विश्वास गुरुकुल के संस्थापक और समारोह के मुख्य अतिथि राजीव भावे ने स्वामी विवेकानंद जी की बात स्मरण दिलाई। स्वामीजी चाहते थे कि पूर्वजों के कार्य से भी श्रेष्ठ हो, ऐसा भारत बनाना है।
गत दिनों नागपुर में विदर्भ प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) आयोजित हुआ। इसमें 33 जिलों के 16 से 40 वर्ष की आयु के 238 शिक्षार्थी सहभागी हुए। इनमें 134 विद्यालयीन छात्र, 28 व्यवसायी, 76 महाविद्यालयीन विद्यार्थी थे। प्रशिक्षण देने हेतु 35 शिक्षक वर्ग में उपस्थित रहे।
वर्ग के दौरान स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर क्रांतिकारियों का जीवन परिचय, भारत माता आरती, सेवाभाव जगाने हेतु श्रम साधना सत्र आदि उपक्रम हुए। इसके समापन समारोह में शिक्षार्थियों ने घोष, दंड, दंड-युद्ध, नियुद्ध, योगासन-व्यायाम योग आदि प्रस्तुत किए। इस अवसर पर विदर्भ प्रांत के कार्यवाह श्री दीपक ने कहा कि हमारे उत्थान के लिए हमें ही प्रयास करना है। कलियुग में संघ शक्ति अर्थात् समूह की शक्ति का महत्व बताया गया है। अत: हमें स्वयं के लिए नहीं, बल्कि समाज को सक्षम बनाने के लिए प्रयासरत रहना है।
विश्वास गुरुकुल के संस्थापक और समारोह के मुख्य अतिथि राजीव भावे ने स्वामी विवेकानंद जी की बात स्मरण दिलाई। स्वामीजी चाहते थे कि पूर्वजों के कार्य से भी श्रेष्ठ हो, ऐसा भारत बनाना है। डॉ. हेडगेवार जी ने परतंत्रता के कारणों पर मंथन कर निष्कर्ष निकाला कि स्वतंत्रता को टिकाने के लिए मन में समाज भक्ति और देशभक्ति की भावना लिए लोगों का संगठन खड़ा करना होगा। ऐसे व्यक्तियों के निर्माण हेतु उन्होंने शाखा तंत्र अपनाया। प्रति दिन एक घंटा शाखा पर आना और वहां यह समाज और देश मेरा है, अत: मुझे इसके लिए कार्य करना है, यह भाव जाग्रत करना। इसलिए समाज की उन्नति हेतु आवश्यक सभी क्षेत्रों में स्वयंसेवक आगे आए हैं।
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