गत दिनों वसंत पंचमी और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी विभाग द्वारा पथ संचलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वयंसेवकों ने विश्वविद्यालय कुलगीत प्रस्तुत किया। इसके बाद कृषि विज्ञान संस्थान से पथ संचलन प्रारंभ हुआ, जो संकाय मार्ग से होते हुए सिंह द्वार पर पहुंचा।
इससे पहले स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए पूर्व महाधिवक्ता अशोक मेहता ने कहा कि विश्व ने भारतीय आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था को आज स्वीकार कर लिया है और भारत विश्वद्रष्टा बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत उस व्यवस्था को स्थापित करेगा, जिसमें दरिद्रता और असमानताएं दूर होंगी। कार्य करने की सुविधा व क्षमता प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगी।
दुनिया भारतवर्ष की ओर आशान्वित दृष्टि से देख रही है। उन्होंने कहा कि मालवीय जी की हार्दिक इच्छा थी कि हर विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं तकनीकी विषय का अध्यापन हिंदी भाषा में हो, क्योंकि मां, मातृभाषा एवं मातृभूमि का कोई विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य है कि पिछले 70 वर्ष में ऐसा नहीं हो पाया, लेकिन अब इच्छुक छात्रों को तकनीकी संस्थानों में सात भारतीय भाषाओं में अध्ययन का अवसर मिलेगा।
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