हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की जमीन पर अवैध रूप से काबिज चार हजार से ज्यादा परिवारों को हाई कोर्ट ने हटने का आदेश जारी किया है। इसके लिए रेलवे प्रशासन और उत्तराखंड सरकार आगामी दस तारीख से इस क्षेत्र में अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई करेगा। इसके लिए पुलिस फोर्स आ गया है।
रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण चालीस से पचास साल पुराना बताया जाता है। इस मामले में पिछले कई सालों से इज्जत नगर रेलवे महाप्रबंधक के यहां मुकदमे चलते रहे और अदालतों में ये मामले चलने के बाद ये जमीन अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश नैनीताल हाई कोर्ट ने जारी किया। जिला प्रशासन ने रेलवे से करीब पटरी किनारे 27 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए आने वाले खर्च की करीब 23 करोड़ रुपए की रकम भी जमा करवा ली है। ये रकम फोर्स, जेसीबी, लेबर आदि की खर्चे को लेकर ली जा रही है। यहां चिन्हित 4365 परिवारों को करीब 15 हजार आबादी अवैध रूप से बसी हुई है।
पूर्वोत्तर रेलवे ने जारी किए नोटिस, सात से शुरू होगा अतिक्रमण मुक्ति अभियान
हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद रेलवे प्रशासन ने अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए मुनादी करवा दी है और काबिज लोगों को नोटिस दे दिए हैं। साथ ही अखबारों में भी सूचना जारी किया है कि हाई कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमणकारी रेलवे की जमीन सात जनवरी तक स्वयं खाली कर दें, इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
मोहम्मद जुबेर इसे शाहीन बाग जैसी कर्रवाई बता रहा
इस मामले को सोशल मीडिया पर हिंदू-मुस्लिम राजनीति से भी जोड़ा गया है। शाहीन बाग मामले जैसा बताकर मोहम्मद जुबेर ट्विटर और अन्य प्लेटफार्म पर ये कह कर प्रचारित कर रहा है कि सरकार मुस्लिमों के घर उजाड़ रही है। जबकि हकीकत ये है कि ये लोग रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बैठे हुए थे और रेलवे को अपनी योजना के विस्तार के लिए जमीन नहीं मिल रही है। 2007 में भी ऐसे ही आदेश हुए थे और प्रशासन ने एक दो मकान गिरा कर अपने अभियान को रोक दिया था। अब हाई कोर्ट के सख्त आदेश से प्रशासन भी मजबूर दिखाई दे रहा है।
विपक्ष की राजनीति
उत्तराखंड में कांग्रेस विपक्ष में है और यहां काबिज लोगों को हमेशा से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का संरक्षण मिलता रहा है, खास बात ये भी है कि यहां काबिज लोगों में बीजेपी का भय दिखाकर कांग्रेस को वोट भी मिलते रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यहां बयान दिया है कि राज्य सरकार इनके पुनर्वास के लिए कुछ नहीं कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
हल्द्वानी के कांग्रेस के विधायक सुमित हृदयेश और उनके साथ दस अन्य लोग, अतिक्रमण को हटाने पर रोक लगाने और काबिज लोगों को कहीं और बसाने के लिए प्रार्थना पत्र लेकर अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की अगुवाई में उच्चतम न्यायालय पहुंचे है, कोर्ट बंद है, लेकिन प्रार्थना पत्र को सूची में लिया गया है और इसकी सुनवाई 5 जनवरी को की जाएगी।
टिप्पणियाँ