दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में दो माह तक न की जाए गिरफ्तारी : उच्च न्यायालय
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में दो माह तक न की जाए गिरफ्तारी : उच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि दहेज उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज होने के बाद दो महीने तक मुलजिम पक्ष में से किसी की गिरफ्तारी न की जाए। इस दो माह को कूलिंग पीरियड माना है।

by लखनऊ ब्यूरो
Jun 15, 2022, 03:00 pm IST
in उत्तर प्रदेश
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दहेज उत्पीड़न के मामले में ऐतिहासिक निर्णय दिया है। दहेज उत्पीड़न के मामले में जिन लोगों को फर्जी फंसा दिया जाता है। उन्हें इस निर्णय से बड़ी राहत मिलेगी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि दहेज उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज होने के बाद दो महीने तक मुलजिम पक्ष में से किसी की गिरफ्तारी न की जाए। इस दो माह को कूलिंग पीरियड माना है। अभी तक यह देखने में आया है कि पारिवारिक विवाद होने पर भी दहेज उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज करा दी जाती है और एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस गिरफ्तारी के लिए दबिश देने लगती है। कई बार इस प्रकार की एफआईआर में फर्जी आरोप लगाकर ससुराल वालों को फंसा दिया जाता है। बाद में जांच के दौरान यह पाया जाता है कि किसी अन्य कारण से परिवार में विवाद हुआ था।

उसके बाद दहेज उत्पीड़न का मुकदमा कायम करा दिया गया था। जब तक जांच में मामला फर्जी पाया जाता है तब तक नामजद अभियुक्त दो–तीन माह की जेल काट चुके होते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि दहेज उत्पीड़न में दो माह तक गिरफ्तारी न की जाए और इस प्रकार के मामलों को परिवार कल्याण समिति को विचार हेतु भेजा जाए। कमेटी विस्तृत रिपोर्ट बनाए और उसे पुलिस व मजिस्ट्रेट को सौंपे। मुकदमे में कमेटी के किसी सदस्य को गवाह के तौर पर नहीं बुलाया जाएगा।

Topics: Allahabad High Courtइलाहाबाद उच्च न्यायालयदहेज उत्पीड़नदहेज उत्पीड़न मामलादहेज उत्पीड़न में गिरफ्तारीDowry HarassmentDowry Harassment CaseArrest in Dowry Harassment
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Rahul Gandhi

वीर सावरकर पर बुरे फंसे राहुल गांधी : हाईकोर्ट से मिला बड़ा झटका

Allahabad high court

उत्तर प्रदेश में 582 जजों का तबादला: ज्ञानवापी मामले के जस्टिस रवि कुमार भी शामिल

दिल्ली हाई कोर्ट जज का मामला राज्यसभा में गूंजा, क्या छिपा है राज?

उत्तराखंड : सीएम धामी का अधिकारियों पर गुस्सा, कहा- हेल्पलाइन 1905 में देरी क्यों.? जानें क्या हुआ बैठक में

“मैं और ताने सहन नहीं कर सकती” : उत्पीड़न ने छीनी शिक्षिका की जान, अन्विता शर्मा की मौत ने उजागर की ससुराल की क्रूरता

इलाहाबाद उच्च न्यायालय

महाकुंभ में भगदड़ की जांच नहीं करेगी CBI, पीआईएल खारिज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies