भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मुंबई की एक अदालत में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही को चुनौती दी गई थी।
सुनवाई के दौरान विजय माल्या के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल से उनका कोई संपर्क नहीं हो रहा है, ताकि वे कोई निर्देश ले सकें। उसके बाद कोर्ट ने माल्या की अर्जी खारिज कर दी।
विजय माल्या ने भारत में अपनी संपत्ति जब्त करने के लिए ईडी की ओर से शुरू की गई कार्रवाई के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। विजय माल्या का कहना था कि उसने बैंकों से कर्ज़ किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया था। लेकिन निजी संपत्ति भी जब्त की जा रही है। माल्या ने अपनी और अपने परिजनों की मालिकाना संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
माल्या का कहना था कि किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों के अलावा अन्य संपत्तियां कुर्क नहीं होनी चाहिए। 5 जनवरी 2019 को मुंबई के ट्रायल कोर्ट ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। उसके बाद कोर्ट ने माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
ट्रायल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ माल्या ने बांबे हाईकोर्ट में अपील की थी। बांबे हाईकोर्ट ने 11 जुलाई 2019 को ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। बांबे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ माल्या ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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