भेदभाव करता है शरिया कानून, महिलाओं को संपत्ति पर नहीं समान अधिकार : मुस्लिम महिला ने सुप्रीम कोर्ट में दी अर्जी
Friday, March 24, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

भेदभाव करता है शरिया कानून, महिलाओं को संपत्ति पर नहीं समान अधिकार : मुस्लिम महिला ने सुप्रीम कोर्ट में दी अर्जी

- यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सर्वोच्च न्यायालय ने इसपर जवाब मांगा है। जानिए मुस्लिम पर्सनल लॉ उत्तराधिकार और हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में अंतर

Shivam Dixit by Shivam Dixit
Mar 17, 2023, 09:37 pm IST
in भारत
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

शरिया कानून के तहत पारिवारिक संपत्ति में पुरुष की तुलना में महिला को आधा देने की व्यवस्था है लेकिन भारतीय संविधान में बराबरी का हक देना लिखा है जो हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत दिया जाता है। पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे में मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव का यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो न्यायालय ने इसपर जवाब मांगा।

क्या है मामला

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में बुशरा अली नाम की एक महिला द्वारा अर्जी दायर की गई है। जिसमे कहा गया है कि कि संपत्ति के बंटवारे में उन्हें पुरुष सदस्य की तुलना में आधी हिस्सेदारी मिली जो उनके साथ भेदभाव है। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसे पारिवारिक संपत्ति में 7/152 की ही हिस्सेदारी दी गई, जबकि पुरुष सदस्यों को 14/152 का हिस्सा मिला है। बुशरा अली संपत्ति का बंटवारा संविधान के अनुसार चाहती है। जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है।

क्या है याचिका में

बता दें कि बुशरा ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका के माध्यम से मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरिया कानून) की धारा-2 को चुनौती दी है। जिसके अनुसार मुस्लिम महिलाओं को पारिवारिक संपत्ति में पुरुषों की तुलना में आधी हिस्सेदारी मिलती है।

बुशरा ने अपनी याचिका में इसे संविधान के अनुच्छेद-15 का उल्लंघन बताया है। बता दें कि अनुच्छेद-15 कानून के समक्ष जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव को रोकता है। याचिकाकर्ता के अनुसार यह कानून (शरिया) पूर्व संवैधानिक विधान है जो संविधान के अनुच्छेद-13 (1) के तहत आता है।

बुशरा ने अपनी याचिका में कहा है कि- क्या मुस्लिम पर्नसल लॉ (शरीयत) एप्लिकेशन एक्ट 1937 की धारा-2 के तहत पुरुषों की तुलना में महिला को संपत्ति में आधा हिस्सा दिया जाना यानी समान हिस्सा न दिया जाना अनुच्छेद-15 और अनुच्छेद-13 का उल्लंघन नहीं है? ध्यान रहे अनुच्छेद-13 में प्रावधान है कि भारत में संविधान से पहले जो भी कानून थे वह संविधान के दायरे में होगा और अगर वह मौलिक अधिकार का हनन करता है तो वह कानून अमान्य होगा। फिलहाल इस मामले में दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया गया है, जिसके बाद आगे की सुनवाई की जाएगी।

क्या है मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत उत्तराधिकार

मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार संपत्ति या पैसे का बंटवारा पर्सनल लॉ के तहत तय उत्तराधिकारियों में होता है। अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसकी संपत्ति में उसके बेटे, बेटी, विधवा और माता-पिता सभी का हिस्सा वर्णित किया गया है। जिसके अनुसार संपत्ति में बेटे के हिस्से की तुलना में आधा हिस्सा बेटी को देने का नियम है। वहीं पति की मौत के बाद विधवा को उसकी संपत्ति का छठवां हिस्सा दिया जाता है। इसमें माता-पिता के लिए भी हिस्सेदारी तय की गई है।

जानिए क्या है हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम

वहीं अगर बात करें हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की तो यह हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध पर लागू है। जिसके अनुसार अगर हिंदू (हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध) की मौत होती है और उसने अपनी संपत्ति की वसीयत नहीं की है तो संपत्ति के कानूनी उत्तराधिकारी बेटा, बेटी, विधवा मां, पहले मर चुके बेटे के संतान, पहले मर चुकी बेटी के संतान व बेटे की विधवा बनेगे. यानि इन सबको मृत व्यक्ति की संपत्ति में से बराबर का हिस्सा मिलेगा।

