नार्को जिहाद की चपेट में असम!
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

नार्को जिहाद की चपेट में असम!

by WEB DESK
Mar 3, 2022, 12:22 am IST
in भारत, असम
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
असम में पुलिस द्वारा ड्रग्स के धंधे पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार तस्करों व पैडलरों में 80 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम हैं। इनमें सिर्फ मुस्लिम पुरुष ही नहीं, भारी संख्या में महिलाएं एवं मजहबी रहनुमा भी हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार ड्रग्स से कमाए धन को मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवाद को मजबूत करने के लिए भेजा जा रहा है, जो भारत के लिए खतरा है। जानकार इसे नार्को जिहाद बता रहे 

दिब्य कमल बोरदोलोई

जब से मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने ड्रग्स के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की है, असम पुलिस ने पिछले 10 महीनों में लगभग 3,818 ड्रग माफिया और पेडलर्स को गिरफ्तार किया है। लेकिन अगर आप असम में गिरफ्तार ड्रग तस्करों का बारीकी से विश्लेषण करें तो चौंक जाएंगे। गिरफ्तार किए गए इन ड्रग माफियाओं और तस्करों में 80 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम हैं।

तो क्या असम में इस्लामवादियों द्वारा नार्को जिहाद चलाया जा रहा है? 
‘नार्को जिहाद’ के माध्यम से युवा पीढ़ी की बौद्धिक और शैक्षणिक क्षमता नष्ट कर दी जाती है। केरल के पाला ईसाई डायोसिस के बिशप जोसफ कल्लारांगट्ट ने 9 सितंबर, 2021 को यह कहकर बहस छेड़ दी थी कि ‘ईसाई लड़कियां केरल में कथित ‘लव जिहाद और नार्कोटिक जिहाद’ का शिकार बन रही हैं और जहां पर चरमंपथी हथियार का इस्तेमाल नहीं कर सकते, वहां वे युवाओं को बर्बाद करने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।’

असम की स्थितियां भी नार्को जिहाद की ओर इशारा करती हैं। असम में लंबे समय से बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों की समस्या बनी हुई है। इन घुसपैठियों ने स्थानीय निवासियों की जमीनें कब्जा कर लीं, राजनीतिक संरक्षण लेकर पहचान पत्र बनवा लिये, जनांकिकी बदलकर राजनीतिक गढ़ बना लिये और असम की संस्कृति को विनष्ट करने लगे। इससे स्थानीय हिंदू जनता त्रस्त हो गई। भाजपा विधायक और वैष्णव मठ के भूमि अतिक्रमण का अध्ययन करने वाली उच्च स्तरीय समिति के सदस्य मृणाल सैकिया ने कहा कि नार्को जिहाद असमी युवाओं को कमजोर करने का एक मॉड्यूल है।  मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इसे असम की युवा पीढ़ी को खत्म करने के लिए डिजाइन किया है। नशीली दवाओं के व्यापार से अर्जित धन का उपयोग प्रवासी मुसलमानों द्वारा गरीब मूलनिवासी लोगों की भूमि खरीदने के लिए किया जाता है।  सैकिया ने कहा कि न केवल नार्को जिहाद, वे लव जिहाद, भूमि जिहाद और हिंदू बहुल निर्वाचन क्षेत्र हथियाने का जिहाद चला रहे हैं।

वर्ष 2016 में विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनने के बाद इन पर लगाम लगनी शुरू हुई। 2021 में डॉ. हिमंत विश्व सरमा ने मुख्यमंत्री बनने के बाद लगाम पूरी तरह कस दी तो मामले खुलकर सामने आ रहे हैं। असम पुलिस के स्पेशल डीजीपी जी.पी. सिंह ने 15 फरवरी को मीडिया को बताया था कि 10 मई, 2021 से 13 फरवरी, 2022 तक ड्रग तस्करी के मामले में 3818 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनसे बरामद ड्रग्स की अनुमानित बाजार कीमत 404.69 करोड़ रुपये थी। इस सिलसिले में कुल 2222 मामले दर्ज किए गए।
 

वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन असम प्रदेश के महासचिव बालेन बैश्य ने कहा, ‘‘जब से असम में जकात के पैसे का प्रवाह कम हुआ है, इस्लामवादियों ने अपने जिहादी काम के लिए नार्को जिहाद शुरू कर दिया है। वे हर महीने ड्रग्स के कारोबार से बड़ा पैसा कमाते हैं और लव जिहाद, कट्टरपंथ, जमीन हथियाना आदि जैसी घटनाओं को बढ़ाने के लिए फंड का इस्तेमाल करते हैं।  बैश्य ने कहा कि प्रवासी मुस्लिमों का एक बड़ा वर्ग निचले असम के नदी क्षेत्रों में कई वर्षों से खसखस और गांजे की खेती में शामिल है। यह भी नार्को जिहाद का एक हिस्सा है।

नौगांव बना केंद्र
म्यांमार से भारत में भारी मात्रा में नशीले पदार्थ नगालैंड और असम के कार्बी आंगलोंग जिले से आते हैं।  नौगांव उन नशीली दवाओं की खेप के लिए एक पारगमन बिंदु बन गया।  एस.पी. आनंद मिश्र के नेतृत्व में नौगांव पुलिस ने पिछले 10 महीनों में ड्रग्स नेटवर्क पर सफलतापूर्वक अंकुश लगाया है। इस अवधि में नौगांव पुलिस ने लगभग 500 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है और आश्चर्यजनक रूप से उनमें से लगभग 85 प्रतिशत मुसलमान हैं। नौगांव में 16 फरवरी से 20 फरवरी के बीच 10 तस्करों एवं पैडलरों की गिरफ्तारी हुई। ये सभी मुस्लिम हैं। नौगांव के अलावा अन्य जिलों में भी ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किय गया है।

अन्य जिले भी चपेट में
अन्य कुछ जिलों में परिदृश्य बहुत अलग नहीं है। पिछले हफ्ते निचले असम में दरांग जिला पुलिस ने चार पैडलर्स फरीदुल अली, रेकिब जावेद अली, दादुल अहमद और मजीबुर रहमान को ब्राउन शुगर समेत गिरफ्तार किया था। 15 फरवरी को बारपेटा पुलिस की एक टीम ने 28 प्लास्टिक कंटेनर में ड्रग्स के साथ ड्रग तस्कर सफीकुल इस्लाम को पकड़ा। 18 फरवरी को गुवाहाटी पुलिस ने एक ड्रग तस्कर अताउर रहमान को दो अन्य के साथ 14 करोड़ रुपये के ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार शख्स कुख्यात ड्रग माफिया और हत्यारे समौल हक उर्फ पाखी मिया कां बेटा है।

पाखी मियां मुख्य ड्रग माफिया था, जिसने कभी असम में ड्रग्स और गांजा के पूरे नेटवर्क को अकेले ही नियंत्रित किया था। उसके बेटे अताउर की भारी मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। क्या पाखी मियां फिर से अपने ड्रग नेटवर्क को सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है, यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा सवाल है।  बांग्लादेश से सटे असम के सीमावर्ती जिलों में भी कुछ ऐसा ही हाल है। गौरतलब है कि धुबरी, करीमगंज जैसे सीमावर्ती जिलों में गिरफ्तार किए गए अधिकांश ड्रग तस्कर मुसलमान हैं।

ड्रग्स की कमाई से कट्टरपंथ का पोषण
असम पुलिस इसे हल्के में नहीं ले रही। बड़ा सवाल यह है कि क्या वे असम में 'नार्को जिहाद' से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं?  असम पुलिस की शीर्ष खुफिया एजेंसियों का मानना है कि भले ही इनमें से अधिकांश मुस्लिम ड्रग तस्कर किसी संगठित अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट के तहत नहीं हैं, लेकिन नार्को-मिलिटेंसी एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इन प्रवासी मुसलमानों के बीच अपराध की जड़ें इतनी गहरी हैं कि वे नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल होने से पहले दो बार सोचते भी नहीं। असम पुलिस इस बात की खुफिया जांच कर रही है कि क्या ड्रग्स के जरिए कमाए गए पैसे को असम में इस्लामिक उग्रवाद गतिविधि को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं?  लेकिन पुलिस के लिए सबसे बड़ी चिंता प्रतिबंधित प्रतिबंधित 'याबा' टैबलेट को लेकर है।  पुलिस ने पिछले 10 महीने में 30 लाख से अधिक याबा टैबलेट जब्त किए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इनमें से अधिकतर प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी बांग्लादेश में की जाती है। नियो-जेएमबी जैसे कुछ प्रतिबंधित इस्लामिक आतंकवादी संगठन याबा टैबलेट की तस्करी में शामिल हैं। पुलिस की खुफिया जानकारी के मुताबिक याबा टैबलेट की तस्करी के माध्यम से बनाए गए धन को मुस्लिम युवाओं के कट्टरपंथ और बांग्लादेश में इस्लामी आतंकवाद को मजबूत करने के लिए भेजा जा रहा है, जो भारत के लिए खतरा बना हुआ है।

तस्करी में शामिल मुस्लिम मजहबी नेता
असम में न केवल आम प्रवासी मुसलमान मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल हैं, बल्कि मुस्लिम जोनाब और हाफिज भी राज्य में ड्रग्स रैकेट चला रहे हैं। निचले असम की बोंगाईगांव जिला पुलिस ने पिछले साल 25 अक्तूबर को एक ग्राहक को ड्रग्स पहुंचाने की कोशिश करते हुए हाफिज अब्दुल्ला अली को गिरफ्तार किया था। जांच में पुलिस टीम ने पाया कि जोनाब अल्ताफ अली नाम का एक शख्स जिले में ड्रग रैकेट चला रहा है, जिसमें मुस्लिम मजहबी गुरुओं को शामिल किया जा रहा है।  ये तस्कर पुलिस को ठगने के लिए कम मात्रा में नशीला पदार्थ पहुंचाते हैं। बोंगाईगांव पुलिस के निशाने पर अब रैकेट का मास्टरमाइंड जोनाब अल्ताफ अली है, जो फरार है।

मुस्लिम महिला ड्रग तस्कर
ड्रग्स की तस्करी में सिर्फ प्रवासी मुस्लिम पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी शामिल हैं। असम पुलिस ने पिछले कई महीनों में कई मुस्लिम महिला ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। 20 फरवरी को नौगांव पुलिस ने एक महिला ड्रग तस्कर सैमसन नेहर उर्फ सासु को नशीला पदार्थ और प्रतिबंधित सामग्री के साथ गिरफ्तार किया। 13 फरवरी को उन्होंने एक अन्य मुस्लिम महिला जोत्सनारा बेगम को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था।  इसी तरह 12 फरवरी को फरीदा और जहांआरा को भी नशीले पदार्थों की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया गया था।  ये तो चंद उदाहरण हैं।  पिछले कई महीनों में पूरे असम में कई अन्य मुस्लिम ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।  पिछले साल अगस्त में गुवाहाटी पुलिस ने एक मुस्लिम महिला ड्रग तस्कर रोंगमोला बेगम को गिरफ्तार किया था।  उसके पास से 2 साबुन की पेटी और 99 शीशियों में हेरोइन, 300 खाली शीशी, 1,01,000 रु. नकद बरामद किये गए। 

जुलाई में, नौगांव पुलिस ने जिले के विभिन्न हिस्सों से मुस्लिम महिला ड्रग पेडलर्स, जैस्मिना बेगम और शाहिदा बेगम और 14 अन्य ड्रग पेडलर्स को भारी मात्रा में ड्रग्स और कॉन्ट्रैबेंड के साथ गिरफ्तार किया था। 11 अगस्त को, नौगांव पुलिस ने तीन मुस्लिम ड्रग पेडलर्स, अर्थात् हाजरा बेगम, नाजिमा खातून, अफसाना बेगम को बड़ी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़ा।  पुलिस ने 6 जुलाई को समगुरी इलाके से दो मोस्ट वांटेड मुस्लिम ड्रग तस्कर जमीना खातून और जोशनारा बेगम को गिरफ्तार किया था और उनके कब्जे से काफी मात्रा में ड्रग्स जब्त किया था।  एक अन्य महिला तसलीमा बेगम को भी 28 लाख रुपये की 400 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया है। नौगांव पुलिस ने जुलाई में जिले के जुरिया इलाके से एक और मुस्लिम ड्रग तस्कर सहिदा बेगम को भी गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तारी की घटनाओं और खुफिया रिपोर्टों से स्पष्ट है कि असम को नार्को जिहाद के जरिए पूरे असम को चपेट में लेने की साजिश चल रही है। इसमें सामान्य मुस्लिम पुरुषों के साथ मुस्लिम महिलाओं और मजहबी रहनुमा भी शामिल हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा के र्ड्ग्स के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की।                                                           
 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies