मेरठ में हापुड़ रोड पर सील की गई मीट फैक्ट्री के बाद पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। प्रशासन ने इस मामले में याकूब सहित 14 लोगों को नामजद किया है। खास बात ये है कि मीट फैक्ट्री सरकार द्वारा 2019 में बंद करवाई गई थी। इसके बावजूद यहां मांस पैक किया जा रहा था।
मेरठ के खरखोदा क्षेत्र की मीट फैक्ट्री को पिछले दिनों प्रशासन ने सील किया था, यहां से 5 करोड़ का मीट बरामद की गई थी। यह फैक्ट्री पूर्व मंत्री सपा नेता याकूब कुरैशी की है। अल फहीम मीटैक्स प्र. लि. की इस फैक्ट्री में याकूब की पत्नी संजीदा बेगम, उनके दो पुत्र इमरान और फिरोज भी साझेदार हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार मीट की इस फैक्ट्री को 2019 में भी सील करके उन्हें स्टॉक में रखा 6 हजार टन मीट को खाड़ी देशों में निर्यात करने की प्रशासन ने शपथ पत्र लेकर मोहलत दी थी। छह माह के बाद भी फैक्ट्री बाहर से बन्द करके अन्दर ही अंदर चलती रही।
पुलिस प्रशासन ने जब पिछले हफ्ते इसे सील किया तो यहां करीब पांच करोड़ का मीट बरामद कर सील किया गया। जिला अधिकारी मेरठ ने पशु पालन, बाट माप, खाद्य विभाग, एक्ससाइज विभाग, एमडीए आदि विभागों से जांच के आरोप पत्र देने को कहा है। जानकारी के मुताबिक याकूब कुरैशी ने मर्चेंट एक्सपोर्टर के नाम से मीट की अवैध पैकिंग की जा रही थी। अभी प्रशासन ने 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है, जिनमे से 10 लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
याकूब, उनकी पत्नी और दो बेटों को इसलिए पुलिस ने मोहलत दी हुई है कि छापे के अगले दिन याकूब के दामाद की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। हालांकि दामाद के खिलाफ पुलिस-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। फिलहाल याकूब को 91 सीआरपीसी के तहत नोटिस दे दिया गया है। माना जा रहा है कि इस बार याकूब और उसके परिवार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
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