फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 58.2 फीसदी मतों के साथ दूसरी बार जीत गए हैं। उन्होंने विपक्षी नेता मरीन ली पेन को दूसरी बार हराया है। वहीं, एफिल टॉवर के पास चैंप डे मार्स पार्क में विशाल स्क्रीन पर जीत का परिणाम दिखाए जाने के बाद मैक्रों के समर्थक खुशी से झूम उठे। हालांकि कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन की भी खबरें हैं। चुनाव के आधिकारिक आंकड़े आने के पहले ही ली पेन ने हार मान ली। माना जा रहा है कि फ्रांस के इस चुनावी नतीजे का यूक्रेन विवाद पर भी प्रभाव पड़ेगा।
फ्रांस में इस चुनाव के लिए रविवार शाम सात बजे तक मतदान के बाद मतगणना शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों की मानें तो ये चुनावी नतीजे पूरे यूरोप के लिए बेहद मायने रखते हैं। इस जीत के साथ ही इमैनुएल मैक्रों 20 वर्षों के दौरान दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले फ्रांस के पहले राष्ट्रपति बन गए हैं।
इन चुनाव नतीजों का यूक्रेन विवाद पर असर पड़ेगा। अपने पहले कार्यकाल में इमैनुएल ने खुद को प्रमुख वैश्विक नेता के तौर पर स्थापित किया है। वहीं, मैक्रों की जीत पर दुनिया भर से बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बधाई संदेश में कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर मेरे मित्र आपको बधाई ! भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए मिलकर काम जारी रखने की आशा करता हूं।
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने अपने बधाई संदेश में कहा कि हम पांच और वर्षों के लिए फ्रांस पर भरोसा कर सकते हैं। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि मुझे खुशी है कि हम अपना अच्छा सहयोग जारी रखेंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फ्रांस के राष्ट्रपति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि फ्रांस हमारे सबसे करीबी और सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा और फ्रांस में लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम जारी रखने के लिए तत्पर हैं, जिसमें लोकतंत्र की रक्षा, जलवायु परिवर्तन, अच्छी नौकरियां पैदा करने व मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक विकास शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि स्वस्थ, सुरक्षित और निष्पक्ष दुनिया के लिए फ्रांस और डब्ल्यूएचओ के बीच महत्वपूर्ण साझेदारी जारी रखने के लिए तत्पर हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलदोमीर ज़ेलेंस्की ने भी फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में मैक्रों की जीत पर उन्हें बधाई दी।
कट्टरता के खिलाफ खुलकर बोलते हैं
मैक्रों कट्टर इस्लामिक गतिविधियों के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। पिछले ही साल मैक्रों ने ‘द फोरम ऑफ इस्लाम’ बनाने का एलान किया था। इसमें इस्लाम को नए सिरे से आकार देने की बात कही गई थी। मैक्रों ने इस चार्टर में कई चीजें शामिल की। फ्रांस की कुल आबादी में 10 प्रतिशत मुसलमान हैं। ये यूरोप में मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी आबादी है। फ्रांस के अधिकतर मुस्लिम इसकी पूर्व कॉलोनी मोरक्को, ट्यूनीशिया और अल्ज़ीरिया से आकर बसे हैं। इस समुदाय की दूसरी और तीसरी पीढ़ियां फ्रांस में ही पैदा हुई हैं।
फ्रांस में तीस मस्जिद बंद
फ्रांस ने इस्लामिक कट्टरवाद के विरुद्ध पूरी तरह कमर कस ली है। गत एक वर्ष के दौरान उसने मजहबी उन्माद फैलाने वाले तत्वों, स्थलों के प्रति संभवत: ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना ली है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अनेक अवसरों पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस तरफ ध्यान दिलाया है और मांग की है कि इस नासूर को खत्म करके ही दुनिया में शांति संभव है। फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमानिन का हाल में आया यह बयान महत्वपूर्ण है कि वह ऐसे इस्लामिक कट्टरपंथियों में डर पैदा करना चाहते हैं जो उनके देश में आतंक फैलाने पर आमादा हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि 30 मस्जिदों पर कड़ी कार्रवाई करके उनको बंद किया जा चुका है।
इन देश के लोगों को बहुत कम देता है वीजा
फ्रांस ही वह देश है जिसने अल्जीरिया, ट्यूनीशिया तथा मोरक्को वालों वीजा देने की तादाद बहुत कम कर दी है। फ्रांस में शीर्ष संवैधानिक प्राधिकरण ने अलगाववाद रोधी कानून को पहले ही पास किया हुआ है। इस विधेयक को राष्ट्रीय असेंबली में पास किया गया था। विधेयक कट्टरपंथियों पर शिकंजा कसने के अनेक कड़े प्रावधानों की अनुमति देता है।
टिप्पणियाँ