गंगा को साफ रखने के अभियान में एनजीटी ने यूपी सरकार को चर्म शोधन कारखाने बंद कराने के आदेश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर शीघ्र ही इन्हें बन्द करवाए। इस आदेश के बाद बागपत जिले में 84 कारखाने बन्द करवाये गए हैं।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा और सहायक नदियों को स्वच्छ निर्मल बनाने के लक्ष्य में पश्चिम यूपी के चमड़ा शोधन कारखाने बाधा उपन्न कर रहे हैं। चमड़ा साफ करने और फिर इसे रंगने में खतरनाक रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जो इंसानों और जलीय जीवों के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यूपी, बिहार और उत्तराखंड सरकार को ये आदेश दिए हैं कि इन चर्म शोधन कारखानों को तुरंत बंद कराया जाए। जानकर बताते हैं कि एक सर्वे में इन चर्म शोधन कारखानों का पानी नालों से होता हुआ गंगा नदी तक पहुंचने की पुष्टि हुई है। पिछले सालों में एनजीटी ने कई पेपर मिल्स और अन्य कारखाने बंद करवाये थे, बाद में इन कारखानों द्वारा जल शोधन यंत्र लगाए जाने के बाद इन्हें खोले जाने की अनुमति मिली थी।
जानकारी के मुताबिक पश्चिम यूपी में सबसे ज्यादा चर्म शोधन कारखाने बागपत, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और रामपुर जिले में हैं, जहां से दूषित जल गंगा में जाकर मिल रहा है। बागपत जिला प्रशासन के कहने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दो महीने पहले इन चमड़ा साफ करने वाले कारखानों को नोटिस दिया था। भारी विरोध के बावजूद जिला प्रशासन ने दोहाट क्षेत्र में बंद करवा दिए और इन्हें गैर कानूनी रूप से चलाने पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी डाला है।
84 चर्म शोधन कारखाने ध्वस्त
बागपत में एसडीएम पूजा चौधरी, सीओ युवराज सिंह और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी जब इन कारखानों को बंद करवाने पहुंचे तो भीड़ ने प्रशासनिक दल पर पथराव किया। करीब डेढ़ घंटे के संघर्ष के दौरान सीओ युवराज सिंह ने तुरंत बुलडोजर दल, अतिरिक्त सुरक्षा बल और महिला सिपाहियों को मौके पर बुला लिया और उसके बाद लाठीचार्ज किया गया, जिसके बाद बुलडोजर ने इन अवैध कारखानों को ध्वस्त करके मिट्टी के ढेर में तब्दील कर दिया। पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस अभियान में 84 चर्म शोधन कारखाने ध्वस्त किये गए हैं।
जानकारी के मुताबिक जिले में अभी और भी ऐसे कारखाने हैं, जहां पशुओं, खास कर गौवंशों की खालों को साफ करने का अवैध कार्य किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि एनजीटी ने यूपी सरकार को अन्य जिलों में भी ऐसे कारखाने बंद करवाने को कहा है, जो अवैध रूप से चल रहे हैं और प्रदूषण फैला कर गंगा को गंदा करने में लगे हैं।
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