यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात फिर एक उच्चस्तरीय बैठक की। विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार रात को बताया कि यूक्रेन से सभी नागरिकों को जल्द से जल्द बाहर निकाल लिया जाएगा। भारतीयों को वापस लाने के लिए बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा 3 दिन में 26 फ्लाइट शेड्यूल कर दी गई हैं। हमारे पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक यूक्रेन की राजधानी में कीव में अब कोई भारतीय नागरिक नहीं है। हमारे सब नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है। वहां से अब हमें किसी ने संपर्क नहीं किया है। देर रात यह भी खबर आई कि रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव में एक टीवी टावर को ध्वस्त कर दिया है। समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि इस हमलें में पांच लोगों की जान गई है।
वहीं भारतीय वायु सेना का सी-17 परिवहन विमान यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए बुधवार सुबह चार बजे रोमानिया के लिए रवाना हो गया। विमान दिल्ली के पास हिंडन में अपने एयरबेस से उड़ान भरी। इसमें राहत सामग्री भी भेजी गई है।
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने यह भी बताया कि जब पहली एडवाइजरी जारी की गई थी, उस समय यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय छात्र थे, तब से लगभग 12,000 छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं। बचे 40% छात्रों में से लगभग आधे संघर्ष क्षेत्र में हैं और आधे यूक्रेन के पश्चिमी बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं या उसकी तरफ बढ़ रहे हैं। जल्द से जल्द अपने नागरिकों को संघर्ष क्षेत्र से बाहर निकालेंगे और नवीन शेखरप्पा की पार्थिव देह वापस लाएंगे। हम वहां के स्थानीय निकाय से लगातार संपर्क में हैं।
रोमानिया से विशेष उड़ान के लिए भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं
रोमानिया में भारतीय दूतावास ने स्पष्ट किया है कि रोमानिया से विशेष विमानों से भारत लौटने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है। दूतावास को कुछ छात्रों से इस तरह के सवाल मिले थे। भ्रम की स्थिति न रहे, इसलिए दूतावास ने सोशल मीडिया के जरिये भी इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि इससे पहले पोलैंड ने बड़ा कदम उठाया था। पोलैंड की सरकार ने घोषणा की थी कि यूक्रेन से पोलैंड की सीमा में प्रवेश करने वाले भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं है।
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