असम में एक तरफ जेएमबी तो दूसरी तरफ अल-कायदा इंडियन सबकांटिनेंट (एक्यूआइएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी ) मुसलमानों को आतंकी संगठन में भर्ती करने में लगी हुई है. यहां तक कि दूरदराज के इलाकों में कई लोगों को बहकाकर आतंकी संगठनों में शामिल भी कराया गया है. दरअसल यह खुलासा गोआलपारा जिले से गिरफ्तार दो इमामों से पूछताछ के बाद हुआ है. इस दौरान पुलिस को अल-कायदा के षड्यंत्र के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं. खबरों के अनुसार एक्यूआइएस और एबीटी आतंकी समूहों से जुड़े छह बांग्लादेशी आतंकियों ने कुछ साल पहले असम आकर मुस्लिम बहुल इलाकों के लोगों को बहकाकर अल- कायदा में भर्ती किया था.
मिले महत्वपूर्ण साक्ष्य
तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद के इमाम अब्दुस सुभान और तिलपारा नतुन मस्जिद के इमाम जलालुद्दीन शेख के पकड़े जाने के बाद पुलिस को इनके घरों से महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं. गोआलपारा के पुलिस अधीक्षक वीवी राकेश रेड्डी के अनुसार इन इमामों के संबंध एक्यूआइएस और एबीटी के बारपेटा और मोरीगांव माड्यूल के साथ पाए गए हैं. इस दौरान पुलिस ने इनके घरों की तलाशी ली और जिहादी सामग्री, किताबें, पर्चे, पोस्टर, टूटे हुए फोन, सिम कार्ड जैसी आपत्तिजनक सामग्री एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य पाए हैं.
Two suspected terrorists linked with Al-Qaeda Indian Subcontinent (AQIS) and Ansarullah Bangla Team (ABT) were arrested by police in Goalpara district last night: Assam Police pic.twitter.com/Zzrqey91k2
— ANI (@ANI) August 21, 2022
इन आतंकी संगठनों से है इमाम का संबंध
पुलिस ने गोआलपारा जिन दो इमाम को पकड़ा है, वह आतंकी संगठन एक्यूआइएस और एबीटी से जुड़े हैं. पुलिस का कहना है कि इनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है. जांच में स्थानीय लोगों से सहयोग करने की अपील भी कर रहे हैं. मुझे भरोसा है कि पूछताछ के बाद बहुत सी चीजें सामने आएंगी. खबर यह भी है कि इनके द्वारा अल-कायदा नेटवर्क में लोगों को भर्ती किया गया, हम उन सभी को पकड़ने और अन्य जिलों को भी अलर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं.
आतंकवादी गतिविधियों पर लगेगा अंकुश
हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि राज्य सरकार एक पोर्टल विकसित कर रही है, जहां राज्य के बाहर से आने वाले मदरसों के इमाम और शिक्षकों को पोर्टल में अपना विवरण दर्ज करना होगा. दरअसल जिहादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए असम सरकार इस पोर्टल को विकसित कर रही है, ताकि बाहरी लोगों के बारे में पूरी जानकारी मिलती रहे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से भी कहा कि यदि इलाके में कोई ऐसा इमाम आता है, जिसे वो लोग नहीं जानते हैं, तो ग्रामीणों को फ़ौरन इसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाने में देनी होगी. इसके बाद पुलिस अज्ञात इमाम की पुष्टि करेगी और उसे रुकने की इजाजत दी जाएगी.
पांच आतंकी अभी भी हैं फरार
कुछ वर्ष पहले 6 बांग्लादेशी आतंकियों ने असम में घुसपैठ की थी. यहां आकर आतंकी राज्य के चार अलग-अलग इलाकों में लोगों को बहकाने में लग गए थे. इस दौरान इनका निशाना खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों पर था. आतंकियों ने कई लोगों को आतंकी संगठन में भर्ती भी किया था और बहुत से लोगों को कटटरपंथ की आग में झोंक दिया. हालांकि जानकारी मिलने पर असम पुलिस ने एक आतंकवादी को दबोच लिया था लेकिन पांच आतंकी अभी भी फरार हैं. गौर करने लायक बात ये है कि इनमें से दो आतंकी पिछले दो-तीन साल से गोआलपारा जिले में ही रह रहे थे। जिस घर में आतंकी रुके थे, उसका भी पता चल गया है।
4 महीने में 23 बांग्लादेशी गिरफ्तार
बीती जुलाई में भी पुलिस ने बरपेटा और मोरीगांव जिलों से आतंकियों के स्लीपर सेल का भंडाफोड़ किया था. इसमें 11 बांग्लादेशियों को मोरीगांव, बारपेटा, गुवाहाटी और गोलपारा जिलों से पकड़ा गया था. खबर है कि इन्हीं में से एक अब्बास अली से पूछताछ के बाद गोआलपारा से दोनों मौलवियों की गिरफ्तारी हुई है. उल्लेखनीय है कि पिछले चार महीनों में बांग्लादेश के करीब 23 जिहादियों की गिरफ्तारी राज्य से हो चुकी है.
एबीटी की जड़े हैं गहरी
आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी ) की जड़ें गहरी हैं. खबरों के मुताबिक आतंकी पाकिस्तान और बांग्लादेश के रास्ते भारत के अलग-अलग इलाकों में घुसपैठ करते हैं. हाल के दिनों में असम इनका प्रमुख ठिकाना बना हुआ है, जहां दूरदराज के इलाकों में इन्होंने गहरी पैठ बनाई हुई है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती और संजीदगी के चलते आतंकी संगठन अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.
बांग्लादेश में रची जा रही साजिश
असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंता का कहना है कि असम पुलिस ने अब तक अलकायदा से जुड़े 34 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. राज्य की पुलिस कट्टरता विरोधी उपायों को लागू कर रही है. राज्य में आतंकवादी समूहों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी साजिश असम से बाहर खासकर बांग्लादेश में अल-कायदा द्वारा रची जा रही है, ताकि युवाओं को उकसा कर कट्टरता फैलाई जा सके।
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