जम्मू-कश्मीर : दिलों को जोड़ता रेल का सेतु
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जम्मू-कश्मीर : दिलों को जोड़ता रेल का सेतु

अनुच्छेद-370 निरस्त होने के बाद विकास के नए कीर्तिमान गढ़ रहा जम्मू-कश्मीर। चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बताया जा रहा भारतीय इंजीनियरिंग का अद्भुत करिश्मा। जल्द ही कश्मीर घाटी देश के मुख्य रेल ताने-बाने से जुड़ जाएगी

by अश्वनी मिश्र
Apr 5, 2023, 12:24 pm IST
in भारत, जम्‍मू एवं कश्‍मीर
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जम्मू-कश्मीर शेष देश से अनुच्छेद 370 के कारण अलग-थलग पड़ा था। दिलों में दूरियां तो थी हीं, आतंक भी चरम पर था। विकास की धारा रुकी हुई थी। लेकिन 370 हटते ही जहां एक ओर आतंक पर करारा प्रहार शुरू हुआ वहीं राज्य विकास के नए कीर्तिमान गढ़ने लगा है।

साल 2019 के पहले तक जम्मू-कश्मीर शेष देश से अनुच्छेद 370 के कारण अलग-थलग पड़ा था। दिलों में दूरियां तो थी हीं, आतंक भी चरम पर था। विकास की धारा रुकी हुई थी। लेकिन 370 हटते ही जहां एक ओर आतंक पर करारा प्रहार शुरू हुआ वहीं राज्य विकास के नए कीर्तिमान गढ़ने लगा है। अब दूरियों को पाटा जा रहा है। चिनाब नदी पर बना रेलवे का पुल इसी का उत्कृष्ट उदाहरण है। अब वह दिन दूर नहीं जब कश्मीर शेष भारत के रेलवे ताने-बाने से जुड़ जाएगा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक सबसे ऊंचे रेल पुल की तस्वीरें ट्वीटर पर साझा करते हुए रेल मंत्रालय ने लिखा- ‘यह ब्रिज भारतीय इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण है।’
वास्तविक तौर पर देखें तो यह इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना ही है।

जम्मू-कश्मीर स्थित चिनाब रेल पुल का विहंगम दृश्य। पुल के निरीक्षण के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

इसी कड़ी में बीते 26 मार्च को जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रियासी के वक्कल से डुगा तक दस किलोमीटर ट्राली पर सवारी करके ट्रैक का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा,‘‘ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला नई लाइन परियोजना को पूरा करना इंजीनियरों के लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन रेलवे के इंजीनियरों ने इस नई रेल लाइन परियोजना की सबसे बड़ी चुनौती चिनाब नदी पर विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल का निर्माण कार्य पूरा किया है। ये दुनिया की बहुत बड़ी अभियांत्रिकी चुनौतियों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास का जो संकल्प लिया है उसमें नित नए अध्याय लिखे जा रहे हैं और ये चिनाब नदी पर बना रेल पुल एक नयी मिसाल है।’’ उन्होंने कहा कि ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला परियोजना अगले वर्ष जनवरी तक पूर्ण हो जाएगी और कश्मीर घाटी देश के मुख्य रेल संजाल से जुड़ जाएगी। इसके शुरू होते ही जम्मू से श्रीनगर की यात्रा मात्र 3 घंटा 30 मिनट में पूरी होगी।

विशेष तकनीक का लिया सहारा
चिनाब नदी पर रेलवे पुल बनाना कोई आसान काम नहीं था। पहाड़, पानी, माहौल से जुड़ी कई चुनौतियां रेलवे के कर्मचारी और इंजीनियरों सामने थीं। जहां निर्माण किया जाना था, वहां पहुंचने के लिए पहले कोई साधन नहीं था। लिहाजा हेलीकॉप्टर के सहारे ही पहुंचा जा सकता था। ऐसे में 111 किमी की नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए पहले रेलवे ने 205 किलोमीटर की एक सड़क तैयार की। रास्ते में कई पुल और सुरंगें बनानी पड़ीं। तब जाकर चिनाब ब्रिज का काम शुरू हो सका। इसके अलावा एक चुनौती थी, यहां के भुरभुरे पहाड़। ऐसे में पुल बनाने में विशेष तकनीकी का सहारा लिया गया।

पुल की लम्बाई 1315 मीटर तथा नदी तल से पटरी की सतह तक की ऊंचाई 359 मीटर है। पुल के निर्माण में 28,660 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है। वर्तमान में ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। चूंकि यह भूकंप प्रवण क्षेत्र है, इसलिए इसकी नींव का स्वरूप कुछ इस तरह का है कि भूकम्प का असर इस पर नहीं पड़ेगा। भूकंप से बचाने के लिए इसमें बीयरिंग का इस्तेमाल किया गया है। रेल मंत्रालय का दावा है कि ये दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है और अगले 120 साल तक सुरक्षित रहेगा। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इस पटरी पर वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी।

    चिनाब रेल पुल की विशेषताएं

  • कटरा और बनिहाल को जोड़ेगा चिनाब रेल ब्रिज
  • पुल की ऊंचाई 359 मीटर है जो पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक है। इसके अलावा चीन का गुइज्यू स्थित नाजीहे रेल  310 मीटर और बिपेन्जियांग पुल 295 मीटर ही ऊंचा है।
  •  उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे खंड का है यह हिस्सा
  •  चिनाब रेल आॅर्क ब्रिज रियासी के बक्कल और कौड़ी प्रखंड में है।
  •  पुल को बनाने में लगभग 1500 करोड़ की लागत का अनुमान
  •  परियोजना को 2003 में हरी झंडी मिली, साल 2004 में काम शुरू हुआ।
  •  साल 2009 में काम को तेज हवाओं की वजह से कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
  •  2017 में इसका आधार का हिस्सा बनकर तैयार हुआ।
  •  अप्रैल, 2021 अप्रैल में प्रमुख आर्क (अर्द्ध वृत्ताकार) पर काम शुरू हुआ।
  •  अगस्त, 2022 में स्टील और कंक्रीट से बने प्रमुख ‘आॅर्क’ के काम को पूरा किया गया।
  •  बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाली हवा का भी कर सकता है मुकाबला।
  •  पुल को इस तरह बनाया गया कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो भी इसको नुकसान ना हो।
  •  कंक्रीट और स्टील से बने इस पुल को धमाके से रक्षित बनाने में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन से भी परामर्श लिया गया।
    ल्ल चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं। इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

100 किमी रफ्तार से दौड़ेगी रेल
कश्मीर को देश से जोड़ने वाला यह पुल कई मायनों में विशेष है। इस रेलवे पुल पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रेल दौड़ सकेगी। साथ ही तेज रफ्तार हवाओं, तापमान आदि पहलुओं का भी निर्माण करते समय खास ध्यान रखा गया है। आसपास के पहाड़ों की बात करें तो मौसम सबसे बड़ी चुनौती रही, क्योंकि पुल के आसपास 100 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की हवाएं चलती हैं। इसीलिए पुल को इतना मजबूत बनाया गया है कि 266 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवा से इसे कोई नुकसान नहीं होगा। संरचना में इस्तेमाल स्ट्रक्चरल स्टील शून्य से 10 डिग्री नीचे से लेकर 40 डिग्री नीचे तक के तापमान के लिए उपयुक्त है। खास बात यह है कि यह धमाके तक को सह सकता है। 18 साल की मेहनत के बाद यह परियोजना अंतिम चरण में है। अब तक इस पर 1500 करोड़ का खर्च हो चुका है, जबकि संपूर्ण ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला परियोजना पर 34,261 करोड़ की लागत आ चुकी है।

Topics: अनुच्छेद 370Rail bridge connecting heartsऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला परियोजनाजम्मू-कश्मीर राज्य विकास के नए कीर्तिमानविशेष तकनीकचिनाब रेल पुलगुइज्यू स्थित नाजीहे रेलammu-KashmirArticle 370Udhampur-Srinagar-Baramulla projectजम्मू-कश्मीरSpecial technologyप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीChenab rail bridgePrime Minister Narendra ModiNazihe rail at Guiju
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation Sindoor: शशि थरूर ने की पीएम मोदी और भारतीय सेना की तारीफ, कहा- गर्व है ऐसी कार्रवाई पर

एलओसी पर पेट्रोलिंग करते भारतीय जांबाज

लगातार एलओसी पर फायरिंग के पीछे पाकिस्तान का गेमप्लान

सीमा के उस पार चल रहा एक मदरसा   (फाइल चित्र)

खौफ में जिन्ना का देश, सीमा के आसपास बंद कराए 1000 से ज्यादा मदरसे, हिन्दुस्थान से तगड़ी मार पड़ने की आशंका

सुप्रीम कोर्ट

“बेहद गंभीर वक्त है, सेना का मनोबल न गिराएं”, पहलगाम आतंकी हमले पर सुनवाई से SC का इनकार, लगाई फटकार

पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर फिर की गोलीबारी, भारतीय सेना के जवानों ने दिया जवाब

पहलगाम में आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा

इजरायल ने पहलगाम हमले को बताया अस्वीकार्य, तस्वीरें दिल दहला देने वालीं, पाकिस्तान पर कड़ा रुख

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies