अमेरिकी यूनिवर्सिटी में सिख छात्र को कृपाण धारण करने पर लगाई हथकड़ी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष ने इस घटना की निंदा की और इसे अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह के सामने उठाया।

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WEB DESK

वाशिंगटन। अमेरिका में एक सिख छात्र को कृपाण धारण करने के कारण स्थानीय पुलिस ने उसे हथकड़ी लगाई और फिर हिरासत में ले लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद अमेरिका और भारत में इसकी आलोचना हो रही है।

मामला नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी का है। सिख छात्र कृपाण धारण करने के कारण विश्वविद्यालय परिसर से हिरासत में लिया गया। वायरल वीडियो देखा जा सकता है कि अमेरिकी पुलिस अधिकारी सिख युवक से कृपाण लेने की कोशिश कर रह रहा है। घटना का वीडियो छात्र द्वारा शेयर किया गया था। जिसके बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

वीडियो में छात्र कह रहा है कि यह उसके धर्म की निशानी है, वह इसे नहीं उतार सकता। लेकिन अधिकारी ने छात्र की बात नहीं मानी और कृपाण निकालने की कोशिश करने लगा। हालांकि इस पूरी घटना के दौरान छात्र अधिकारी से कहता रहा कि वह उसकी कृपाण को न छुए।

हालांकि इस पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर वह कृपाण नहीं हटाएगा तो हथकड़ी लगानी होगी। ये देखते ही अधिकारी ने छात्र को हथकड़ी पहना दी। वीडियो शेयर करते हुए छात्र ने लिखा कि मैं इसे पोस्ट नहीं करना चाहता था, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मुझे नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी से कोई सहयोग मिलेगा। मुझे बताया गया कि किसी ने 911 पर कॉल की थी और मेरे खिलाफ रिपोर्ट दी थी। विरोध करने पर मुझे हथकड़ी पहना दी गई क्योंकि मैंने अधिकारी को मेरे कृपाण को म्यान से बाहर निकालने से मना कर दिया था।

भारत में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस घटना की निंदा की और इसे अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह के सामने उठाया। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से अमेरिका में सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।

इसके अलावा वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए, भारतीय जनता पार्टी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने लिखा कि सिख ककारों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई वैश्विक अभियानों के बावजूद, उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय में कैंपस पुलिस द्वारा एक सिख युवक को उसके कृपाण के लिए हिरासत में लेना निराशाजनक है। मैं सिख छात्रों के प्रति विश्वविद्यालय के अधिकारियों के भेदभावपूर्ण रवैये की निंदा करता हूं।

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