विभाजन : लाशों के बीच छिपकर बचाई जान
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विभाजन : लाशों के बीच छिपकर बचाई जान

दरअसल भारत विभाजन का घाव इतना गहरा है कि आज भी दर्द महसूस होता है। उस समय मेरे परिवार में कुल 14 सदस्य थे और 11 को मुसलमानों ने मार दिया। मैं, तीन साल की मेरी चचेरी बहन और मेरे पिताजी ही बचे थे। मैं साढ़े 10 साल का था। भारत विभाजन के बाद हम लोगों को इतना प्रताड़ित किया गया

by पाञ्चजन्य वेब डेस्क
Aug 16, 2022, 05:04 pm IST
in भारत
पुरुषोत्तम लाल मेहता

पुरुषोत्तम लाल मेहता

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पुरुषोत्तम लाल मेहता 

सौवाल, झेलम, पाकिस्तान

दरअसल भारत विभाजन का घाव इतना गहरा है कि आज भी दर्द महसूस होता है। उस समय मेरे परिवार में कुल 14 सदस्य थे और 11 को मुसलमानों ने मार दिया। मैं, तीन साल की मेरी चचेरी बहन और मेरे पिताजी ही बचे थे। मैं साढ़े 10 साल का था। भारत विभाजन के बाद हम लोगों को इतना प्रताड़ित किया गया कि वहां से पलायन करना पड़ा।

हम सभी पिंड दादनखान में 23 सितंबर, 1947 को एक मालगाड़ी में बैठे। शाम को हमारी गाड़ी कामुकी मंडी पहुंची। यह मंडी लाहौर और गुजरांवाला के बीच है। कुछ देर में पुलिस आई और कहने लगी, ‘‘जिनके पास भी हथियार हैं, वे जमा करा दें, क्योंकि उन्हें भारत नहीं ले जा सकते।’’

यह उनकी चाल थी। यह सब जानते हुए भी हिंदुओं ने अपने हथियार उन्हें दे दिए। इसके बाद 24 सितंबर की तड़के सैकड़ों मुसलमान आए और कहने लगे, महंगे सामान और पैसे जमा कर दो, नहीं तो सभी मारे जाओगे। फिर उन लोगों ने जवान लड़कियों और महिलाओं को उतार लिया।

इन सबके बाद मुसलमान हर डिब्बे में तलवारों के साथ घुस गए और एक तरफ से हिंदुओं को काटना शुरू कर दिया। गाड़ी में 40 डिब्बे थे और हर डिब्बा खचाखच भरा हुआ था। अनुमान है कि गाड़ी में 6,000 हिंदू थे। इनमें लगभग 500 हिंदू ही बचे, लेकिन सभी घायल। मेरी आंखों के सामने ही मेरी मां, चाचा और अन्य संबंधियों को मार दिया गया। जब एक मुसलमान ने मेरे चाचा पर हमला किया तो उन्होंने मुझे अपने नीचे दबा लिया। उन्हें तलवार से काट दिया गया। वे 45 साल के थे। चाचा पर हमले के दौरान मेरी गर्दन और अंगुलियों पर तलवार की नोक लगी। उसके निशान आज भी हैं। मैं डर के मारे शवों के साथ दुबक गया।

यह मारकाट देर तक चली। इसी दौरान हिंदू सेना, जो पाकिस्तान से भारत लौट रही थी, की नजर हमारी गाड़ी पर पड़ी। उन्होंने हमलावरों को भगाया और घायलों को गुजरांवाला के एक अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में सभी डॉक्टर मुसलमान थे। हिंदू सेना ने चिकित्सकों को धमकाते हुए कहा कि यदि कोई घायल मरा तो तुम लोग भी नहीं बचोगे। इसके बाद उन्होंने घायलों का ठीक से इलाज किया। गुजरांवाला में हम लोग करीब 15 दिन रहे। उस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने हम लोगों की बड़ी मदद की। उन्होंने खाने और ठहरने की व्यवस्था की और उन्हीं की देखरेख में हम भारत आने के लिए दोबारा गाड़ी में बैठे।

Topics: हिंदू सेनाभारत विभाजन का घावआज भी दर्द महसूस होता
Share31TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

याचिका में कहा गया कि ताजमहल राजा मानसिंह का महल था, जिसका जीर्णोद्धार शाहजहां ने करवाया था

‘ताजमहल मानसिंह ने बनवाया, शाहजहां ने नहीं’ 1648 में बना तो मुमताज का शव 6 माह में कैसे आया? कोर्ट ने ASI को दिया आदेश

मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर और सटी हुई मस्जिद

मुक्ति की ओर ‘मथुरा’!

सीमाई राज्यों में घुसपैठ के कारण तेजी से जनसांख्यिकीय बदलाव हुए हैं

घुसपैठियों से घिरता भारत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

चित्र - उत्तराखंड नैनीताल हाईकोर्ट

उत्तराखंड : अतिक्रमण को लेकर फिर बिफरा नैनीताल हाई कोर्ट, 25 अगस्त तक मांगी रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies