विदेश मंत्रालय ने तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें शुभकामनाएं दिए जाने पर चीन की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। साथ ही में जम्मू-कश्मीर को जी20 से जुड़े कार्यक्रम के आयोजन स्थलों के रूप में चुने जाने के संबंध में चीन और पाकिस्तान की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि दलाईलामा भारत के सम्मानित अतिथि हैं तथा उनके देश में लाखों प्रशंसक हैं। प्रधानमंत्री की बधाई को उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि भारत और अन्य देशों में बड़ी संख्या में दलाईलामा के अनुयायी हैं और वह उनका जन्मदिन मनाते हैं। दलाईलामा भारत में धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष भी उन्हें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी थी।
उल्लेखनीय है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की शुभकामनाओं के संबंध में कहा था कि भारत को समझना चाहिए की दलाईलामा पृथकतावादी गतिविधियों में संलग्न हैं।
दूसरी ओर विदेश मंत्रालय ने जी20 संस्था की भारत की अध्यक्षता के दौरान आयोजन स्थलों के रूप में जम्मू-कश्मीर को भी चुने जाने के संबंध में चीन और पाकिस्तान की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इस समय आयोजन स्थलों के बारे में अटकलें लगाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत इस साल दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। अगले साल शिखर सम्मेलन के अलावा, हमारी अध्यक्षता के दौरान देश भर में विभिन्न स्तरों पर अनेक जी20 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत जम्मू-कश्मीर में दुनिया के 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के संगठन से जुड़े आयोजन करने पर विचार कर रहा है। चीन और पाकिस्तान ने इसपर आपत्ति व्यक्त की थी। चीन का कहना है कि संबंधित पक्षों (भारत-पाकिस्तान) को एकतरफा कदम से स्थिति को जटिल बनाने से बचना चाहिए।
इसके अलावा प्रवक्ता बागची ने चीन की मोइबाइल निर्माता कंपनी वीवो के खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया के संबंध में कहा कि चीनी कंपनी से जुड़ी भारतीय इकाइयों को देश के कानून और नियमों का पालन करना होगा।
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