अमृतसर के अजनाला थाना में हुई हिंसा सहित कई अन्य घटनाओं को लेकर पंजाब में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को संभालने के लिए अब केंद्र सरकार और पंजाब सरकार मिलकर काम करेंगी। यह निर्णय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भगवंत मान की बैठक में लिया गया। 40 मिनट तक चली इस बैठक के बाद भगवंत मान ने एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।
मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर पुलिस के साथ कौमी इंसाफ मोर्चा की भिंड़त हो या फिर अजनाला में खालिस्तान समर्थकों की ओर से थाने में पुलिस के साथ मारपीट करके थाना कब्जाने का मामला, इससे पंजाब पुलिस की काफी फजीहत हुई है। राज्य में अमन कानून की स्थिति को लेकर इन मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों का यह भी कहना है कि पंजाब में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने काफी नाराजगी भी जताई है। खासतौर पर अमृतपाल से जुड़ी घटनाओं और पुलिस की ढीली कार्रवाई को लेकर वह काफी नाराज दिखे। उन्होंने मुख्यमंत्री को डीजीपी और अन्य उच्च अधिकारियों को सख्ती बरतने के आदेश देते हुए यह आश्वासन भी दिया है कि केंद्र सरकार हर तरह से राज्य को सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री मान ने शाह से होला मोहल्ला और 19 मार्च को अमृतसर में होने जा रही जी-20 बैठक को लेकर सुरक्षा के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स की अतिरिक्त कंपनियों की मांग भी की है। मान ने शाह से नई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए राज्य पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण को यकीनी बनाने के लिए खुले दिल से फंड मुहैया करवाने की अपील भी की। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि सीमा पार से हो रही घुसपैठ और ड्रोन हमलों को रोकने के लिए पुलिस फोर्स को अत्याधुनिक यंत्र और हथियार मुहैया करवाना समय की जरूरत है। यह देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को कायम रखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि अजनाला की घटना के बाद से राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं, क्योंकि आठ मार्च को श्री आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला समारोह में अलगाववादी और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह व उसके समर्थकों के शामिल होने की संभावना है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां अतिरिक्त तौर पर सतर्कता बरत रही हैं। इसी सतर्कता के चलते मुख्यमंत्री ने पैरा मिलिट्री फोर्स की अतिरिक्त कंपनियां मांगी हैं। यही नहीं, जी-20 की बैठक जिसमें विभिन्न देशों से प्रतिनिधि अमृतसर में पहुंच रहे हैं, उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।
अमृतपाल द्वारा दिये ब्यानों तथा अतीत में हुईं घटनाओं के कारण पंजाब में तनाव का माहौल बना हुआ है। अब ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल की जान को खतरे की आशंका को देखते हुए पंजाब में कानून व्यवस्था बनाये रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। पंजाब और केंद्र सरकारें मिलकर उपरोक्त चुनौती का सामना करेंगी, तभी पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था कायम रहेगी। पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों का लक्ष्य पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर पंजाब का माहौल खराब करना ही है।
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