भारत के सड़क अवसंरचना उद्योग के समर्पण और कुशलता को दर्शाता है।
भारत तकनीक और बुनियादी ढांचा विकास में अब चीन, जापान, अमेरिका जैसे विकसित देशों को भी पीछे छोड़ रहा है। साथ ही, नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बीते दिनों भारत ने गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे के बीच बिना यातायात बाधित किए राष्ट्रीय राजमार्ग-34 पर 100 घंटे में 112.5 किलोमीटर सड़क बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण में जुटी टीम को बधाई दी।
दादरी से खुर्जा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-34 (पुराना एनएच-91) को चार से छह लेन का बनाया जा रहा है, जिसे नवंबर 2023 तक पूरा किया जाना है। खास बात है कि गाजियाबाद और अलीगढ़ के बीच सड़क रिकॉर्ड समय में ही नहीं बना, बल्कि इसमें पर्यावरण का भी पूरा ख्याल रखा गया। पूरी सड़क पुनर्चक्रित सामग्री से बनी है। 90 प्रतिशत पुरानी कंक्रीट (पेवमेंट) को रिसाइकिल कर प्रयोग में लाया गया, जिससे प्रदूषण कम हुआ और पैसे की भी बचत हुई है।
विश्व रिकॉर्ड बनने पर प्रसन्नता जताते हुए हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 100 घंटे में 100 किमी. बिटुमिन्स कंक्रीट बिछाना, भारत के सड़क अवसंरचना उद्योग के समर्पण और कुशलता को दर्शाता है। एनएच-34 का गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड 118 किमी. लंबा है। यह गाजियाबाद और अलीगढ़ के घनी आबादी वाले क्षेत्रों के बीच अहम परिवहन लिंक की भूमिका तो निभाता ही है, दादरी, गौतमबुद्ध नगर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा सहित तमाम कस्बों और शहरों को एक-दूसरे से जोड़ता भी है। महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग और माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के साथ यह औद्योगिक, कृषि क्षेत्रों और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़कर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान देता है।
विश्व रिकॉर्ड बनाने में क्यूब हाईवे, एलएंडटी और गाजियाबाद अलीगढ़ एक्सप्रेसवे प्रा.लि. (जीएईपीएल) ने भूमिका निभाई है। 15 मई सुबह 10 बजे अभियंताओं की टीम ने 100 घंटे में 100 किमी. सड़क बनाने का लक्ष्य रख कर काम शुरू किया। अभियंताओं की टीम का नेतृत्व करने वाले अर्पण घोष के अनुसार, अभियंताओं और कामगारों के काम को 8-8 घंटे की शिफ्ट में बांटा गया। हर शिफ्ट में कम से कम 100 अभियंताओं और 250 श्रमिकों ने काम किया।
भारत तकनीक और बुनियादी ढांचा विकास में अब चीन, जापान, अमेरिका जैसे विकसित देशों को भी पीछे छोड़ रहा है। साथ ही, नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बीते दिनों भारत ने गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे के बीच बिना यातायात बाधित किए राष्ट्रीय राजमार्ग-34 पर 100 घंटे में 112.5 किलोमीटर सड़क बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
भीषण गर्मी में आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस की भी व्यस्था की गई, ताकि सड़क बनाने मे जुटे किसी भी साथी को जरूरत पड़ने पर तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके। सबसे बड़ी चुनौती एनएच पर एक लेन में यातायात सुचारु रखते हुए दूसरी लेन में निर्माण कार्य जारी रखना था। इस तरह 19 मई दोपहर 2 बजे तक तक टीम ने 100 किमी. से अधिक सड़क बना ली।
गडकरी ने कहा कि सड़क परियोजना में कोल्ड सेंट्रल प्लांट रीसाइक्लिंग (सीसीपीआर) तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। नवीन हरित प्रौद्योगिकी में 90 प्रतिशत पुरानी सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो लगभग 20 लाख वर्ग मीटर सड़क की सतह के बराबर है। नई तकनीक के प्रयोग से नई सामग्री की खपत घटकर मात्र 10 प्रतिशत रह गई है।
विश्व रिकॉर्ड बनने पर प्रसन्नता जताते हुए 100 घंटे में 100 किमी. बिटुमिन्स कंक्रीट बिछाना, भारत के सड़क अवसंरचना उद्योग के समर्पण और कुशलता को दर्शाता है। एनएच-34 का गाजियाबाद-अलीगढ़ खंड 118 किमी. लंबा है। यह गाजियाबाद और अलीगढ़ के घनी आबादी वाले क्षेत्रों के बीच अहम परिवहन लिंक की भूमिका तो निभाता ही है, दादरी, गौतमबुद्ध नगर, सिकंदराबाद, बुलंदशहर और खुर्जा सहित तमाम कस्बों और शहरों को एक-दूसरे से जोड़ता भी है।
–नितिन गडकरी , केंद्रीय मंत्री
इससे पहले, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एचएचएआई) से जुड़ी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 8 लेन वाले दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 24 घंटे में 2,580 मीटर लंबी कंक्रीट की सड़क बना कर रिकॉर्ड बनाया था। इससे भी पहले एनएचएआई के एक ठेकेदार ने 18 घंटे में कोलतार से 25.54 किमी. एकल सड़क बनाने का रिकॉर्ड बनाया था। यह सड़क सोलापुर-बीजापुर (एनएच-52) के बीच बन रहे 4 लेन हाइवे का हिस्सा थी।
2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में विभिन्न परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 तक देश में एनएच पर प्रतिदिन लगभग 12 किमी. सड़क बनती थी, जो अब प्रतिदिन 40 किमी. तक पहुंच गई है। हाल ही में रेलवे अभियंताओं ने बरेली-मुरादाबाद के बीच महज 12 घंटे में 135 लंबा पुल बनाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। डीआरएम अजय नंदन के अनुसार, कटघर और दलपतपुर रेलवे स्टेशन के बीच 100 साल पुराने पुल को तोड़कर नया पुल बनाने के लिए केवल 12 घंटे मार्ग बाधित रहा। 200 से अधिक श्रमिकों ने इस कार्य को अंजाम दिया, जो बड़ी उपलब्धि है।
टिप्पणियाँ