बोए पेड़ बबूल का...
September 28, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • Podcast
    • पत्रिका
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • Podcast
    • पत्रिका
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • My States
  • Vocal4Local
होम भारत

बोए पेड़ बबूल का…

पाकिस्तान का दुष्चक्र देखने लायक है। जो भी व्यक्ति वहां प्रधानमंत्री बनता है, और ऐसे कम से कम छह प्रकरण बहुत स्पष्ट हैं, वह किसी न किसी आरोप में फंस जाता है

by हितेश शंकर
May 15, 2023, 05:35 pm IST
in भारत, विश्व, सम्पादकीय
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भ्रष्टाचार के आरोपों में सच्चाई है या नहीं। सच यह है कि हर प्रधानमंत्री को पता होता है कि वह जैसे ही सत्ता छोड़ेगा, अगली सत्ता सीधे उसकी गर्दन की तरफ बढ़ेगी। लिहाजा वह अपने सत्ता के बाद के जीवन के लिए लंदन, दुबई जैसे स्थानों पर अपना दूसरा ठिकाना बना लेता है। जनरल परवेज मुशर्रफ तो सैनिक तानाशाह रहे होने के बावजूद सत्ता छोड़ने के बाद पाकिस्तान में नहीं रह सके। इससे जाहिर होता है कि पाकिस्तान किस तरह के मत्स्य न्याय के तहत जीता रहा है।

पाकिस्तान के संदर्भ में यही बात अब प्रकट है। आज की स्थिति में पाकिस्तान सिर्फ घोर अराजकता का शिकार नहीं है, बल्कि वह एक राष्ट्र के रूप में अराजकता से निबट सकने की अपनी क्षमता भी खो चुका है। यह क्षमता उसके पास पहले भी कभी नहीं थी । डॉक्ट्रिन आफ नेसेसिटी, बेसिक डेमोक्रेसी, एनआरओ, प्रोविजनल कॉन्स्टिट्यूशन, एनएबी जैसे कागज रचकर जिस देश की हुकूमत चलती रही हो, उस देश में किसी भी व्यवस्था के टिके रहने की कल्पना करना ही कठिन था।

संगीन की नोक पर राष्ट्र नहीं चला करते, और पाकिस्तान संगीन की नोक को ‘एस्टेब्लिशमेंट’ मानता रहा! सिर्फ सत्ता और स्वार्थ की खातिर, हिंसा की धमकी के बूते, विदेशियों के सहयोग से, विदेशी साम्राज्यवादियों की इच्छाओं के अनुरूप एक देश का सीमांकन कर लिया गया और उसे दीन का किला (Citadel of Islam) बताकर पेश किया गया। इसके आगे क्या हुआ, इसके विस्तार में जाने की आवश्यकता नहीं है।

पाकिस्तान का दुष्चक्र देखने लायक है। जो भी व्यक्ति वहां प्रधानमंत्री बनता है, और ऐसे कम से कम छह प्रकरण बहुत स्पष्ट हैं, वह किसी न किसी आरोप में फंस जाता है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्रियों में से एक को फांसी हो चुकी है, दो (लियाकत अली खान और बेनजीर भुट्टो) को गोली से उड़ाया जा चुका है। शेख मुजीब को सत्ता ही नहीं दी गई और भ्रष्टाचार के आरोप में नवाज शरीफ को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जा चुका है। पांच प्रधानमंत्री सत्ता से उतरने के बाद गिरफ्तार हो चुके हैं।

प्रश्न यह नहीं है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में सच्चाई है या नहीं। सच यह है कि हर प्रधानमंत्री को पता होता है कि वह जैसे ही सत्ता छोड़ेगा, अगली सत्ता सीधे उसकी गर्दन की तरफ बढ़ेगी। लिहाजा वह अपने सत्ता के बाद के जीवन के लिए लंदन, दुबई जैसे स्थानों पर अपना दूसरा ठिकाना बना लेता है। जनरल परवेज मुशर्रफ तो सैनिक तानाशाह रहे होने के बावजूद सत्ता छोड़ने के बाद पाकिस्तान में नहीं रह सके। इससे जाहिर होता है कि पाकिस्तान किस तरह के मत्स्य न्याय के तहत जीता रहा है।