Topics: शरियत कानून के अनुसार बंटवाराIn the sharing of propertythe Shari'a lawthe will according to the Sharia lawthe divide according to the Sharia lawShari'a law in property sharingwill according to Sharia lawसुप्रीम कोर्ट समाचारdistribution according to Sharia lawSupreme Court Newsसंपत्ति के बंटवारे में शरियत कानूनशरियत कानून के अनुसार वसीयत
ShareTweetSendShareSend
Previous News

ऑपरेशन माफिया : कयूम, इरफान, फरहद बरेली में गिरफ्तार, सपा नेता लल्ला गद्दी फरार

Next News

डिफेंस मॉडर्नाइजेशन फंड को लेकर फिर से गंभीर हुआ रक्षा मंत्रालय, इस बार वित्त मंत्रालय के साथ कर रहा काम

संबंधित समाचार

भेदभाव करता है शरिया कानून, महिलाओं को संपत्ति पर नहीं समान अधिकार : मुस्लिम महिला ने सुप्रीम कोर्ट में दी अर्जी

हलाला, मुताह और निकाह मिस्यार पर सुनवाई को लेकर गठित होगी संविधान बेंच, सुप्रीम कोर्ट ने किया फैसला

एसवाईएल नहर विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हरियाणा और पंजाब मिलकर निकालें समाधान

एसवाईएल नहर विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हरियाणा और पंजाब मिलकर निकालें समाधान

फांसी के बजाय दर्द रहित मृत्यु दंड का विकल्प तलाशने पर सुप्रीम कोर्ट का जोर

फांसी के बजाय दर्द रहित मृत्यु दंड का विकल्प तलाशने पर सुप्रीम कोर्ट का जोर

दागी उम्मीदवारों का विवरण सही न देने पर दलों के खिलाफ कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

दागी उम्मीदवारों का विवरण सही न देने पर दलों के खिलाफ कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

जम्मू-कश्मीर परिसीमन प्रक्रिया पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, याचिकाकर्ता को लगाई फटकार

समलैंगिक विवाह की मान्यता का केंद्र सरकार ने किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में कहा- ये भारतीय फैमिली सिस्टम के खिलाफ

जब्त होगी भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की संपत्ति, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

जब्त होगी भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की संपत्ति, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ऑर्गेनिक खेती से आय की दुगुनी

ऑर्गेनिक खेती से आय की दुगुनी

खालिस्तानी समर्थक के साथ कांग्रेस नेताओं के संबंध, मूणत ने जारी की तस्वीर

खालिस्तानी समर्थक के साथ कांग्रेस नेताओं के संबंध, मूणत ने जारी की तस्वीर

सरल भाषा में समझें वेदों का ज्ञान : गृहमंत्री अमित शाह ने किया ‘वैदिक हेरिटेज पोर्टल’ का शुभारंभ

सरल भाषा में समझें वेदों का ज्ञान : गृहमंत्री अमित शाह ने किया ‘वैदिक हेरिटेज पोर्टल’ का शुभारंभ

मध्यप्रदेश में गठित होगा स्वर्ण कला बोर्ड, मुख्यमंत्री शिवराज ने की बड़ी घोषणा

मध्यप्रदेश में गठित होगा स्वर्ण कला बोर्ड, मुख्यमंत्री शिवराज ने की बड़ी घोषणा

‘जब जातियों में बंटे हिन्दू एक हो जाएंगे, हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना स्वतः साकार हो जाएगी’

‘जब जातियों में बंटे हिन्दू एक हो जाएंगे, हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना स्वतः साकार हो जाएगी’

नौसेना और कोस्ट गार्ड का ध्रुव हेलीकॉप्टर बेड़ा अभी भी ‘जमीन’ पर, जांच पूरी नहीं

नौसेना और कोस्ट गार्ड का ध्रुव हेलीकॉप्टर बेड़ा अभी भी ‘जमीन’ पर, जांच पूरी नहीं

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला : दो याचिकाओं पर हुई सुनवाई, 31 मार्च और 17 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला : दो याचिकाओं पर हुई सुनवाई, 31 मार्च और 17 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

विधानसभा उपचुनावः छह राज्यों की सात सीटों में चार पर भाजपा विजयी

भाजपा ने दिल्ली, बिहार, ओडिशा और राजस्थान के लिए नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की

वक्फ एक्ट के खिलाफ 120 याचिकाएं, जानिए कब होगी सुनवाई

Delhi High Court : जामिया हिंसा मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

अमृतपाल के खिलाफ लुधियाना में मामला दर्ज, हथियारों को प्रमोट करने का आरोप

अमृतपाल के घर से मिले एकेएफ के होलोग्राम डिजाइन, गांव में ही बना रखी थी फायरिंग रेंज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies