नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के विश्वास नगर में अनधिकृत निर्माण हटाने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन बेंच ने डीडीए को निर्देश दिया कि वो एक सप्ताह का समय दें और इस दौरान अनधिकृत निर्माण नहीं हटाया जाता है तो डीडीए उन निर्माणों को हटाने की कार्रवाई कर सकता है। हाई कोर्ट ने इस क्षेत्र में 800 अवैध आवासीय इकाइयों को गिराने की अनुमति दी है। ये इकाइयां डीडीए की जमीन पर बनी हैं।
हाई कोर्ट ने डीडीए से जुलाई तक इस बात का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है कि उसने निर्माणों को हटाने के बाद वहां के रहवासियों के पुनर्वास की क्या व्यवस्था की है। विश्वास नगर में अनधिकृत निर्माण हटाने की कार्रवाई सोमवार सुबह से शुरू होनी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने हाई कोर्ट से कहा कि इतनी गर्मी में घरों को हटाया जा रहा है। इन मकानों में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबतों का पहाड़ टूट जाएगा। ऐसे में अनधिकृत निर्माण को तोड़ने के आदेश पर रोक लगाई जाए।
सुनवाई के दौरान डीडीए की ओर से पेश वकील ने कहा कि हाई कोर्ट की सिंगल और डिवीजन बेंच ने कहा कि ये निर्माण अनधिकृत हैं, इसलिए उन्हें हटाया जाए। हाई कोर्ट ने कहा था कि इन निर्माणों के रहवासियों ने ऐसा कोई दस्तावेज नहीं दाखिल किया, जिससे पता चले कि वहां के रहवासियों का कोई मालिकाना हक है।
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