भविष्य में क्या होगा, यह भविष्य ही जानता है। लेकिन अगर पाकिस्तान की जनता, वहां के नेता, संस्थाएं और सेना अपने लोगों के लिए और अपनी जमीन के लिए जिम्मेदारी का थोड़ा भी भाव रखती हैं तो उन्हें सबसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी आंतरिक कलह किसी भी स्थिति में दूसरी शक्तियों को अवसर तलाशने का मौका न दे। अगर यह कसर भी पूरी हो जाती है तो यह विश्व इतिहास का एक अप्रतिम उदाहरण बनेगा। कहा जा रहा है कि कोई चमत्कार ही पाकिस्तान को बचा सकता है।

अब इस मत्स्य न्याय की कहानी थोड़ी आगे बढ़ गई है। वे मछलियां जो पहले किसी बड़ी मछली की जूठन खाकर गुजारा करने के लिए डॉक्ट्रिन आॅफ नेसैसिटी या मजबूरी का सिद्धांत ईजाद कर लेती थीं, वह भी अब स्वयं को मगरमच्छ मानने लगी हैं। इमरान खान को लगता है कि पाकिस्तान पर शासन करना उनका स्वाभाविक अधिकार है। सेना को लगता है कि एस्टेब्लिशमेंट होने के नाते हर प्रधानमंत्री को उसका सूबेदार ही होना चाहिए। अदालत को लगता है कि अगर रावलपिंडी पर्दे के पीछे से हुकूमत चला सकती है, तो वह भी किसी से कम नहीं है। लगातार महाशक्तियों का पिछलग्गू बने रहे पाकिस्तान को अधिकांश महाशक्तियां भी इसी दृष्टि से देखती हैं, जैसे वह उनके दरबार का पीछे का आंगन हो।

आतंकवाद की फैक्ट्री को पाकिस्तान ने औजार की तरह इस्तेमाल किया और अब सारी भीड़ को लगने लगा है कि ताकत के बूते लूट लेना-छीन लेना उनका भी स्वाभाविक अधिकार है। लोकतंत्र के स्वांग को आखिर कितनी पीढ़ियों तक स्वांग बना कर रखा जा सकता था? सेना की तानाशाही सिर्फ झूठे प्रचार से कब तक ढंकी रखी जा सकती थी? हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह भांडा पूरी तरह फूट गया है, लेकिन पाकिस्तान के वर्तमान और भविष्य के लिए कोई अच्छे संकेत निश्चित रूप से नहीं बचे हैं। जो संकेत है, वह मात्र यह है कि अराजक तत्वों की भीड़ बहुत बड़ी हो जाने से वह राष्ट्र नहीं हो जाती, और राष्ट्र को दूर कर सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र पर उनका दबदबा होने से वह कोई देश भी नहीं हो पाती है।

भविष्य में क्या होगा, यह भविष्य ही जानता है। लेकिन अगर पाकिस्तान की जनता, वहां के नेता, संस्थाएं और सेना अपने लोगों के लिए और अपनी जमीन के लिए जिम्मेदारी का थोड़ा भी भाव रखती हैं तो उन्हें सबसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी आंतरिक कलह किसी भी स्थिति में दूसरी शक्तियों को अवसर तलाशने का मौका न दे। अगर यह कसर भी पूरी हो जाती है तो यह विश्व इतिहास का एक अप्रतिम उदाहरण बनेगा। कहा जा रहा है कि कोई चमत्कार ही पाकिस्तान को बचा सकता है। लेकिन जिनके अतीत बहुत कपटपूर्ण कर्मों के रहे होते हैं, उन्हें या तो अपने कर्मों का फल भुगतना होता है या ऐसे चमत्कार की उम्मीद लगानी होती है, जो वास्तव में शायद ही होता हो।
@hiteshshankar

Topics: Sheikh MujibFactory of Terrorismजनरल परवेज मुशर्रफPakistan Sanginलोकतंत्र के स्वांगसैनिक तानाशाहGeneral Pervez Musharrafपाकिस्तान में औजारलियाकत अली खान और बेनजीर भुट्टोMilitary DictatorsCitadel of IslamFarce of DemocracyLiaquat Ali Khan and Benazir Bhuttoडॉक्ट्रिन आफ नेसेसिटीTools in Pakistanबेसिक डेमोक्रेसीDoctrine of NecessityएनआरओBasic Democracyप्रोविजनल कॉन्स्टिट्यूशनNROपाकिस्तानएनएबीProvisional ConstitutionPakistanशेख मुजीबNABआतंकवाद की फैक्ट्रीपाकिस्तान संगीन
ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

हिन्दुत्व से चिढ़े पाकिस्तानी पीएम अनवारुल ने लंदन में निकाली भड़ास

हिन्दुत्व से चिढ़े पाकिस्तानी पीएम अनवारुल ने लंदन में निकाली भड़ास

भारत को इस्लामिक देश बनाने और आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री को हत्या की धमकी देने के मामले में बरेली पुलिस ने मुस्लिम पूर्व प्रधान नन्हे सहित दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

‘यूपी को पाकिस्तान नहीं बनाया तो नाम नन्हे प्रधान नहीं’, धमकी भरे मैसेज पर बरेली में केस दर्ज

बब्बर खालसा के लिए काम करता है खालिस्तानी करणवीर, पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई से है गठजोड़, इरादे हैं खतरनाक

बब्बर खालसा के लिए काम करता है खालिस्तानी करणवीर, पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई से है गठजोड़, इरादे हैं खतरनाक

पाकिस्तान में छिपे खालिस्तानी आतंकी करणवीर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी, जानिये किसके इशारे पर करता है काम

पाकिस्तान में छिपे खालिस्तानी आतंकी करणवीर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी, जानिये किसके इशारे पर करता है काम

Pakistan: 75 अहमदिया कब्रें तोड़ दीं टीएलपी से डरी पंजाब की सुन्नी पुलिस ने

Pakistan: 75 अहमदिया कब्रें तोड़ दीं टीएलपी से डरी पंजाब की सुन्नी पुलिस ने

भारत-अमेरिका नजदीकी से क्यों भड़के पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री?

भारत-अमेरिका नजदीकी से क्यों भड़के पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Gyanvapi ASI survey: मुस्लिम पक्ष को लगा झटका, ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को रोकने की याचिका खारिज

Gyanvapi ASI survey: मुस्लिम पक्ष को लगा झटका, ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को रोकने की याचिका खारिज

उत्तराखंड: रिहाई का जुलूस गैंगस्टर राशिद को पड़ा महंगा, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

उत्तराखंड: रिहाई का जुलूस गैंगस्टर राशिद को पड़ा महंगा, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

जालौन: बारावफात जुलूस के दौरान राष्ट्रीय ध्वज से छेड़छाड़, जांच में जुटी पुलिस

जालौन: बारावफात जुलूस के दौरान राष्ट्रीय ध्वज से छेड़छाड़, जांच में जुटी पुलिस

बरेली में संवेदनशील पुराना शहर इलाके में नए रूट से जुलूस ए मोहम्मदी निकालने की कोशिश से विवाद की स्थिति बन गई, पुलिस-प्रशासन की सूझ-बूझ से टकराव टल गया।

बरेली: नए रूट पर जुलूस-ए-मोहम्मदी ले जाने की कोशिश से विवाद, विरोध में उतरा हिन्दू समाज

कोयम्बटूर और मंगलुरू ब्लास्ट मामले में एनआईए ने तीन राज्यों में मारा छापा

आतंकी जावेद चिकना उर्फ ‘अंकल’ के इरादे थे बड़े खतरनाक, फेक करेंसी को बनाया सहारा, NIA की चार्जशीट में बड़ा खुलासा

प्रयागराज में उमेश पाल एडवोकेट की हत्या के बाद से फरार चल रहे माफिया अशरफ के साले सद्दाम को एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया, बरेली और प्रयागराज में उसके खिलाफ खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं।

माफिया अतीक-अशरफ का साला सद्दाम दिल्ली से गिरफ्तार, प्रयागराज कांड के बाद से था फरार

परिजनों के सामने जलाते हैं मृत कैदियों को, उत्तर कोरिया के तानाशाह के जल्लादों की हैवानियत

उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को रफ्तार देने के लिए लाया नया कानून, संविधान में किया संशोधन

उत्तराखंड: गैंगस्टर राशिद पहलवान जेल से रिहा, जुलूस के साथ लाया गया घर, समर्थकों ने पछुवा देहरादून में की नारेबाजी

उत्तराखंड: गैंगस्टर राशिद पहलवान जेल से रिहा, जुलूस के साथ लाया गया घर, समर्थकों ने पछुवा देहरादून में की नारेबाजी

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को 1,728 करोड़ रुपये का जीएसटी ‘डिमांड नोटिस’

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को 1,728 करोड़ रुपये का जीएसटी ‘डिमांड नोटिस’

सनातन का अपमान अस्वीकार

सनातन का अपमान अस्वीकार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Podcast
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • पत्रिका
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies