प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदी भाषा को लेकर लगातार सुखद स्थितियां बनती जा रही हैं। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने हिंदी भाषा में 10 हजार से अधिक निर्णय देकर रिकॉर्ड बनाया है। यह उन्होंने अपने चार साल के कार्यकाल में ही किया है।
डॉ. गौतम चौधरी 12 दिसम्बर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुए थे। नियुक्ति के आठ दिन बाद ही 20 दिसम्बर 2019 को एकल न्यायपीठ में बैठे तो उन्होंने अपना पहला हिंदी में निर्णय दिया। इसके बाद यह क्रम लगातार चलता रहा। उन्होंने अब तक तमाम जमानती याचिकाओं, पुनरीक्षण अर्जियों व अन्य मामलों में हिंदी में 10 हजार से ज्यादा निर्णय दिए हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी, न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव भी हिंदी में निर्णय सुनाते हैं।
न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी की बदौलत हाई कोर्ट में हिंदी में निर्णय देने का प्रचलन बढ़ा। वर्ष 2022 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में औसतन प्रतिदिन 20 मुकदमों में हिंदी में निर्णय होता था। उस समय उनके पास हिंदी में निर्णय लिखने वाले सिर्फ एक निजी सचिव केसी सिंह ही थे किंतु न्यायालय में हिंदी में निर्णय देने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने अपने अथक प्रयास से उच्च न्यायालय में सात नए अपर निजी सचिवों की नियुक्ति कराई तथा उनमें से दो को अपने साथ संबद्ध कर लिया। अब इन तीन निजी सचिवों के सहयोग से औसतन प्रतिदिन 60 मुकदमों में हिंदी में निर्णय दे रहे हैं।
(इनपुट सिंडिकेट फीड)
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