कल न्यूयार्क में प्रसिद्ध साहित्यकार, भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी पर जो जानलेवा हमला किया गया उसकी पूरे विश्व में घोर निंदा हो रही है। मजहबी उन्मादी ने रुश्दी की गर्दन पर चाकू से कई वार करके उनकी जान लेने की कोशिश की थी। हालांकि फिलहाल बताया गया है कि रुश्दी वेंटिलेटर पर हैं।
प्राप्त समाचारों के अनुसार रुश्दी न्यूयॉर्क में कल अपनी नई पुस्तक के सिलसिले में एक कार्यक्रम में मंच पर थे और अपना वक्तव्य देने वाले थे। तभी हमलावर ने मंच पर पहुंचकर उनकी गर्दन पर चाकू से वार किया। एक चश्मदीद के अनुसार उनकी गर्दन पर 16 वार किए गए थे। इस जिहादी घटना को लेकर पूरी दुनिया में राजनेताओं से लेकर लेखक जगत में जबरदस्त आक्रोष की लहर दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर साफ देखा जा सकता है कि लोगों में इसे लेकर कितना गुस्सा है।
सलमान रुश्दी के विरुद्ध ईरान ने करीब 35 वर्ष पूर्व फतवा जारी किया था। यह फतवा उनकी पुस्तक सैटेनिक वर्सेस को लेकर दिया गया था जिसे ईशनिंदा’बताया गया था। उसके बाद से उन पर अनेक बार घातक हमले हो चुके हैं।
इस ताजा हमले पर दुनिया भर से आईं प्रतिक्रियाओं में जहां इस जिहादी कृत्य की भर्त्सना की गई हैं वहीं सलमान रुश्दी के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की गई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट में लिखा है, ”सलमान रुश्दी को छुरा घोंपे जाने की घटना है हैरान हूं—उनके चाहने वालों के साथ मेरी संवेदनाएं। उम्मीद है] वह ठीक हैं।”
ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने भारतीय मूल के लेखक रुश्दी को उनकी साहित्य के प्रति सेवाओं को देखते हुए 2007 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि से सम्मानित किया था। ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा है कि यह सुनकर मैं हैरान हूं कि सर सलमान रुश्दी पर बेवजह मूर्खतापूर्ण हमला किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी जैसे हमारे मूल्य को कमजोर करने की कोशिश बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जा सकती। सर सलमान और उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
ब्रिटेन में वर्तमान में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक ने भी कहा है कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हुए हमले के बारे में जानकर हैरान हूं। वह मुक्त भाषण और कलात्मक स्वतंत्रता के पुरोधा हैं।
अमेरिकी सीनेटर चक शूमर ने भी ट्वीट में लिखा है कि यह हमला हैरान और चकित करने वाला है। यह अभिव्यक्ति की आजादी और विचारों पर हमला है, जो हमारे देश का बुनियादी मूल्य है। उम्मीद है रुश्दी जल्द पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे और अपराधी को पूरी जवाबदेही और न्याय का अहसास होगा।
कुछ ऐसी ही प्रतिक्रियाएं विश्व के साहित्य जगत से आई हैं। अमेरिकी उपन्यासकार खालिद होसैनी ने कहा है कि वह रुश्दी के स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करेंगे। वह एक महत्वपूर्ण आवाज हैं। उन्होंने कहा कि यह हमला डराने वाला है। इधर भारत में लेखक अमिताव घोष ने ट्वीट किया है कि यह जानकर भयभीत हूं कि सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में एक भाषण कार्यक्रम में हमला किया गया है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
बांग्लादेशी मूल की लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी अपने ट्वीट में लिखा है सलमान रुश्दी पर हुए हमले की जानकारी मिली। मैं हैरान हूं। कभी सोचा नहीं था कि ऐेसा होगा। वह पश्चिम में रहते रहे हैं और 1989 से उनकी सुरक्षा की जाती रही है। अगर उन पर हमला हुआ है तो फिर इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला हो सकता है। मैं चिंतित हूं। उल्लेखनीय है कि तसलीमा के विरुद्ध भी इस्लामी कट्टपंथियों ने उनकी पुस्तक लज्जा के लिए उनके विरुद्ध फतवा जारी किया हुआ है। इस पुस्तक में तसलीमा ने इस्लाम में महिलाओं की दुर्गति की कथा कही है।
इस्लामी जिहादियों के प्रति सख्त रवैया दर्शाने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 33 वर्षों से सलमान रुश्दी ने आजादी और अंधकारवाद के विरुद्ध संघर्ष को मूर्त रूप दिया है। वह संघर्ष अभी नफरत और बर्बरता वाली ताकतों के कायरतापूर्ण हमले का शिकार हुआ है। उसका संघर्ष हमारा संघर्ष है। यह सब जगह है। अब हम पहले से कहीं ज्यादा उनके साथ खड़े हैं।
एफबीआई के अनुसार, रुश्दी पर हमला करने वाले की पहचान हो गई है। वह न्यूजर्सी के फेयरव्यू का 24 वर्षीय हदी मतार है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक हमले की वजह स्पष्ट नहीं हुई है। एफबीआई मामले की पड़ताल कर रही है। 75 साल के सलमान रुश्दी फिलहाल पेंसिल्वेनिया के एक अस्पताल में भर्ती हैं।
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