सुंडाराम के अद्भुत शोध
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सुंडाराम के अद्भुत शोध

राजस्थान में सीकर जिले के दातारामगढ़ के दांता गांव के निवासी और पद्मश्री से सम्मानित किसान सुंडाराम वर्मा नए-नए प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं

by पवन सारस्वत मुकलावा
Mar 23, 2023, 07:30 am IST
in भारत, राजस्थान
पद्मश्री से सम्मानित होने पर प्रधानमंत्री से बधाई स्वीकार करते सुंडाराम वर्मा

पद्मश्री से सम्मानित होने पर प्रधानमंत्री से बधाई स्वीकार करते सुंडाराम वर्मा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आज अनुसंधान एवं जल संरक्षण की तकनीक के साथ किसानों को फसल उगाने के तौर-तरीके बताते हैं। उन्होंने पौधों को एक लीटर पानी से एक पेड़ के रूप में बदलने करने की उन्नत तकनीक विकसित की।

आज से लगभग 65 वर्ष पहले सुंडाराम वर्मा ने अपने खेत पर ही शोध करना शुरू किया और अब वे एक सफल किसान हैं। उनकी पहचान है शुष्क खेती के साथ वानिकी एवं विभिन्न फसलों की देसी किस्मों का नवाचार करना। वे आज अनुसंधान एवं जल संरक्षण की तकनीक के साथ किसानों को फसल उगाने के तौर-तरीके बताते हैं। उन्होंने पौधों को एक लीटर पानी से एक पेड़ के रूप में बदलने करने की उन्नत तकनीक विकसित की। वे इस तकनीक से अब तक 50,000 से भी ज्यादा पेड़-पौधे लगवा चुके हैं। सुंडाराम बताते हैं, ‘‘विज्ञान में स्नातक करने के बाद भी मैंने खेती की ओर रुख किया।

जब मैं पढ़ता था तब मेरे चाचा जी कृषि से संबंधित पत्रिकाएं लाते थे। उन्हें पढ़कर ही खेती के प्रति मेरी रुचि बढ़ी। इन्हीं पत्रिकाओं से हमें विभिन्न प्रकार की कृषि तकनीक और कृषि में हो रहे नवाचार की जानकारी मिली। इसके बाद हमने खेत में नए तरीके से काम करना प्रारंभ कर दिया। कुछ शुरुआती दिक्कतों के बाद सब ठीक हो गया। खेती से अच्छी आमदनी होने लगी। मेरे खेतों तक कृषि वैज्ञानिक यह देखने आते थे कि कैसे कोई किसान कृषि पर अनुसंधान करता है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘1982 में नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में एक प्रशिक्षण के लिए जाना हुआ। इसमें मुझे शुष्क खेती की तकनीक की जानकारी मिली। इसके तहत बारिश के पानी और मिट्टी की नमी को संरक्षित करके सर्दियों की फसल ली जाती है। बरसात की नमी को गहरी जुताई करके रोककर रखा जाता है। इससे यह नमी जमीन में बनी रहती है और उससे ही फसल की उपज ली जाती है। फिर मैंने इस तकनीक को पौधों पर अपनाने की सोची।’’


सुंडाराम आगे बताते हैं कि फसलों की जड़ें लगभग एक फीट की होती हैं। जब एक फीट की जड़ों में ही फसलें तीन से चार महीने में तैयार हो जाती हैं, तो अगर फसल की जगह पौधे लगा दें तो पहले साल में ही उनकी जड़ें बहुत गहराई तक जा सकती हैं। बस उन्होंने इस तकनीक पर खेती के साथ अपने प्रयोग करने शुरू कर दिए। उन्होंने फलदार पौधों और औषधीय पौधों पर भी यह तकनीक अपनाई और इसमें भी उन्हें सफलता हासिल हुई।

सुंडाराम ने 13 साल पहले एक हेक्टेयर भूमि पर अनार का बगीचा लगाया। इसके लिए उन्होंने बूंद-बूंद सिंचाई का सहारा लिया, ताकि पानी अधिक खर्च न हो। इसके बावजूद 8 साल पहले वहां का पानी पूरी तरह खत्म हो गया। ऐसे में उन्होंने बारिश के पानी को इकट्ठा करने की तकनीक पर काम शुरू किया।

फसलों की जड़ें लगभग एक फीट की होती हैं। जब एक फीट की जड़ों में ही फसलें तीन से चार महीने में तैयार हो जाती हैं, तो अगर फसल की जगह पौधे लगा दें तो पहले साल में ही उनकी जड़ें बहुत गहराई तक जा सकती हैं। बस उन्होंने इस तकनीक पर खेती के साथ अपने प्रयोग करने शुरू कर दिए। उन्होंने फलदार पौधों और औषधीय पौधों पर भी यह तकनीक अपनाई और इसमें भी उन्हें सफलता हासिल हुई। -सुंडाराम वर्मा

इसके लिए उन्होंने पौधों के बीच जो खाली जगह होती है, उस पर पॉलीथीन बिछा दी। उन्होंने 10,000 वर्ग मीटर जमीन में से 4,000 वर्ग मीटर को खुला रखा और 6,000 वर्ग मीटर जमीन को पॉलीथीन से ढक दिया। इस तकनीक से हर साल एक हेक्टेयर में 20 लाख लीटर पानी इकट्ठा होता है। इस तरह उनका अनार का बगीचा हरा-भरा रहता है और इससे उन्हें हर वर्ष लगभग 5,00,000 रु. की आय होती है।

अंत में सुंडाराम कहते हैं कि किसान सब कुछ कर सकता है। सरकार को भी ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए।

Topics: सुंडाराम वर्माअनुसंधान एवं जल संरक्षणफसल उगाने के तौर-तरीकेसर्दियों की फसलपौधों और औषधीय पौधोंSundaram VermaCrop cultivation practicesWinter cropsकृषिAgricultural techniquesAgriculturePlants and medicinal plantsकृषि तकनीकतकनीक पर खेती
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

Tulbul Project

सिंधु जल समझौता रद्द होने से कश्मीर के किसान खुश, क्यों चर्चा में है तुलबुल परियोजना?

Punjab national security threat

पिछड़ता पंजाब: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती

मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर को विकास के केंद्र में लाया : अमित शाह

Central government to new amedment waqf act

होटल, मंदिर, कृषि समेत 45 संपत्तियों को रातों-रात वक्फ ने हड़पा

Uttarakhand CM pushkar Singh Dhami

सेब की नई प्रजातियों पर 80% सब्सिडी, सेब का उत्पादन लक्ष्य 2000 करोड़ सुनिश्चित करें: मुख्यमंत्री धामी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies