भारत के इतिहास में 6 दिसंबर का दिन हर किसी को याद होगा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री और अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राजश्री चौधरी इन दिनों काशी यात्रा पर हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने ने 6 दिसंबर को मथुरा चलने की अपील की है। उन्होंने बताया कि छह दिसंबर को सनातन समर्पण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर सभी लोग प्रस्थान करें। जो लोग न पहुंच पाएं, वो किसी भी मंदिर में पहुंच कर उन सभी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना अवश्य करें।
उन्होंने कहा कि तीन दशक पहले सैकड़ों कारसेवकों पर गोलियां चली थीं। उस समय मुलायम सिंह यादव सत्ता में थे। कारसेवकों की आत्मा की शांति और श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पुनुरूद्वार का अभियान मथुरा से शुरू किया जाएगा। भारत के सभी राज्यों में अपने प्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम के बारे में बता दिया है। छह दिसंबर को जो लोग मथुरा न जा पाएं, वो लोग मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ करें।
राजश्री चौधरी ने कहा कि काशी ने तीन दशक पहले बहुत अहम भूमिका निभाई थी। एक बार फिर से समय आ गया है। दर्दनाक घटना को 30 साल पूरे हो रहे हैं। जान देने वाले कारसेवकों को सच्ची श्रद्धांजलि आप सभी दे सकते हैं। हिंदूवादी नेता अरुण पाठक को कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी गयी है। सनातन हिंदू धर्म की जड़ें काफी मजबूत हैं। हम सभी हिंदू उन कारसेवकों को उस दिन अवश्य याद करेंगे। जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दे दी।
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