब स्टेडियम जाने में सक्षम होंगी। ताज के अनुसार, देश का गृह मंत्रालय, खेल और युवा मंत्रालय, फुटबाल फेडरेशन और सूचना मंत्रालय की दो एजेंसियां इस व्यवस्था को लागू करने को लेकर तैयारियां कर रही हैं।
टिप्पणियाँ