मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि नकल विहीन परीक्षा कराने हेतु जनपद में जोनल तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात कर लिए जाएं. सेक्टर मजिस्ट्रेट परीक्षा अवधि में परीक्षा केन्द्रों का नियमित निरीक्षण तथा पर्यवेक्षण करें. संगठित रूप से नकल कराने वालों पर रासुका के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए. अफवाह फैलाने वालों पर विशेष ध्यान रखा जाए तथा ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्ती की जाए. संवेदनशील केन्द्रों पर एसटीएफ द्वारा नजर रखी जाए.
मुख्य सचिव द्वारा यह भी अपेक्षा की गई कि समस्त जिलाधिकारी नकल विहीन व शांतिपूर्ण परीक्षा संचालन हेतु संबंधित अधिकारियों की बैठक शीघ्र कर लें तथा टीम बनाकर परीक्षा केन्द्रों की आधारभूत सुविधाओं का शत प्रतिशत स्थलीय निरीक्षण करा लें. उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा अवधि में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाय. इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, नगर विकास विभाग, पचायती राज विभाग से अपेक्षा की गई कि बोर्ड परीक्षा के दृष्टिगत परीक्षा केन्द्रों पर आवश्यक सुविधाओं उपलब्ध करायें, जिससे परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. मुख्य सचिव द्वारा समस्त जिलाधिकारी एवं पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि वह स्वयं भी परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण कर लें.
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में 8,373 परीक्षा केन्द्रों पर 51,92,689 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे है. प्रश्न पत्रों को रखने की व्यवस्था डबल लाक युक्त अलमारी में की गई है. प्रत्येक परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी तथा राउटर स्थापित किया गया है. इसके पर्यवेक्षण हेतु माध्यमिक शिक्षा के शिविर कार्यालय, लखनऊ में केन्द्रीयकृत राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है. इस कन्ट्रोल रूम से परीक्षा अवधि में प्रत्येक परीक्षा कक्ष कीं निगरानी की जायेगी. नकल विहीन परीक्षा कराना प्रत्येक जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक का दायित्व होगा, जो निरंतर जिला प्रशासन से समन्वय बनाये रखेगे. प्रदेश की बोर्ड परीक्षा में प्रथम बार सॉफ्टवेयर के माध्यम से कक्ष निरीक्षकों एवं अन्य कर्मियों की तैनाती की जा रही है, जिसमें उनकी दैनिक उपस्थिति होगी. परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल फोन ले जाना वर्जित रहेगा.
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