गत दिनों नई दिल्ली में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद का 29वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर सिंधी भाषा के विकास पर एक परिचर्चा भी हुई।
विशिष्ट वक्ता और भारत प्रकाशन (दिल्ली) लि. के प्रबंध निदेशक भारत भूषण अरोड़ा ने मातृभाषा के महत्व को रेखांकित किया तथा हर सिंधी परिवार में सिंधी भाषा का प्रयोग करने पर बल दिया, ताकि वर्तमान और आने वाली पीढ़ी की रुचि सिंधी में बनी रहे।
परिचर्चा को शैक्षिक संचार निकाय के निदेशक प्रो. जगत भूषण नड्डा, साधू वासवानी स्कूल, दिल्ली के प्रधानाचार्य डॉ. संतोष व्यास, राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के निदेशक प्रो. रविप्रकाश टेकचंदाणी आदि ने भी संबोधित किया।
उन्होंने यह भी कहा कि सिंधी भाषा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इसकी लिपि सरल और आकर्षक होनी चाहिए। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि सिंध को छोड़कर सिंधी की बात नहीं की जा सकती।
परिचर्चा को शैक्षिक संचार निकाय के निदेशक प्रो. जगत भूषण नड्डा, साधू वासवानी स्कूल, दिल्ली के प्रधानाचार्य डॉ. संतोष व्यास, राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के निदेशक प्रो. रविप्रकाश टेकचंदाणी आदि ने भी संबोधित किया।
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