झारखंड कांग्रेस में जबरदस्त उथल-पुथल मची हुई है। एक तरफ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की की विधायकी खत्म होने वाली है, दूसरी तरफ कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री के खिलाफ कांग्रेस के ही विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है।
इन दिनों झारखंड कांग्रेस के नेता अपने में ही उलझे हुए हैं। कोई अपने ही किसी नेता को निकम्मा बता रहा है, तो कोई भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है। बात बंधु तिर्की से शुरू करते हैं।
गत 28 मार्च को सीबीआई की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति रखने के एक मामले में बंधु तिर्की को 3 साल की सजा सुनाई थी। अब इनकी विधायकी भी जाने वाली है। इसके लिए विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने मंजूरी दे दी है। उम्मीद है कि जल्दी ही इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी। इसके बाद बंधु तिर्की की विधायकी समाप्त होने की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी जाएगी, ताकि 6 महीने के अंदर उपचुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
बंधु तिर्की मांडर विधानसभा खेत्र से झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस में चले गए थे। वर्तमान में वे झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के हैं।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 2013 में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम को संशोधित किया गया था। इसमें यह प्रावधान है कि किसी भी सदन के सदस्य को 2 साल या उससे अधिक की सजा होने पर सदन की सदस्यता समाप्त हो जाएगी। इसी कानून के तहत बंधु तिर्की पर कार्रवाई की जा रही है।
बंधु तिर्की की मुश्किलें यहीं पर समाप्त नहीं हो रही हैं। इन पर 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला का भी आरोप है। इस मामले में भी एसीबी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत में 21 अप्रैल को सुनवाई होनी है। अब देखना यह है कि इस मामले में भी बंधु तिर्की को राहत मिलती है या नहीं।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक ममता देवी पर रामगढ़ जिले के गोला में हुए गोलीकांड के मामले में 26 मार्च को हजारीबाग जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ की अदालत में आरोप गठन किया गया है। पता चला है कि इस मामले में स्पीडी ट्रायल चलाकर फैसला सुनाया जाएगा। इस घटनाक्रम से विधायक ममता देवी की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। अगर उन पर भी दोष साबित होता है तो उनकी विधायकी भी जा सकती है। यह तो रही कांग्रेस के दो विधायकों की बात जिसमें एक की विधायकी जा चुकी है और दूसरे की विधायकी पर तलवार लटक रही है।
अब बात करते हैं झारखंड प्रदेश कांग्रेस की तो यहां अलग ही घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के लगभग आधे विधायकों ने कांग्रेस कोटे से बनाए गए मंत्रियों के खिलाफ अपना मोर्चा खोलते हुए उन्हें नकारा बता दिया है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इन विधायकों का नेतृत्व हर बार की तरह इस बार भी जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी कर रहे हैं। विधायक इरफान अंसारी पहले भी कांग्रेस के कोटे से बने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का विरोध सदन के अंदर भी कर चुके हैं।
इस बार इरफान अंसारी ने 7 मार्च को कांग्रेस के अन्य तीन विधायकों को लेकर एक बैठक रांची के जेएससीए स्टेडियम में की थी। बैठक में बरही विधायक उमाशंकर अकेला, खिजरी विधायक राजेश कच्छप और कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाडी शामिल हुए थे। इन विधायकों का दावा है कि कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री नकारा हैं और तो और हाल ही में नियुक्त किए गए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे को भी उन्होंने निशाने पर लिया। इरफान अंसारी ने कहा कि कांग्रेस कोटे के मंत्री जनता का कोई काम नहीं कर रहे हैं जिससे राज्य में कांग्रेस की छवि ख़राब हो रही है। अंसारी का कहना है कि उनके साथ कांग्रेस के कुल 9 विधायक हैं और जल्दी ही वे सारे मामलों को लेकर सोनिया गांधी और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलेंगे। हालाँकि कुछ लोगों का कहना है कि इरफ़ान अंसारी का शुरू से ही बगावती तेवर रहा है। ये शुरू से ही झारखंड सरकार में मंत्री बनना चाहते थे इसीलिए ये अक्सर इस तरह की हरकत किया करते हैं।
आपको बता दें कि झारखंड में कांग्रेस कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, ग्राम विकास मंत्री आलमगीर आलम, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख हैं। इन सभी पर इरफान अंसारी बराबर आरोप लगाते रहे हैं।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी इन सबकी जानकारी केवल अखबारों से मिली है। अब तक किसी भी विधायक ने कोई शिकायत नहीं की है। यदि कोई करेगा तो उस पर गौर किया जाएगा।
अगर इरफान अंसारी की बात सच हुई तो कांग्रेस के अंदर उथल-पुथल मचने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसे में झारखंड की सरकार भी बचेगी या नहीं, इस पर भी संशय बना हुआ है।
झारखंड कांग्रेस में कुछ तो गड़बड़ है ! कांग्रेस के विधायकों ने अपने ही मंत्री के खिलाफ खोला मोर्चा।
कहीं राज्य सरकार पर तो तलवार नहीं लटक जाएगी? @epanchjanya pic.twitter.com/dEVXjnlvyu— Ritesh Kashyap (@meriteshkashyap) April 8, 2022
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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