शाह रुख खान का बांद्रा स्थित बंगला ‘मन्नत’ कानूनी विवाद में फंस गया है। मुंबई के एक सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने शाहरुख पर कुछ आरोप लगाए हैं, जिसके चलते ‘मन्नत’ का नवीनीकरण शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गया। महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) के समक्ष मन्नत मामले की सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
एनजीटी में याचिका दायर
रिपोर्ट के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने अभिनेता शाहरु ख खान के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने शाह रुख और महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण पर तटीय विनियमन क्षेत्र की अनुमति के बिना ‘मन्नत’ में बदलाव करने का आरोप लगाया। संतोष का दावा है कि बंगले के नवीनीकरण के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया और शाह रुख ने इसके लिए आवश्यक मंजूरी नहीं ली।
‘मन्नत’ की कीमत करीब 200 करोड़
बांद्रा के पॉश इलाके में स्थित शाह रुख खान की आलीशान हवेली ‘मन्नत’ किसी टूरिस्ट अट्रैक्शन से कम नहीं है। प्रशंसक अक्सर यहां तस्वीरें खिंचवाते हैं। शाह रुख और गौरी ने अपने इस ड्रीम होम को और भी भव्य बनाने का फैसला किया था, लेकिन इससे पहले ही यह कानूनी विवादों में घिर गया। वहीं ‘मन्नत’ की कीमत की बात करें तो यह करीब 200 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
‘मन्नत’ ग्रेड III धरोहर संरचना की सूची में शामिल
शाहरुख खान का महलनुमा बंगला ‘मन्नत’ ग्रेड III धरोहर संरचना की सूची में शामिल है। ऐसे में इसमें किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए उचित अनुमति लेना अनिवार्य होता है। आरोप लगाया गया है कि शाहरुख ने जन आवास के लिए बने 12 वन-बीएचके फ्लैट्स को एक बड़े घर में तब्दील कर दिया है। इस मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर से उनके दावों के समर्थन में सबूत प्रस्तुत करने को कहा है।
23 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
न्यायिक सदस्य दिनेश कुमार सिंह और विशेषज्ञ सदस्य विजय कुलकर्णी ने कहा कि यदि शाह रुख खान या महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) के कोई नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो संतोष दौंडकर को 4 सप्ताह के भीतर सबूत प्रस्तुत करने होंगे। यदि वह ऐसा करने में असफल रहते हैं, तो अपील खारिज की जा सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 23 अप्रैल को होगी।
(इनपुट हिंदुस्थान समाचार )
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