पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, कांग्रेस में अंदरूनी घमासान तेज होता जा रहा है। पार्टी में नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कोई टिकट बंटवारे पर सवाल उठा रहा है तो कोई मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कठघरे में खड़ा कर रहा है। पार्टी नेतृत्व द्वारा चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने बाद नवजोत सिंह सिद्धू तो चुप हैं, लेकिन उनकी बेटी राबिया सिद्धू और पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने मोर्चा संभाल रखा है।
दरअसल, कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को ‘गरीब आदमी’ बताकर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है। चुनाव प्रचार में चन्नी भी खुद को गरीब बताते हैं। हालांकि कांग्रेस में राहुल गांधी के चरणजीत सिंह चन्नी को गरीब बताने के बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चन्नी को गरीब बताने पर राबिया ने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति के बैंक खाते में 133 करोड़ से ज्यादा रुपये हों, वह गरीब नहीं होता। चन्नी जी गरीब कैसे हुए? वे करोड़पति हैं।’’ साथ ही, कहा कि पार्टी हाईकमान की कुछ मजबूरियां रही होंगी। लेकिन बेईमान को रुकना ही पड़ता है। वहीं ईमानदार को कोई नहीं रोक सकता। सिद्धू पंजाब के लिए जीते हैं, पर उन्हें आगे नहीं आने दिया जा रहा है।
इससे पहले, गुरुवार को पिता के लिए चुनाव प्रचार कर रहीं राबिया सिद्धू ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा था कि जब तक उनके पिता चुनाव नहीं जीत जाएंगे, तब तक वह शादी नहीं करेंगी। यह लड़ाई सच और झूठ की है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने भी कहा कि चन्नी बहुत अमीर हैं। उनके आयकर रिटर्न यह दिखाते हैं। इसलिए उन्हें गरीब कहना गलत है। उनके पास हमसे भी बड़ा घर और बैंक बैलेंस है। वे गरीब तो नहीं हैं। उन्होंने पार्टी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वही जो योग्य हो। इतने बड़े पद पर किसी को बैठाने से पहले उसकी योग्यता, ईमानदारी और काम को देखा जाना चाहिए, न कि जात-पात और समुदाय।
बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के बाद यह दूसरा मौका है जब सिद्धू चुनाव प्रचार छोड़कर फिर से माता वैष्णो देवी के दर्शन करने चले गए हैं। उनकी अनुपस्थिति में राबिया सिद्धू और नवजोत कौर जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं।
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