आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें हाई कोर्ट जाने का सुझाव दिया है। फिलहाल वह सीबीआई की रिमांड पर हैं। चार मार्च तक सीबीआई ने उनसे गहन पूछताछ करेगी। वहीं, भाजपा नेता कपिल मिश्रा भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली सरकार पर कड़ा प्रहार कर रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि अगला नंबर अरविंद केजरीवाल का होगा।
गुजरात के कर्णावती में पिछले साल अक्टूबर में पाञ्चजन्य ने दो दिवसीय साबरमती संवाद किया था। एक सत्र में भाजपा नेता कपिल मिश्रा दिल्ली के मुख्यमंत्री पर जमकर बरसे थे। कपिल मिश्रा ने कहा था कि एक राज्य जहां, जहां आबकारी विभाग ही नहीं है और एक राज्य जहां आबकारी मंत्री ही शिक्षा मंत्री है, उस आम आदमी पार्टी की सरकार के लोग गुजरात में कह रहे हैं कि हमसे सीखो। मुझे लगता है कि जिस दिन मनीष सिसोदिया जेल जाएंगे, उस दिन सबसे अधिक खुशी अरविंद केजरीवाल को होगी। कपिल मिश्रा ने कहा, ‘‘मैं बार-बार कहता हूं कि आंदोलन का अपहरण किया गया।
कपिल मिश्रा ने कहा कि करीब 2 करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत है और 40 प्रतिशत घरों में टैंकर से जलापूर्ति होती है। दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जिनका काम शिक्षा के मंदिरों को ठीक करना था, उन्होंने शराब की दुकानें खोल दीं। देश और दिल्ली में 70 साल में जितने ठेके नहीं खुले, उतने एक साल में खोले गए। कोरोना काल में घरों में कैद लोग जब अपनी और दूसरों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे थे, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब के दलालों के साथ बैठकें कर रहे थे। कोरोना काल में जब दिल्ली सरकार का कथित स्वास्थ्य मॉडल ध्वस्त हो गया तो गुजरात से आक्सीजन मिली। इसके बावजूद इन्होंने शराब माफिया के 800 करोड़ रुपये माफ कर दिए। जब उपराज्यपाल ने सवाल उठाया तो हड़बड़ी में शराब नीति ही वापस लेने की कोशिश की।
विजय नायर और समीर महेंद्रू जेल में क्यों हैं? मनीष सिसोदिया से सीबीआई ने पूछताछ क्यों की? सत्येंद्र जैन को जमानत क्यों नहीं मिल रही है? जितेंद्र तोमर और सोमनाथ भारती को क्यों दोषी ठहराया गया है? लेकिन आम आदमी पार्टी इन्हें भगत सिंह बताकर क्या क्रांतिकारियों का अपमान नहीं कर रही है? स्वाधीनता और चोरी के लिए जेल जाने में अंतर है। इसीलिए अक्सर कहता हूं कि जहां पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, वहीं केजरीवाल गिरोह का अंत होगा।
दिल्ली के 70 प्रतिशत स्कूलों में विज्ञान शिक्षक नहीं हैं, जबकि 65 प्रतिशत स्कूल बिना प्रिंसिपल के हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे 2011 में 99 प्रतिशत और 2019 में 71 प्रतिशत रहे। क्या शिक्षा क्रांति, स्वास्थ्य क्रांति यही है? दरअसल, इसे सफेद झूठ कहते हैं। केजरीवाल पंजाब में कर्मचारियों की नौकरी पक्की करके दिखाएं। दिल्ली-पंजाब में महिलाओं को हर माह 1000 रुपये देकर दिखाएं।
उन्होंने कहा कि इनका एजेंडा चुनाव और राजनीति नहीं है। इनका एजेंडा वही है, जो इनके मंत्री राजेंद्र पाल गौतम बोल रहे थे- 2025 तक 10 करोड़ हिंदुओं का कन्वर्जन। वड़ोदरा की जनता के आक्रोश के कारण गौतम से केवल मंत्री पद से इस्तीफा लिया गया, पार्टी से नहीं निकाला गया। दूसरी तरफ ताहिर हुसैन और अमानतुल्लाह खान हैं, जिनके घर से हथियार निकल रहे हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एनआईए, सीबीआई, ईडी जो काम कर रही है, वह 70 साल के इतिहास में नहीं हुआ। यही लोग पूछते थे कि अयोध्या में मंदिर कब बनाओगे? आज 50 मंदिर खड़े हो गए हैं। अयोध्या के बाद मथुरा की भी बारी आने वाली है।
कपिल मिश्रा ने कहा कि मैं पहले भी कहता था कि जो भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ेगा, भारतमाता की जय बोलेगा या व्यवस्था परिवर्तन की बात करेगा, उसके साथ खड़ा रहूंगा। अण्णा आंदोलन या इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के मूल में तीन-चार चीजें थीं। उनमें एक था सत्ता का विकेंद्रीकरण। जिस दिन आप बनी, उसी दिन 51 नेताओं की सूची जारी हुई थी। इसमें सोनिया गांधी, शरद पवार, मुलायम सिंह यादव, देवगौड़ा और लालू यादव जैसे नेता शामिल थे। दावा था कि इन्हें राजनीति से बाहर करने के लिए हम राजनीति में प्रवेश करेंगे। लेकिन बाद में एक मंच पर उन्हीं नेताओं के साथ केजरीवाल खड़े दिखे। मतलब जिस उद्देश्य से पार्टी का जन्म हुआ, केजरीवाल उसके उलट काम कर रहे हैं।
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